सेहतनामा- PCOS के कारण महिलाओं के चेहरे पर उगते बाल:दुनिया की हर चौथी महिला प्रभावित, पीरियड में देरी हो तो डॉक्टर से मिलें

क्या आपने अपने आसपास कभी किसी महिला के चेहरे पर असामान्य बाल देखे हैं? कई बार महिलाएं इसे लेकर शर्मिंदगी महसूस करती हैं। लोग भी इसका मजाक बनाते हैं, जबकि उन्हें हमारे साथ और इलाज की जरूरत होती है। यह एक मेडिकल कंडीशन है, जिसे हिर्सुटिज्म (Hirsutism) कहते हैं। यह एक मेडिकल कंडीशन PCOS का प्रमुख लक्षण है। PCOS यानी पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम इन दिनों पूरी दुनिया की महिलाओं को होने वाली एक कॉमन समस्या बनती जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, इस कंडीशन से दुनिया भर में 5 से 26% महिलाएं प्रभावित हैं। इंडियन जर्नल ऑफ बायोकेमेस्ट्री एंड बायोफिजिक्स में पब्लिश आंकड़ों के मुताबिक भारत में 3.7 से 22.5% महिलाएं PCOS से जूझ रही हैं। इसका मतलब है कि दुनिया में लगभग हर चौथी महिला इस कंडीशन से गुजरती है। इस मेडिकल कंडीशन के कारण महिलाओं के शरीर में मेल हॉर्मोन बढ़ जाते हैं। इसका सीधा कनेक्शन इंसुलिन रेजिस्टेंस से है, जो टाइप 2 डायबिटीज का भी कारण बनता है। जब महिलाओं का शरीर इंसुलिन के प्रति अच्छे से प्रतिक्रिया नहीं दे पाता है तो अंडाशय अधिक मात्रा में मेल हॉर्मोन का उत्पादन करने लगते हैं। इसके चलते चेहरे पर अधिक बाल उगने लगते हैं। PCOS के कारण इंफर्टिलिटी की समस्या भी हो सकती है। इसलिए आज ‘सेहतनामा’ में PCOS की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- PCOS क्या है? यह एक मेडिकल कंडीशन है। आसान शब्दों में इसे ऐसे समझें कि हर महिला के शरीर में ओवरी से हर महीने एक अंडा निकलता है, वो टूटता है और फिर पीरियड्स होते हैं। लेकिन PCOS होने पर यह अंडा नहीं निकलता या फिर बहुत देर से निकलता है। नीचे तस्वीर में देखिए कि एक सामान्य ओवरी और PCOS ओवरी में क्या फर्क है। PCOS होने पर ओवरी में सिस्ट हो जाते हैं, जो एग रिलीज में बाधा बनते हैं। PCOS की समस्या किस उम्र में शुरू होती है? यह कंडीशन महिलाओं को प्यूबर्टी के बाद कभी भी हो सकती है। ज्यादातर मामलों में यह समस्या 20-30 की उम्र में डिटेक्ट होती है। आमतौर पर जब कोई प्रेग्नेंसी के लिए कोशिश करता है तो इसमें मुश्किल आने पर जांच के दौरान इसका पता चल पाता है। अगर किसी महिला को मोटापे की समस्या है या PCOS की उनकी फैमिली हिस्ट्री है तो उन्हें इसकी आशंका अधिक हो सकती है। इसके क्या लक्षण होते हैं? PCOS के सबसे सामान्य लक्षण अनियमित पीरियड्स और शरीर पर बालों की असामान्य ग्रोथ है। इसके अलावा मुंहासे और अचानक वेट गेन जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं। इस बात की भी संभावना है कि कई बार PCOS होने के बावजूद इसका कोई लक्षण नजर न आए। बहुत सी महिलाओं को तो इस कंडीशन का एहसास तब तक नहीं होता है, जब तक उन्हें प्रेग्नेंसी में कोई परेशानी न हो या अचानक वजन न बढ़ रहा हो। PCOS क्यों होता है? कई स्टडीज के बावजूद इसका बहुत सटीक कारण अभी तक नहीं पता चला है। फेमस जर्नल स्प्रिंगर लिंक में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, जब महिलाओं में मेल