राहुल गांधी के करीबी और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के खिलाफ कर्नाटक में FIR दर्ज हुई है। उनके NGO फाउंडेशन फॉर रिवाइटलाइजेशन ऑफ लोकल हेल्थ ट्रेडिशन (FRLHT) पर वन विभाग की जमीन पर कब्जा करने का आरोप है। भाजपा नेता की शिकायत पर पित्रोदा, उनके NGO के एक साथी, वन विभाग के 4 अफसर और एक रिटायर्ड IAS अफसर के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। बीजेपी नेता और एंटी बेग्लुरू करप्शन फोरम के अध्यक्ष रमेश एनआर ने 24 फरवरी को ED और लोकायुक्त के पास इस मामले की शिकायत की थी। इस पर जांच के बाद 10 मार्च को केस दर्ज किया गया। इस केस की शिकायत दर्ज होने के बाद पित्रोदा ने 27 फरवरी को X पर लिखा था- मेरे पास भारत में कोई जमीन-घर या शेयर नहीं हैं। 1980 के दशक में प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ और 2004 से 2014 तक डॉ. मनमोहन सिंह के साथ काम करने के दौरान मैंने कभी कोई वेतन नहीं लिया। मैंने अपने 83 साल के जीवन में कभी भी भारत या किसी अन्य देश में रिश्वत नहीं दी है या स्वीकार नहीं की है। आरोप गलत हैं। 14 साल पहले लीज खत्म, लेकिन कब्जा नहीं छोड़ा सैम पित्रोदा ने 1996 में मुंबई में एक संगठन FRLHT रजिस्टर्ड किया था। उसी साल कर्नाटक के वन विभाग से 5 हेक्टेयर (12.35 एकड़) जंगल की जमीन येलहंका के पास जारकाबांडे कावल में 5 साल के लिए लीज पर ली थी। 2001 में इस लीज को 10 और साल के लिए बढ़ा दिया गया था। 2011 से लीज खत्म हो गई थी, फिर भी वे इस भूमि कब्जा किए हैं। पित्रोदा और उनके सहयोगी इस जमीन आयुर्वेद अस्पताल चला रहे हैं। इसके अलावा वन विभाग की इस जमीन पर परमिशन के बिना बिल्डिंग भी बनाई है। इस जमीन की कीमत 150 करोड़ से ज्यादा है। FIR में एक रिटायर्ड IAS का भी नाम
जिन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, उनमें सैम पत्रोदा के अलावा उनके NGO FRLHT के साथी दर्शन शंकर, वन और पर्यावरण विभाग के पूर्व एडिशनल मुख्य सचिव जावेद अख्तर रिटायर्ड IAS, प्रधान मुख्य वन संरक्षक आरके सिंह, संजय मोहन, बेंगलुरु शहरी डिवीजन के उप वन संरक्षक एन रवींद्र कुमार और एसएस रविशंकर के नाम शामिल हैं। जड़ी बूटियों पर रिसर्च करने जमीन लीज पर ली थी बीजेपी नेता रमेश ने बताया कि FRLHT ऑर्गेनाइजेशन ने कर्नाटक राज्य वन विभाग से औषधीय जड़ी-बूटियों के संरक्षण और रिसर्च के लिए रिजर्व वन क्षेत्र को लीज पर देने का अनुरोध किया था। विभाग ने 1996 में बेंगलुरु के येलहंका के पास जरकबांडे कवल में बी ब्लॉक में 12.35 एकड़ आरक्षित वन भूमि को लीज पर दी थी। यह लीज 2 दिसंबर 2011 को खत्म हो गई थी। इसे आगे नहीं बढ़ाया गया। जब लीज खत्म हो गई तो जमीन वन विभाग को वापस कर देनी चाहिए थी। रमेश का आरोप है कि वन विभाग के अधिकारियों ने पिछले 14 सालों में इस जमीन को वापस लेने का कोई प्रयास भी नहीं किया। विवादित बयानों के चलते ओवरसीज कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा
सैम पित्रोदा इससे पहले भी कई विवादित बयान देते रहे हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान अंग्रेजी अखबार द स्टेट्समैन को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा- भारत में ईस्ट के लोग चाइनीज और साउथ वाले अफ्रीकन दिखते हैं। इस पर काफी विवाद हुआ था। भाजपा ने इसे लेकर खूब हंगामा किया था। हालांकि, कांग्रेस ने पित्रोदा के इस बयान से किनारा कर लिया था। कांग्रेस ने कहा कि भारत की विविधता की ये परिभाषा मंजूर नहीं है, यह गलत है। इसके बाद 8 मई, 2024 को उन्हें इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा देना पड़ा था। हालांकि 26 जून को पित्रोदा फिर से इसी पद पर नियुक्त कर दिए गए। पित्रोदा ने कहा था- चीन भारत का दुश्मन नहीं, हमें उसके साथ मिलकर काम करना चाहिए; कांग्रेस ने बयान से किनारा किया इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष और राहुल गांधी के करीबी सैम पित्रोदा ने 18 फरवरी को कहा था- भारत को चीन को अपना दुश्मन मानना बंद कर देना चाहिए। चीन से खतरे को अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है। हालांकि कांग्रेस ने सैम पित्रोदा के बयान से किनारा कर लिया है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा सैम पित्रोदा के चीन पर व्यक्त किए गए विचार कांग्रेस के विचार नहीं हैं। पूरी