भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह ने शनिवार को पंजाब सरकार द्वारा इस साल खेल रत्न के लिए उनका नॉमिनेशन वापस लेने के फैसले पर सफाई दी। हरभजन ने कहा कि मैं देश के सबसे बड़े खेल पुरस्कार के लिए तय की गई पात्रता में फिट नहीं हूं। ऐसे में मैंने ही सरकार से नाम वापस लेने के किए कहा था।
उन्होंने इस मामले पर एक के बाद एक तीन ट्वीट किए। उन्होंने लिखा कि इस फैसले के बाद मेरे पास लगातार फोन आ रहे हैं आखिर क्यों पंजाब सरकार ने खेल रत्न के लिए मेरा नॉमिनेशन वापस ले लिया?। सच्चाई यह है कि मैं खेल रत्न पाने की पात्रता नहीं रखता हूं, क्योंकि यह पुरस्कार पिछले तीन साल के अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन के आधार पर दिया जाता है।
पंजाब सरकार ने कोई गलती नहीं की: हरभजन
इस स्पिनर ने आगे लिखा, इस मामले में पंजाब सरकार की कोई गलती नहीं है, क्योंकि उन्होंने नियमों के तहत मेरा नाम वापस लिया है। मैं दोस्तों और मीडिया से यही कहना चाहूंगा कि अटकलें न लगाएं।
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‘मैं पात्रता नियम पर खरा नहीं उतरता’
उन्होंने कहा कि खेल रत्न के लिए मेरे नॉमिनेशन के बारे में बहुत भ्रम और अटकलें लगाई जा रही हैं, इसलिए मुझे सफाई देनी पड़ी। मैं बता दूं कि पिछले साल नामांकन देर से भेजा गया था, लेकिन इस साल मैंने ही पंजाब सरकार से अपना नॉमिनेशन वापस लेने के लिए कहा था, क्योंकि मैं 3 साल की पात्रता वाले नियम पर खरा नहीं उतरता हूं।
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हरभजन ने 5 साल पहले भारत के लिए टेस्ट खेला था
हरभजन ने 417 टेस्ट और 269 वनडे विकेट लिए हैं और उन्हें अर्जुन अवॉर्ड मिल चुका है। इसके अलावा इस स्पिनर को पद्मश्री भी मिला है। उन्होंने भारत के लिए आखिरी टेस्ट और वनडे 2015 में खेला था।