हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में 54 दिन की चुनावी कशमकश के नतीजे मंगलवार को आए। दोनों राज्यों में 90 विधानसभा सीटें हैं और बहुमत का आंकड़ा 46। हरियाणा में भाजपा 48 सीटें जीतकर रिकॉर्ड तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। राज्य में अब तक किसी राजनीतिक दल ने लगातार 3 बार सरकार नहीं बनाई है। जीत का सेहरा बंधा चुनाव से 200 दिन पहले मुख्यमंत्री बनाए गए नायब सिंह सैनी के सिर। चुनाव से पहले ही तय था कि पार्टी जीती तो अगले सीएम नायब ही होंगे। बताया जा रहा है कि उनका शपथ ग्रहण 12 अक्टूबर को विजय दशमी पर होगा। हरियाणा में भूपेंद्र हुड्डा की अगुआई में लड़ रही कांग्रेस 37 सीटें हासिल कर पाई। जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हुए चुनाव में जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन सरकार बनाने जा रहा है। 54 साल के उमर अब्दुल्ला सीएम होंगे। उनकी शपथ की तारीख अभी तय नहीं है। कांग्रेस-NC गठबंधन ने 48 सीटें हासिल कीं। भाजपा 29 सीटों पर जीती। 15 साल पहले 2009 में भी कांग्रेस और NC गठबंधन की सरकार बनी थी। तब उमर 38 साल के थे और राज्य के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने थे। सबसे पहले हरियाणा चुनाव के 2 चेहरे 1. नायब सिंह सैनी चुनाव से 200 दिन पहले हरियाणा के सीएम की कुर्सी संभाली। चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री का चेहरा भी वही रहे। लाडवा सीट से नायब ने कांग्रेस कैंडिडेट को 16 हजार से ज्यादा वोटों से हराया। कहा- जनता ने कांग्रेस का झूठ नकार दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने नायब को फोन पर बधाई दी। 2. भूपेंद्र सिंह हुडा पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुआई में कांग्रेस की 2019 के मुकाबले 5 सीटें बढ़ीं, लेकिन वह बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाई और 37 सीटों पर सिमट गई। हालांकि भूपेंद्र हुडा अपनी सीट से चुनाव जीत गए। गढ़ी सांपला में उन्होंने 71 हजार से ज्यादा वोटों से विपक्षी उम्मीदवार को हराया। रिजल्ट के बाद उन्होंने कहा- जनता का फैसला स्वीकार है। एग्जिट पोल में कांग्रेस सरकार का अनुमान, सारे पोल फेल
आखिरी फेज की वोटिंग के बाद 5 अक्टूबर को एग्जिट पोल्स आए। भास्कर रिपोर्टर्स सर्वे के अलावा 12 सर्वे एजेंसियों ने हरियाणा के लिए पोल किए। सभी पोल्स में कांग्रेस की सरकार का अनुमान लगाया गया। एक पोल में कांग्रेस को 59 सीटें मिलने के आसार थे, लेकिन नतीजों में सारे पोल फेल हो गए। 90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा में भाजपा 48 सीटें हासिल कर सत्ता में पहुंची। हरियाणा में भाजपा की रिकॉर्ड जीत, 3 मास्टर स्ट्रोक भाजपा ने चुनाव में राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 48 पर जीत दर्ज की। भाजपा की इस हैट्रिक के पीछे कई फैक्टर रहे। पार्टी ने लोगों के गुस्से से निपटने के लिए 4 मंत्रियों समेत अपने एक तिहाई MLA के टिकट काट दिए थे। 2019 में उसके जो 23 चेहरे जीत नहीं पाए थे, इस बार उनकी जगह नए लोगों को मौका दिया गया और उनमें से 12 विजयी रहे। हरियाणा में भाजपा का 2 मुद्दों पर फोकस 1. अग्निवीर को पेंशन वाली सरकारी नौकरी हरियाणा ऐसा राज्य है जहां से बड़ी संख्या में युवा सेना में जाते हैं। यहां अग्निवीर के 4 साल में रिटायर होने को कांग्रेस ने मुद्दा बना लिया था। BJP ने इसी मुद्दे को अपने फायदे में बदल दिया। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में वादा कर दिया कि हर अग्निवीर को पेंशन वाली सरकारी नौकरी दी जाएगी। 