काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) की ओर से शुक्रवार को आईसीएसई और आईएससी परीक्षाओं के परिणाम घोषित किए गए। इन परीक्षाओं में टॉपर रहे छात्रों ने अपनी पढ़ाई के लिए कुछ फाॅर्मूले ईजाद किए, जाे स्टडी से थोड़ा हटकर थे। इनकी बदौलत ही वे परीक्षा के दौरान तनाव से दूर रहे, सिर्फ पढ़ाई पर फोकस किया।
टॉपर्स के फाॅर्मूले- स्टडी भी, एंटरटेनमेंट भी.. स्कूल्स की बैलेंस एप्रोच से बदला पढ़ाई का तरीका, पाबंदियों के बजाय बच्चों को मिला खुला आसमां
कक्षा 10वीं (आईसीएसई)

मैथ्स को लेकर तनाव, आए 100% अंक
साल की शुरुआत से ही एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी। मैथ्स को लेकर तनाव रहता था और उसी में 100 में से 100 अंक मिले। पिछले 10 सालों के सभी पेपर्स दोबारा शेयर किए, जिससे तैयारी इतनी मजबूत हुई कि पेपर में आए सभी सवाल मेरे लिए जाने-पहचाने लगे। – सृष्टि दुग्गल

पढ़ाई से समय मिलते ही ड्राइंग की
शुरुआत से ही छह से सात घंटे तक पढ़ाई की थी। इसके लिए मैंने मिनट टू मिनट टाइम टेबल बनाया ताकि हर विषय को बराबर समय दे सकूं। एग्जाम से पहले 10 साल पुराने एग्जाम पेपर्स भी सॉल्व किए। पढ़ाई से समय मिलता तो मैं ड्राइंग करने लगती। मुझे साइंटिस्ट बनना है। -तन्वी वायंग्कर

हिंदी में कमजाेर थी, उस पर ही फोकस
मैंने सबसे ज्यादा हिंदी पर फोकस किया। क्योंकि यह विषय कमजोर था। लेकिन अब रिजल्ट देखकर काफी खुशी हो रही है। हर विषय की सप्ताहवार पढ़ाई की। मुझे क्राइम और थ्रिलर बुक्स पढ़ना पसंद है। मुझे आगे इंजीनियरिंग करना है, इसलिए अभी और मेहनत करुंगा। -आत्रेई भाटिया

आगे पीसीएम की पढ़ाई करना है
मैं एवरेज स्टूडेंट हूं। लेकिन मेरे मैथ्स मैं बहुत अच्छे नंबर आते थे। हालांकि मेरी इस सक्सेस में मेरे स्कूल टीचर और पैरेंट्स ने काफी सपोर्ट किया। मुझे फिक्शन बुक पढ़ना बहुत पसंद है इसलिए मैं रोज रात में बुक्स जरूर पढ़ता था। आगे अब मुझे पीसीएम के साथ पढ़ाई करना है। -तीर्थ सकलेचा
कक्षा 12वीं (आईएससी)….

माता-पिता से करती थी डिस्कस
नोट्स अपने हैंडराइटिंग से बनाए ताकि टॉपिक्स को समझने में आसानी हो। हर टॉपिक्स को पैरेंट्स के साथ डिस्कस करती थी। क्योंकि मेरा मानना है कि यदि किसी से स्पष्ट भाषा में सिलेब्स और सवालों को डिस्कस किया जाता है तो उस पर आपकी पकड़ बेहतर होती है। चार घंटे से ज्यादा पढ़ाई नहीं की।-आर्या शुक्ला

अब मैकेनिकल इंजीनियरिंग करना है
सेशन की शुरुआत से ही क्लासेस में बताए गए टॉपिक्स के नोट्स तैयार करके डेली रिवीजन किया। कोई भी विषय रह न जाए इसके लिए शेड्यूल बनाकर पढ़ाई की। सोशल मीडिया पर भी एक फिक्स टाइम स्लॉट पर एक्टिव रहा। मुझे भविष्य में आईआईटी मद्रास से मैकेनिकल इंजीनियरिंग करना है। – राघव त्रिपाठी

रात 11 बजे तक स्टडी कंप्लीट करता
प्रैक्टिकल सब्जेक्ट्स को ज्यादा प्रॉयरिटी दी। रोज एक से दो घंटा प्रैक्टिस करता था। मेरा टारगेट हमेशा रात में 11 बजे तक अपना कोर्स कम्पलीट करने का होता था, ताकि मैं बिग बॉस देख सकूं। मुझे आगे ईको ऑनर्स करके यूपीएससी क्लीयर करना है। -साहिल मेहता
टीचर्स हर मुश्किल में काम आए
साल की शुरुआत के साथ ही पूरा फोकस स्टडी पर रहा। जब भी कहीं अटकती थी, टीचर्स हर वक्त मुश्किल से निकालने उपलब्ध होते थे। परीक्षा के दौरान तनाव ना हो, इसके लिए खुद को खुशी का डोज देना नहीं भूलती थी। बोर्ड एग्जाम्स के दौरान भी मैं मूवी देखने और दोस्तों केे लिए हैंगआउट के लिए गई। -काश्वी चतुर्वेदी
दादा-दादी की कहानियों से सब आसान
दादी की बचपन में सुनाई कहानियों की वजह से हिंदी पसंदीदा विषय बन गया। दादाजी हिस्ट्री की कहानियां सुनाते थे और मां साइकोलॉजिस्ट हैं, जिसकी वजह से साइकोलाॅजी असान हो गई थी। यूके में पढ़ाई करने का मन था। 6 यूनिवर्सिटी में अप्लाई किया था और सभी में सिलेक्शन भी हो गया। -अमृता संधु
ये हैं शहर के टॉप-5 स्टूडेंट्स
10वीं बोर्ड
स्टूडेंट्स | स्कूल | प्रतिशत | रैंक |
सृष्टि दुग्गल | टीएसवीएस | 99.0% | 1 |
तन्वी वायंग्कर | बिलाबॉन्ग | 98.6% | 2 |
आत्रेयी भाटिया | टीएसवीएस | 98.6% | 2 |
तीर्थ सकलेचा | बिलाबॉन्ग | 98.2% | 3 |
अद्वैत जैन | टीएसवीएस | 98.0% | 4 |
नेहा रघुवंशी | टीएसवीएस | 98.0% | 4 |
हेमान्या हर्ष संपत | टीएसवीएस | 97.8% | 5 |
रिशांत शर्मा | टीएसवीएस | 97.8% | 5 |
12वीं बोर्ड
स्टूडेंट्स | स्कूल | प्रतिशत | रैंक |
काश्वी चतुर्वेदी | बिलाबॉन्ग | 98.5% | 1 |
अमृता संधु | टीएसवीएस | 98.25% | 2 |
आर्या शुक्ला | बिलाबॉन्ग | 98.25% | 2 |
साहिल मेहता | टीएसवीएस | 98%, | 3 |
राघव त्रिपाठी | बिलाबॉन्ग | 98% | 3 |
सिद्धांत राजोरिया | बिलाबॉन्ग | 97.5% | 4 |
अमरीन रंधावा | टीएसवीएस | 97.25%, | 5 |
आर्या शुक्ला | टीएसवीएस | 97.25% | 5 |
सत्यवती सिन्हा | बिलाबॉन्ग | 97.25% | 5 |