हथीन उपमंडल के पचानका गांव के फर्जी एमएलआर प्रकरण में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। वह नूंह जिले के संघेल गांव का रहने वाला है और उसका नाम सुख सागर है। पूछताछ में उसने बताया कि वह छेनी और हथोड़े से किसी भी व्यक्ति की हड्डी को तोड़ देता था और पता भी नहीं चलता था। इसके बाद उनकी फर्जी मेडिको लीगल रिपोर्ट (एमएलआर) बनवानी होती थी। इसके लिए डॉक्टरों से सेटिंग का कार्य एक डॉक्टर ही करता था तथा वह सुख सागर को बेहोश करने वाला इंजेक्शन एवं चीरा लगाने के लिए ब्लेड उपलब्ध कराता था।
हड्डी तोड़ने का सौदा सुख सागर पांच हजार रुपए में करता था। इनमें से आधे पैसे पहले और आधे काम होने के बाद लेता था। हथीन थाना पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर छेनी-हथोड़ा व 2000 रुपए बरामद किए हैं। पचानका गांव निवासी राशिद का अपने ही गांव के रफीक व अन्य से नाली को लेकर झगड़ा हो गया था। पुलिस के अनुसार दस जून को हुए मामूली विवाद के बाद राशिद ने अपनी पत्नी अफसाना को चोट लगवाकर एमएलआर तैयार करवा ली, लेकिन यह मामला दर्ज नहीं कराया गया।
15 जून को फिर दोनों पक्षों में मामूली कहासुनी हुई तो राशिद ने अपने पक्ष के मुश्ताक को नूंह जिले में कार्यरत डॉक्टर व संघेल निवासी सुख सागर द्वारा चोट लगवाकर एमएलआर तैयार करा ली तथा पुलिस में मामला दर्ज करा दिया। इसकी जांच के बाद यह यह फर्जी एमएलआर का मामला सामने आया था। रफीक ने एसपी दीपक गहलावत को फर्जी एमएलआर कटवाने की लिखित शिकायत दी थी। इस पर पुलिस अधीक्षक ने डीएसपी होडल बलबीर सिंह को जांच सौंप दी। जांच के दौरान राशिद और मुजीबुर रहमान को गिरफ्तार कर लिया गया। राशिद को तीन दिन के रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई तो सुख सागर व डॉक्टर के साथ मिलकर फर्जी एमएलआर से झूठा मुकदमा दर्ज कराने की कहानी सामने आई।