2. बिना पर्ची-खर्ची सरकारी नौकरी बीजेपी लगातार कहती रही कि पिछले 10 सालों में उन्होंने सरकारी नौकरी में पर्ची-खर्ची यानी सिफारिश और रिश्वत का सिस्टम खत्म किया है। इसके उलट कांग्रेस के उम्मीदवारों ने कोटा तक फिक्स कर दिया। ऐसा वादा करने वाले नीरज शर्मा, कुलदीप शर्मा समेत कई नेता चुनाव ही हार गए। राज्य में करीब 18 से 39 साल के 94 लाख से ज्यादा वोटर हैं, जिनके बीच कांग्रेस के खिलाफ गलत मैसेज गया। हरियाणा की वीआईपी सीटों का रिजल्ट अब जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हुए चुनाव कांग्रेस-NC गठबंधन को 48 सीटें
जम्मू-कश्मीर की 90 सीटों में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन को 48 सीटें मिलीं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास 42 और कांग्रेस के पास 6 सीटें आईं। भाजपा ने 29 सीटों पर जीत दर्ज की। पीडीपी को 3 सीटें मिलीं। आम आदमी पार्टी ने भी एक सीट जीती है। राज्य में यह AAP की पहली जीत है। कश्मीर चुनाव के 3 चेहरे
1. उमर अब्दुल्ला अगले सीएम होंगे
चुनाव के रुझानो में कांग्रेस-NC गठबंधन के आगे होने के बाद NC चीफ फारूक अब्दुल्ला मीडिया के सामने आए। कहा- जम्मू-कश्मीर की जनता ने बता दिया है कि 5 अगस्त 2019 को लिया गया फैसला स्वीकार नहीं किया गया। उमर अब्दुल्ला अगले मुख्यमंत्री होंगे। 2. इल्तिजा ने पीडीपी की हार मानी
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती श्रीगुफवारा-बिजबेहरा सीट से हार गईं। उन्होंने कहा- मैं लोगों के फैसले को स्वीकार करती हूं।
अनंतनाग जिले की बिजबेहरा सीट मुफ्ती परिवार का गढ़ मानी जाती है। 1967 से लेकर अब तक 9 विधानसभा चुनावों में 6 बार मुफ्ती परिवार या PDP कैंडिडेट की जीत हुई है। 3. रवींद्र रैना ने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया नतीजे आने के बाद जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रवींद्र रैना ने पद से इस्तीफा दे दिया है। वे नौशेरा सीट से उम्मीदवार थे और अपनी सीट भी हार गए। काउंटिंग शुरू होने से पहले उन्होंने हवन किया था। कहा था- भरोसा है कि भाजपा और उसके समर्थक दल बहुमत से चुनाव जीतेंगे। भाजपा जम्मू में भारी पर कश्मीर में सारी सीटें हारी
1. 90 सीटों में से 43 जम्मू और 47 कश्मीर में हैं। भाजपा ने जम्मू रीजन में 29 सीटें जीतीं। कश्मीर रीजन में भाजपा ने 20 कैंडिडेट उतारे थे। यहां भाजपा का खाता नहीं खुल पाया।
2. नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस का गठबंधन कश्मीर में पहले से मजबूत था। नेशनल कॉन्फ्रेंस की 42 सीटों में 35 से ज्यादा सीटें कश्मीर रीजन से मिली हैं। कांग्रेस ने यहां 6 सीटें जीतीं। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इस चुनाव में 51 और कांग्रेस ने 32 सीटों पर चुनाव लड़ा था। वोटिंग कम, 50% एग्जिट पोल में हंग असेंबली का अनुमान था
जम्मू-कश्मीर में 18 सितंबर से 1 अक्टूबर तक 3 फेज में 63.88% वोटिंग हुई थी। 10 साल पहले 2014 में हुए चुनाव में 65% वोटिंग हुई थी। इस बार 1.12% कम वोटिंग हुई। 5 अक्टूबर को आए एग्जिट पोल में 5 सर्वे ने NC-कांग्रेस सरकार का अनुमान जताया था, जबकि 5 ने हंग असेंबली का दावा किया था। जम्मू-कश्मीर की हॉट सीट्स… हरियाणा चुनाव से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… भास्कर एक्सप्लेनर-केजरीवाल फिर फेल, लेकिन 5 सीटों पर किया खेल:हरियाणा में AAP से गठबंधन न करना क्या कांग्रेस की बड़ी गलती हरियाणा में आम आदमी पार्टी अपनी तीसरी कोशिश में भी फेल हो गई है। पार्टी ने 88 सीटों पर कैंडिडेट्स उतारे थे, लेकिन कोई नहीं जीत सका। हालांकि AAP ने 5 सीटों पर कांग्रेस के साथ खेल कर दिया। भास्कर एक्सप्लेनर में जानेंगे हरियाणा में AAP की