हॉर्मोन्स बढ़ जाते हैं तो अंडाशय के हॉर्मोन प्रोडक्शन और सामान्य रूप से एग्स बनाने में समस्या होने लगती है। यह समस्या आमतौर पर इंसुलिन रेजिस्टेंस के कारण शुरू होती है। इसके अन्य कारण क्या हैं, आइए ग्राफिक में देखते हैं। क्या PCOS के कारण अन्य बीमारियों का रिस्क बढ़ सकता है? हां, PCOS का डायबिटीज और हाइपरटेंशन जैसी कई बीमारियों के साथ सीधा कनेक्शन है। इससे कार्डियोवस्कुलर डिजीज का भी खतरा बढ़ सकता है। इसके कारण किन-किन बीमारियों का जोखिम हो सकता है, ग्राफिक में देखिए। PCOS का पता कैसे चलता है? डॉक्टर PCOS को कन्फर्म करने के लिए ये टेस्ट करते हैं- मेन्स्ट्रुएल हिस्ट्री- पीरियड्स की डेट, फ्रीक्वेंसी के बारे में पूरी जानकारी लेना। ब्लड टेस्ट- यह जानने के लिए कि शरीर में मेल हॉर्मोन की मात्रा कितनी है। लोअर एबडॉमिनल स्कैन- इससे PCOS की मौजूदगी फाइनली कन्फर्म हो जाती है। सावधानी- डॉ. शिल्पा तिवारी बताती हैं कि उनके पास कई बार 18-19 साल की लड़कियां PCOS की शिकायत लेकर आती हैं। उनके पास ओवरी का अल्ट्रासाउंड होता है, जिसमें ओवरी पूरी तरह डेवलप नहीं दिख रही होती। इसका कारण है कि ओवरी अभी भी डेवलेपमेंट की स्टेज में है। हॉर्मोनल बदलाव अभी हो रहे हैं और शरीर उसके हिसाब से एडजेस्ट कर रहा है। इतनी कम उम्र में PCOS डायग्नोसिस की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। डॉ. शिल्पा आगाह करती हैं कि सिर्फ अल्ट्रासाउंड से PCOS का पता नहीं चलता। ये होने के लिए कुछ बेसिक कंडीशंस होना जरूरी है। जैसे- क्या PCOS का पूरी तरह इलाज मुमकिन है? PCOS का कोई सटीक इलाज उपलब्ध नहीं है। असल में इसके इलाज के दौरान डॉक्टर इसके लक्षणों को मैनेज करने की कोशिश करते हैं। PCOS के कारण होने वाले प्रभाव समय के साथ बदल भी सकते हैं। अगर वक्त गुजरने के साथ इसके लक्षण कमजोर पड़ जाते हैं तो कई बार लोग इसे भूल जाते हैं। यह कंडीशन पूरी तरह से कभी ठीक नहीं होती है। हालांकि अपनी लाइफ स्टाइल और डाइट में कुछ बदलाव करके इस कंडीशन के लक्षणों को कम किया जा सकता है। इससे प्रेग्नेंसी में हो रही कठिनाइयां भी कम हो सकती हैं। क्या PCOS हो तो भी प्रेग्नेंसी हो सकती है? हां, बिल्कुल हो सकती है। अगर किसी को PCOS है तो भी प्रेग्नेंसी हो सकती है। यह सच है कि PCOS के कारण कंसीव करने में थोड़ी मुश्किल हो सकती है और यह भी संभव है कि गर्भावस्था के दौरान कुछ कॉम्प्लिकेशंस का सामना करना पड़े। इसके बावजूद प्रेग्नेंसी हो सकती है और थोड़ा सा ख्याल रखने से स्वस्थ बच्चे का जन्म होता है। PCOS इतना कॉमन है कि कई महिलाओं को पता भी नहीं होता है कि उन्हें PCOS की समस्या है और वह किसी समस्या के बिना मां बन जाती हैं। हालांकि कई बार समस्या अधिक होने पर कुछ ट्रीटमेंट का सहारा भी लेना पड़ता है। क्या मीनोपॉज के बाद भी PCOS हो सकता है? हां, किसी को मीनोपॉज के बाद भी PCOS प्रभावित कर सकता है। इसके कारण कई तरह के हॉर्मोनल बदलाव होते हैं और लाइफ की क्वालिटी प्रभावित हो सकती है। कई लोग यह सोचते हैं कि मीनोपॉज के बाद प्रेग्नेंसी तो होनी नहीं है, ऐसे में इलाज क्यों ही करवाएं। जबकि हमें डॉक्टर से मिलकर इसके उचित इलाज के लिए सलाह लेनी चाहिए।