सेहतनामा- व्रत के बाद तेजी से क्यों बढ़ता है वजन:न्यूट्रिशनिस्ट ने बताए व्रत के बाद वजन मेन्टेन रखने के 10 टिप्स, न करें ये गलतियां

शारदीय नवरात्रि अपने समापन की ओर है। लोगों ने इन 9 दिनों में खूब उत्साह और श्रद्धा के साथ देवी दुर्गा के 9 रूपों की पूजा-अर्चना की। अपनी स्थानीय मान्यताओं के अनुसार प्रसाद और शृंगार अर्पित किए। कई लोगों ने 9 दिनों तक व्रत रखा। हर जगह व्रत की अपनी मान्यताएं हैं। कुछ लोग अन्न का त्याग करते हैं, कुछ लोग सिर्फ दिन में एक बार सात्विक आहार ग्रहण करते हैं तो कुछ लोग पूरी तरह से भोजन त्यागकर सिर्फ जलाहार करते हैं। मोटापे और अधिक वजन से परेशान लोगों को लिए नवरात्रि व्रत एक अच्छे पैकेज की तरह होता है। वे देवी की प्रसन्नता के लिए व्रत रखते हैं, इससे उन्हें वेट मैनेजमेंट में भी मदद मिल जाती है। अब बड़ी समस्या ये है कि व्रत पूरा होने के बाद अपने डेली डाइट रुटीन में किस तरह लौटना है। यह सवाल इसलिए क्योंकि अक्सर देखा जाता है कि व्रत के दिनों में वजन घटाने के लिए की गई सारी मेहनत नॉर्मल डाइट रुटीन में लौटते ही चौपट हो जाती है। वजन फिर से बढ़ जाता है, तोंद फिर से निकल आती है। इस बार वजन और तेजी से बढ़ता है। इसका पाचन तंत्र और लिवर पर भी बुरा असर पड़ता है। इसलिए आज ‘सेहतनामा’ में जानेंगे कि नवरात्रि व्रत खत्म होने के बाद तुरंत रूटीन फूड हैबिट्स पर क्यों नहीं लौटना चाहिए। साथ ही जानेंगे कि- व्रत के बाद चटपटा खाने का मन करता है व्रत के दौरान लोग अन्न का त्याग कर देते हैं। सिर्फ फल और सब्जियों से बना सात्विक भोजन करते हैं। कुछ लोग तो पूरे 9 दिन तक कुछ भी नहीं खाते हैं, सिर्फ जल ग्रहण करते हैं। इन 9 दिनों तक मन को काबू करके रखना होता है। इसलिए व्रत खत्म होने के बाद जैसे ही हमें यह पता लगता है कि अब हमारे खाने में कोई पाबंदी नहीं है तो मन कुछ चटपटे स्वाद की मांग करने लगता है। दिल्ली की न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. अमृता मिश्रा कहती हैं कि व्रत खोलने के बाद अगर आप तुरंत तला-भुना और चटपटा खाना खा रहे हैं तो इसका सेहत पर गंभीर असर हो सकता है। नवरात्रि व्रत के दौरान लोग 9 दिनों तक बेहद कम और हल्का भोजन करते हैं। इसलिए पाचन तंत्र और मेटाबॉलिज्म आराम के मोड में आ जाता है। अगर आप अचानक तला-भुना खाना खाते हैं तो लिवर को इसे पचाने में बहुत मुश्किल होगी। इससे पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। व्रत खोलने के बाद तेजी से बढ़ सकता है मोटापा नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में अक्टूबर, 2019 में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, जिन लोगों की लाइफस्टाइल खराब है, जिनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति ऐसी है कि उन्हें अक्सर भूखे रहना पड़ता है, ऐसे लोगों में मोटापा होने और ओवरवेट होने का ज्यादा जोखिम होता है। स्टडी में पाया गया कि हमारा दिमाग हमारे हर छोटे-बड़े एक्शन को नोट करता रहता है। इसके अनुसार ही इंटरनल बॉडी ऑर्गन्स को काम करने का आदेश देता है। अगर दिमाग बार-बार