एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट (SpiceJet) ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही के वित्तीय नतीजे घोषित कर दिए हैं। कंपनी को 593 करोड़ का घाटा हुआ है। समान अवधि में पिछले साल कंपनी को 261.7 करोड़ का मुनाफा हुआ था। कंपनी को यह लगातार दूसरी तिमाही में घाटा हुआ है। इस दौरान कंपनी का कार्गो रेवेन्यू बढ़कर 144 फीसदी हो गया है।
कंपनी का ऑपरेटिंग रेवेन्यू घटा
कंपनी ने कहा है कि ऑपरेटिंग रेवेन्यू 514.7 करोड़ रुपए का रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 3,002.1 करोड़ रुपए था। कोरोना संकट के बीच पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में एयरलाइन कंपनियों को घाटा हुआ है। इसी अवधि में ऑपरेटिंग खर्च 1303.2 करोड़ रुपए का रहा, जो पिछले साल की पहली तिमाही में 2887.2 करोड़ रुपए की था।
एबिटा (EBITDA) के आधार पर कंपनी को इस तिमाही 11 करोड़ रुपए का घाटा हुआ, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी को 747.5 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। इसके अलावा एबिटार (EBITDAR) के आधार पर कंपनी को 13.5 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में 812.1 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। जून तिमाही में हुए घाटे का असर कंपनी के वित्तीय हालात पर पड़ सकता है, जो 30 जून, 2020 तक 2170 करोड़ रुपए हो गया है।
कोरोना का असर
कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अजय सिंह ने कहा कि कोरोना महामरी से पैदा हुई भयानक स्थिति एविएशन सेक्टर के लिए सबसे बुरा साबित हुआ है। लेकिन मुझे खुशी है कि स्पाइसजेट अपने काम को लगातार बेहतर कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस तिमाही में ज्यादातर उड़ाने ठप ही थी जिसका असर साफ दिखाई दे रहा है। दरअसल लॉकडाउन के चलते मार्च से मई तक हवाई उड़ाने एकदम ठप थी।
कार्गो बिजनेस में ग्रोथ
कोरोना महामारी संकट के बीच स्पाइसजेट भारत की नंबर वन कार्गो कंपनी के रूप में उभरा है। कंपनी ने 25 मार्च 2020 से लगभग 50,000 से अधिक उड़ानों को ऑपरेट किया। इसके अलावा 50,000 टन कार्गो पहुंचाया। इस तिमाही कंपनी का कार्गो रेवेन्यू 144 फीसदी बढ़ी है। कंपनी के एमडी अजय सिंह को उम्मीद है कि लॉकडाउन में इंटरस्टेट उड़ानों को मिली राहत से बिजनेस एक्टिविटी फिर से सामान्य हो रही है। इससे आने वाले तिमाहियों में कार्गो बिजनेस में तेजी देखने को मिल सकती है।
एविएशन सेक्टर पर लॉकडाउन का असर
चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही में स्पाइसजेट के अलावा इंडिगो एयरवेज को भी घाटा हुआ है। इस तिमाही में कंपनी को 2844.3 करोड़ रुपए घाटा हुआ है। दरअसल मार्च से मई तक लॉकडाउन के तहत घरेलू उड़ानों पर रोक लगा दी गई थी। जिससे एयरलाइन कंपनियों को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में घाटा हुआ है। जानकार मानते हैं कि अनलॉक के तहत अब कई रियायतें दी जा रही हैं। इससे एविएशन सेक्टर के लिए प्री-कोविड स्तर पर पैसेंजर जल्द आने की उम्मीद बन रही है।