बीसीसीआई ने टीम इंडिया के लिए नए किट स्पॉन्सर की तलाश शुरू कर दी है। इस रेस में जर्मनी की स्पोर्ट्स वियर कंपनी प्यूमा सबसे आगे है। एडिडास ने भी स्पॉन्सरशिप राइट्स हासिल करने में रुचि दिखाई है। हालांकि, बीसीसीआई की कम बोली लगाने के ऑफर के बाद भी नाइकी दोबारा टेंडर प्रोसेस में शामिल होगी या नहीं, यह अभी साफ नहीं है।
बोर्ड ने नए टेंडर में बेस प्राइज घटा दी है। पिछली बार के 88 लाख रुपए के मुकाबले इस बार हर मैच के लिए बेस प्राइज 61 लाख रुपए तय की है।
नाइकी ने 4 साल पहले 370 करोड़ में डील की थी
नाइकी ने 2016 में बोर्ड से 370 करोड़ रुपए में 4 साल की डील की थी। इसके तहत कंपनी बोर्ड को हर मैच के लिए 88 लाख रुपए फीस और 30 करोड़ की रॉयल्टी भी देती थी।
प्यूमा किट स्पॉन्सरशिप की रेस में आगे
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि प्यूमा ने 1 लाख रुपए फीस चुकाकर इन्विटेशन टू टेंडर (आईटीटी) खरीदा है। बीडिंग डॉक्यूमेंट खरीदने का मतलब यह नहीं है कि प्यूमा स्पॉन्सरशिप हासिल करने के लिए बोली लगाएगी। हालांकि, कंपनी के आईटीटी खरीदने से साफ है कि उसकी टीम इंडिया का स्पॉन्सर बनने में रूचि है।
मर्चेंडाइजिंग पार्टनर बनने के लिए एडिडास बोली लगा सकता है
इसके अलावा एडिडास ने भी किट स्पॉन्सरशिप के रूचि दिखाई है। हालांकि, कंपनी बीडिंग में हिस्सा लेगी या नहीं, यह अभी साफ नहीं है। जानकारों के मुताबिक, यह जर्मन कंपनी ऑफिशियल मर्चेंडाइजिंग पार्टनर बनने के लिए अलग से निकाले गए टेंडर में जरूर बोली लगा सकती है। हालांकि, एक्सक्लूसिव मर्चेंडाइज प्रोडक्ट की बिक्री इस पर भी निर्भर करती है कि कंपनी के कितने एक्सक्लूसिव स्टोर या बिक्री केंद्र हैं।
प्यूमा और एडिडास की भारत में मौजूदगी मजबूत
इस मामले में प्यूमा और एडिडास दोनों की स्थिति मजबूत है। प्यूमा के देश में 350 से अधिक, जबकि एडिडास के 450 आउटलेट हैं। प्यूमा ने आईपीएल के जरिए भारतीय बाजार में अपनी पकड़ बनाई है। इस ब्रांड से टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली और बल्लेबाज केएल राहुल भी जुड़े हुए हैं। ऐसे में प्यूमा की कोशिश होगी कि वह टेंडर हासिल करे।
बीसीसीआई को बड़ी डील मिलना मुश्किल
स्पॉन्सरशिप मामले से जुड़े एक मार्केट एक्सपर्ट ने न्यूज एजेंसी को बताया कि कोरोना के कारण पहले से ही बाजार की हालात अच्छी नहीं है। ऐसे में अगर कोई नई कंपनी 200 करोड़ रुपए की बोली लगाकर 5 साल के लिए बीसीसीआई से किट स्पॉन्सरशिप राइट्स हासिल करती है, तो किसी को हैरानी नहीं होगी। यह नाइकी द्वारा 5 साल की डील के लिए चुकाई गई पिछली रकम से काफी कम होगा।
उन्होंने कहा कि देखिए बोर्ड ने नाइकी को पेशकश की जो उसने ठुकरा दी। इसके मायने यही हैं कि या तो उसकी रुचि नहीं है या वह स्पॉन्सरशिप राइट्स हासिल करने के लिए और कम की बोली लगाना चाहता है।
बीसीसीआई ने कुछ दिन पहले टेंडर प्रोसेस शुरू की
बीसीसीआई ने कुछ दिन पहले ही टीम इंडिया के लिए नया किट स्पॉन्सर तय करने के लिए टेंडर प्रोसेस शुरू की है। बीसीसीआई के मुताबिक, इन्विटेशन टू टेंडर (आईटीटी) के तहत जीतने वाले बिडर को किट स्पॉन्सर और ऑफिशियल मर्चेंडाइजिंग पार्टनर बनने का अधिकार मिल जाएगा।
आईटीटी के अंदर टेंडर की पात्रता, शर्तें और कंडीशंस की जानकारी दी गई है। इसे 1 लाख रुपए की फीस चुकाकर 26 अगस्त तक खरीदा जा सकता है।