यह नोट कर रहा है कि शरीर को अक्सर भूख का सामना करना पड़ता है तो वह अगली बार ऐसे वक्त के लिए पहले से ही तैयारी करके रखेगा। यही कारण है कि जिन लोगों के पास पर्याप्त खाना नहीं है या जिन्हें अक्सर भूख का सामना करना पड़ता है, उन्हें मोटापे का ज्यादा जोखिम होता है। ठीक यही प्रक्रिया व्रत के दौरान होती है। हमारा शरीर भूख से गुजर रहा होता है, इसलिए खाना मिलते ही भविष्य में दोबारा इस स्थिति से निपटने के लिए खाना स्टोर करने लगता है। यह मोटापे के रूप में सामने आता है। अब अगर शरीर इस वैज्ञानिक सूत्र से चल रहा है और इसके साथ ज्यादा फैटी फूड भी खा लिया जाए तो इसके नतीजे और भी खराब हो सकते हैं। इससे बहुत तेजी से मोटापा बढ़ सकता है। व्रत खोलने के बाद सावधानी जरूरी इंदौर के मेदांता हॉस्पिटल में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. हरि प्रसाद यादव कहते हैं कि व्रत खोलने के तुरंत बाद बहुत तला-भुना भोजन करने से पेट खराब होने के साथ लिवर पर भी अधिक जोर पड़ सकता है। इसके कारण गंभीर स्थितियां पैदा हो सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि व्रत खोलने के बाद शुरुआती दिनों में आसानी से पचने वाला हल्का भोजन करें। अगर कोई व्रत खोलने के तुरंत बाद बहुत चटपटा या फैटी भोजन करता है तो पेट में जलन हो सकती है, गैस बन सकती है। शरीर के इन इशारों को इग्नोर करना भारी पड़ सकता है। आइए ग्राफिक में देखते हैं कि व्रत के तुरंत बाद हमें किन गलतियों से बचना चाहिए। धीरे-धीरे रुटीन फूड हैबिट में लौटें डॉ. हरि प्रसाद यादव कहते हैं कि व्रत के तुरंत बाद रुटीन फूड हैबिट में लौटना भारी पड़ सकता है, अपच की समस्या हो सकती है या उल्टियां हो सकती हैं। इसे ऐसे समझिए कि हम बचपन में 1-2 किलोमीटर तक बिना थकावट के आराम से दौड़ जाते थे। यह हमारे खेल और डेली रुटीन का हिस्सा था। अब अगर अचानक इतना दौड़ने को कह दिया जाए और यह डेली हैबिट का हिस्सा नहीं है तो सांस उखड़ने लगेगी। इसका मतलब है कि हमारे फेफड़े इसके लिए तैयार नहीं हैं और उन पर अचानक बहुत सारा लोड डाला जा रहा है। ठीक इसी तरह हमारे शरीर के सभी ऑर्गन्स काम करते हैं। व्रत के दौरान हमारा पाचन तंत्र आराम के मोड में चला जाता है। फिर जब अचानक इसे इतना खाना पचाना पड़ता है तो यह जवाब देने लगता है। इसके कारण अपच और उल्टी की समस्या शुरू हो जाती है। वजन मेन्टेन रखना है तो अनुशासन जरूरी किसी भी क्षेत्र में सफलता का सबसे जरूरी अंग अनुशासन होता है। इसके टूटते ही परिणाम भी बिखरने लगते हैं। इसी तरह वजन मेन्टेन रखने के लिए डाइट प्लान में अनुशासन जरूरी है। व्रत के बाद भी जंकफूड से दूरी बनाए रखें, सात्विक भोजन करें। बहुत शुगरी फूड्स न खाएं। डॉ. अमृता मिश्रा कहती हैं कि व्रत के बाद भोजन में इस बात का ख्याल रखें कि इसमें ज्यादा-से-ज्यादा फाइबर और प्रोबायोटिक्स हों। इससे पाचन तंत्र पर अधिक जोर नहीं पड़ेगा। फाइबर के लिए फल, सब्जियां और साबुत अनाज खाएं। प्रोबायोटिक्स के लिए भोजन में दही शामिल करें। …………………….
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