खबर पढ़ें…. ———————————————— सैम पित्रोदा से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… ओडिशा के सत्यनारायण कैसे बने सैम, इन विवादित बयानों से कराई कांग्रेस की फजीहत सैम पित्रोदा का जन्म 17 नवंबर 1942 को ओडिशा के बोलांगीर जिले के एक छोटे से गांव टिटलागढ़ में हुआ। उनका परिवार गुजराती था। उनका शुरुआती नाम सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा है। सैम के दादा बढ़ई और लोहार का काम किया करते थे। पूरी खबर पढ़ें… सैम बोले- राहुल गांधी पिता राजीव से ज्यादा समझदार, उनमें प्रधानमंत्री बनने के सारे गुण राजीव गांधी की तुलना में उनके बेटे राहुल गांधी ज्यादा समझदार हैं। वे बौद्धिक होने के साथ-साथ एक बेहतर रणनीतिकार भी हैं। राजीव थोड़ा ज्यादा मेहनती थे। दोनों का DNA एक जैसा है। दोनों नेता आइडिया ऑफ इंडिया के संरक्षक हैं। पूरी खबर पढ़ें…
जिन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, उनमें सैम पत्रोदा के अलावा उनके NGO FRLHT के साथी दर्शन शंकर, वन और पर्यावरण विभाग के पूर्व एडिशनल मुख्य सचिव जावेद अख्तर रिटायर्ड IAS, प्रधान मुख्य वन संरक्षक आरके सिंह, संजय मोहन, बेंगलुरु शहरी डिवीजन के उप वन संरक्षक एन रवींद्र कुमार और एसएस रविशंकर के नाम शामिल हैं। जड़ी बूटियों पर रिसर्च करने जमीन लीज पर ली थी बीजेपी नेता रमेश ने बताया कि FRLHT ऑर्गेनाइजेशन ने कर्नाटक राज्य वन विभाग से औषधीय जड़ी-बूटियों के संरक्षण और रिसर्च के लिए रिजर्व वन क्षेत्र को लीज पर देने का अनुरोध किया था। विभाग ने 1996 में बेंगलुरु के येलहंका के पास जरकबांडे कवल में बी ब्लॉक में 12.35 एकड़ आरक्षित वन भूमि को लीज पर दी थी। यह लीज 2 दिसंबर 2011 को खत्म हो गई थी। इसे आगे नहीं बढ़ाया गया। जब लीज खत्म हो गई तो जमीन वन विभाग को वापस कर देनी चाहिए थी। रमेश का आरोप है कि वन विभाग के अधिकारियों ने पिछले 14 सालों में इस जमीन को वापस लेने का कोई प्रयास भी नहीं किया। विवादित बयानों के चलते ओवरसीज कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा
सैम पित्रोदा इससे पहले भी कई विवादित बयान देते रहे हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान अंग्रेजी अखबार द स्टेट्समैन को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा- भारत में ईस्ट के लोग चाइनीज और साउथ वाले अफ्रीकन दिखते हैं। इस पर काफी विवाद हुआ था। भाजपा ने इसे लेकर खूब हंगामा किया था। हालांकि, कांग्रेस ने पित्रोदा के इस बयान से किनारा कर लिया था। कांग्रेस ने कहा कि भारत की विविधता की ये परिभाषा मंजूर नहीं है, यह गलत है। इसके बाद 8 मई, 2024 को उन्हें इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा देना पड़ा था। हालांकि 26 जून को पित्रोदा फिर से इसी पद पर नियुक्त कर दिए गए। पित्रोदा ने कहा था- चीन भारत का दुश्मन नहीं, हमें उसके साथ मिलकर काम करना चाहिए; कांग्रेस ने बयान से किनारा किया इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष और राहुल गांधी के करीबी सैम पित्रोदा ने 18 फरवरी को कहा था- भारत को चीन को अपना दुश्मन मानना बंद कर देना चाहिए। चीन से खतरे को अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है। हालांकि कांग्रेस ने सैम पित्रोदा के बयान से किनारा कर लिया है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा सैम पित्रोदा के चीन पर व्यक्त किए गए विचार कांग्रेस के विचार नहीं हैं। पूरी खबर पढ़ें…. ———————————————— सैम पित्रोदा से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… ओडिशा के सत्यनारायण कैसे बने सैम, इन विवादित बयानों से कराई कांग्रेस की फजीहत सैम पित्रोदा का जन्म 17 नवंबर 1942 को ओडिशा के बोलांगीर जिले के एक छोटे से गांव टिटलागढ़ में हुआ। उनका परिवार गुजराती था। उनका शुरुआती नाम सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा है। सैम के दादा बढ़ई और लोहार का काम किया करते थे। पूरी खबर पढ़ें… सैम बोले- राहुल गांधी पिता राजीव से ज्यादा समझदार, उनमें प्रधानमंत्री बनने के सारे गुण राजीव गांधी की तुलना में उनके बेटे राहुल गांधी ज्यादा समझदार हैं। वे बौद्धिक होने के साथ-साथ एक बेहतर रणनीतिकार भी हैं। राजीव थोड़ा ज्यादा मेहनती थे। दोनों का DNA एक जैसा है। दोनों नेता आइडिया ऑफ इंडिया के संरक्षक हैं। पूरी खबर पढ़ें…