नई शिक्षा नीति में सरकारी स्कूलाें के प्रशासन में बड़ा बदलाव किया गया है। अब काॅम्प्लेक्स या क्लस्टर के ताैर पर स्कूलाें का प्रबंधन होगा। ये क्लस्टर स्कूल शिक्षा में गवर्नेंस की मूल इकाई हाेंगे। स्कूल काॅम्प्लेक्स के तहत आसपास के छाेटे स्कूलाें काे एक सांगठनिक और प्रशासनिक इकाई के तहत लाया जाएगा। एक सेकंडरी स्कूल इनमें प्रमुख हाेगा, जबकि उसके आसपास के इलाके के सभी सरकारी स्कूल इसके तहत आएंगे। इससे इन सभी स्कूलाें के संसाधनाें काे आपस में साझा करने में मदद मिलेगी।
शिक्षक समेत सभी संसाधन हो सकेंगे साझा
एक प्रबंधन हाेने के चलते इन स्कूलाें में पुस्तकालय, प्रयाेगशाला, साेशल वर्कर, काउंसलर और विशेष विषयाें के शिक्षकाें जैसे संसाधन साझा किए जा सकेंगे। इसके अलावा देशभर में एक सरकारी और एक निजी स्कूल काे साथ जाेड़ने की बात भी नीति में है। स्कूल की मुफ्त बुनियादी सुविधाओं का इस्तेमाल सामाजिक चेतना केंद्रों के रूप में भी करने की बात नीति में शामिल की गई है।
SSSA का होगी गठन
यह सामाजिक, बाैद्धिक और स्वयंसेवी गतिविधियाें काे बढ़ावा देगा। स्कूलाें के लिए शाॅर्ट टर्म और लाॅन्ग टर्म प्लान भी तैयार करेंगे। स्कूलाें के लिए मानक तय करने और मान्यता देने इत्यादि में भी नई शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है। इसके लिए राज्याें और केंद्र शासित प्रदेशाें काे स्वतंत्र स्टेट स्कूल स्टैंडर्ड्स अथाॅरिटी (एसएसएसए) गठित करनी हाेगी।
एसएसएसए सुनिश्चित करेगा कि सभी स्कूल एक निश्चित स्तर तक पेशेवर और गुणवत्ता मानकाें का पालन करें। सरकारी और निजी स्कूलाें का मूल्यांकन एक जैसे क्राइटेरिया के आधार पर ही किया जाएगा। प्राइवेट और धर्मार्थ ट्रस्टाें के स्कूलाें काे बढ़ावा दिया जाएगा।
विशेषज्ञों की क्या राय है?
आईआईटी दिल्ली के डायरेक्टर वी रामगोपाल राव, प्रो. टीवी कट्टिमनी, एजुकेशन पॉलिसी ड्रॉफ्टिंग कमेटी के मेंबर प्रो. एमके श्रीधर, फिक्की की असिस्टेंट सेक्रेटरी जनरल शोभा मिश्रा घोष के एक्सपर्ट पैनल से जानें शिक्षा नीति से जुड़े सवालों के जवाब।
नई नीति कब लागू हाेगी? क्या पढ़ाई का पैटर्न एकाएक बदल जाएगा?
एकदम नहीं बदलेगा। एक दशक में धीरे-धीरे बदलाव हाेगा। जैसे 10वीं की परीक्षा का नया पैटर्न 2022-23 तक आएगा। 2024-25 में 12वीं का नया पैटर्न आएगा। प्री-प्राइमरी की शिक्षा और पहली कक्षा के लिए 3 महीने का प्रीपेरेटरी माॅड्यूल सिस्टम अगले सत्र, यानी 2021-22 से ही लागू हाे जाएगा। 2023-24 में 3 साल के बच्चाें काे आंगनवाड़ी में लाना सुनिश्चित होगा।
मेडिकल या इंजीनियरिंग की पढ़ाई की अवधि या पैटर्न में बदलाव हाेगा?
नहीं। लेकिन, इंटर्नशिप कठिन हो जाएगी। क्योंकि नई नीति में व्यावहारिक ज्ञान पर फोकस रहेगा। इससे डॉक्टरों की प्रैक्टिकल नॉलेज और बढ़ जाएगी। इसी तरह, जेईई और अन्य इंजीनियरिंग काेर्साें में भी प्रैक्टिकल नॉलेज पर जाेर रहेगा। इससे राेजगार के माैके बढ़ेंगे।
क्या बाेर्ड परीक्षा खत्म हाे जाएगी?
परीक्षाएं हाेती रहेंगी। लेकिन, मूल्यांकन की अप्राेच बदल जाएगी। तीसरी, पांचवीं और आठवीं कक्षा में सभी बच्चाें की परीक्षा हाेगी। 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा जारी रहेगी, लेकिन मूल्यांकन के मानक तय करने के लिए नया राष्ट्रीय आकलन केंद्र ‘परख’ स्थापित किया जाएगा। मूल्यांकन प्रक्रिया में पूरी तरह बदलाव में एक साल लगेगा। 2022-23 के सेशन तक अध्यापकाें काे भी विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।