स्पाइसजेट को तीसरी तिमाही में ₹25 करोड़ का मुनाफा:पिछले साल ₹301 करोड़ लॉस में थी एयरलाइन, सालाना आधार पर रेवेन्यू 35% कम हुआ

भारत की लो कॉस्ट एयरलाइन स्पाइसजेट को वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में 25 करोड़ रुपए का मुनाफा (कॉन्सोलिडेटेड नेट प्रॉफिट) हुआ है। कंपनी को पिछले साल की समान तिमाही में 301 करोड़ रुपए का लॉस हुआ था। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में स्पाइसजेट के ऑपरेशन से कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू सालाना आधार पर 35.35% कम होकर 1,231 करोड़ रुपए पर आ गया है। एक साल पहले की समान तिमाही यानी FY24 की तीसरी तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 1,904 करोड़ रुपए रहा था। तिमाही आधार पर रेवेन्यू 35% बढ़ा दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर के मुकाबले कंपनी के रेवेन्यू में 35.12% की बढ़ोतरी हुई है। Q2 में कंपनी ने 911 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। वस्तुओं और सेवाओं के बेचने से मिलने वाली राशि को रेवेन्यू कहा जाता है। इसमें टैक्स जैसी अन्य देनदारियां शामिल होती हैं। 6 महीने में 28% गिरा है स्पाइसजेट का शेयर तिमाही नतीजों से एक दिन पहले स्पाइसजेट का शेयर 1.70% की तेजी के साथ 47.97 के स्तर पर बंद हुआ। एयरलाइन कंपनी के शेयर ने बीते 5 दिन में 10.28% और एक महीने में 9.35% का रिटर्न दिया है। जबकि, लॉन्ग टर्म यानी 6 महीने में 28.03% और एक साल में 29.65% गिरा है। स्पाइसजेट का मार्केट कैप 6150 करोड़ रुपए है। भारत की लो कॉस्ट एयरलाइन है स्पाइसजेट स्पाइसजेट भारत की लो कॉस्ट एयरलाइन है, जो देश के सुदूर कोनों को जोड़ती है। कंपनी भारत के भीतर 48 डेस्टिनेशन और इंटरनेशनल डेस्टिनेशन के लिए लगभग 250 फ्लाइट डेली ऑपरेट करती है। स्पाइसजेट के बेड़े में बोइंग 737 मैक्स, बोइंग 700 और क्यू400 शामिल हैं। स्पाइसजेट ब्रांड की शुरुआत 2004 में हुई थी, लेकिन इसका एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट (AOC) 1993 का है। तब एसके मोदी के स्वामित्व वाली एक एयर टैक्सी कंपनी ने जर्मन एयरलाइन के साथ लुफ्थांसा के साथ पार्टनरशिप की थी। 1996 में इसके ऑपरेशन बंद हो गए थे। 2004 में, एंटरप्रेन्योर अजय सिंह ने भारत की लो कॉस्ट एयरलाइन स्पाइसजेट बनाने की योजना बनाई। स्पाइसजेट की पहली फ्लाइट 24 मई 2005 को लीज्ड बोइंग 737-800 का उपयोग करके नई दिल्ली (DEL) से मुंबई (BOM) के लिए रवाना हुई थी।