सोमवती अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा, इस साल कोरोना वायरस की वजह से घर पर ही तीर्थ और नदियों के नामों का जाप करते हुए स्नान करें

20 जुलाई को सावन माह की अमावस्या है। इसे हरियाली अमावस्या कहते हैं। सोमवार को होने से इसका नाम सोमवती भी है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार इस तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है। इस साल कोरोना महामारी की वजह से तीर्थ यात्रा और नदियों में स्नान करने से बचना चाहिए।

सोमवती अमावस्या पर अपने घर पर ही स्नान करते समय सभी पवित्र तीर्थों का और नदियों के नामों का जाप करें। इस तरह स्नान करने से भी नदियों में स्नान का पुण्य मिल सकता है। नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं।

अमावस्या पर करें पीपल की पूजा

सोमवती अमावस्या पर शिवजी की पूजा के साथ ही पीपल की पूजा करने का भी महत्व काफी अधिक है। इस दिन पीपल को दूध, जल, हार-फूल, चावल, चंदन चढ़ाएं। दीपक जलाएं। भोग लगाएं। परिक्रमा करें।

पितरों के लिए धूप-ध्यान करने की तिथि

अमावस्या तिथि के स्वामी पितर देवता माने गए हैं। सोमवार को पितरों के लिए विशेष धूप-ध्यान करें। जरूरतमंद लोगों को अनाज और धन का दान करें।

प्रकृति को कुछ देनेका दिन है हरियाली अमावस्या

सावन माह की अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहा जाता है। ये दिन प्रकृति के लिए कुछ खास करने का है। इस दिन किसी सार्वजनिक स्थान पर पौधे लगाएं। साथ ही, इन पौधों की देखभाल करने का संकल्प भी लें।

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