तीसरी कोशिश भी क्यों फेल हुई, कांग्रेस और AAP के गठबंधन का क्या असर होता। यहां पढ़ें… हरियाणा में BJP की हैट्रिक के पीछे की स्ट्रैटजी:विधायकों-मंत्रियों के टिकट काटकर एंटी इनकम्बेंसी से निपटा; 23 सीटों पर चेहरे बदलने समेत 5 वजहें भाजपा हरियाणा के इतिहास में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने वाली पार्टी बन गई है। पार्टी ने 2014 के 10 साल बाद, इस बार फिर से अपने बूते पूर्ण बहुमत हासिल किया है। मंगलवार को आए चुनावी नतीजों में वह राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 48 पर जीत दर्ज कर चुकी है। भाजपा की इस हैट्रिक के पीछे कई फैक्टर रहे। यहां पढ़ें…
आखिरी फेज की वोटिंग के बाद 5 अक्टूबर को एग्जिट पोल्स आए। भास्कर रिपोर्टर्स सर्वे के अलावा 12 सर्वे एजेंसियों ने हरियाणा के लिए पोल किए। सभी पोल्स में कांग्रेस की सरकार का अनुमान लगाया गया। एक पोल में कांग्रेस को 59 सीटें मिलने के आसार थे, लेकिन नतीजों में सारे पोल फेल हो गए। 90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा में भाजपा 48 सीटें हासिल कर सत्ता में पहुंची। हरियाणा में भाजपा की रिकॉर्ड जीत, 3 मास्टर स्ट्रोक भाजपा ने चुनाव में राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 48 पर जीत दर्ज की। भाजपा की इस हैट्रिक के पीछे कई फैक्टर रहे। पार्टी ने लोगों के गुस्से से निपटने के लिए 4 मंत्रियों समेत अपने एक तिहाई MLA के टिकट काट दिए थे। 2019 में उसके जो 23 चेहरे जीत नहीं पाए थे, इस बार उनकी जगह नए लोगों को मौका दिया गया और उनमें से 12 विजयी रहे। हरियाणा में भाजपा का 2 मुद्दों पर फोकस 1. अग्निवीर को पेंशन वाली सरकारी नौकरी हरियाणा ऐसा राज्य है जहां से बड़ी संख्या में युवा सेना में जाते हैं। यहां अग्निवीर के 4 साल में रिटायर होने को कांग्रेस ने मुद्दा बना लिया था। BJP ने इसी मुद्दे को अपने फायदे में बदल दिया। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में वादा कर दिया कि हर अग्निवीर को पेंशन वाली सरकारी नौकरी दी जाएगी। 2. बिना पर्ची-खर्ची सरकारी नौकरी बीजेपी लगातार कहती रही कि पिछले 10 सालों में उन्होंने सरकारी नौकरी में पर्ची-खर्ची यानी सिफारिश और रिश्वत का सिस्टम खत्म किया है। इसके उलट कांग्रेस के उम्मीदवारों ने कोटा तक फिक्स कर दिया। ऐसा वादा करने वाले नीरज शर्मा, कुलदीप शर्मा समेत कई नेता चुनाव ही हार गए। राज्य में करीब 18 से 39 साल के 94 लाख से ज्यादा वोटर हैं, जिनके बीच कांग्रेस के खिलाफ गलत मैसेज गया। हरियाणा की वीआईपी सीटों का रिजल्ट अब जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हुए चुनाव कांग्रेस-NC गठबंधन को 48 सीटें
जम्मू-कश्मीर की 90 सीटों में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन को 48 सीटें मिलीं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास 42 और कांग्रेस के पास 6 सीटें आईं। भाजपा ने 29 सीटों पर जीत दर्ज की। पीडीपी को 3 सीटें मिलीं। आम आदमी पार्टी ने भी एक सीट जीती है। राज्य में यह AAP की पहली जीत है। कश्मीर चुनाव के 3 चेहरे
1. उमर अब्दुल्ला अगले सीएम होंगे
चुनाव के रुझानो में कांग्रेस-NC गठबंधन के आगे होने के बाद NC चीफ फारूक अब्दुल्ला मीडिया के सामने आए। कहा- जम्मू-कश्मीर की जनता ने बता दिया है कि 5 अगस्त 2019 को लिया गया फैसला स्वीकार नहीं किया गया। उमर अब्दुल्ला अगले मुख्यमंत्री होंगे। 2. इल्तिजा ने पीडीपी की हार मानी
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती श्रीगुफवारा-बिजबेहरा सीट से हार गईं। उन्होंने कहा- मैं लोगों के फैसले को स्वीकार करती हूं।
अनंतनाग जिले की बिजबेहरा सीट मुफ्ती परिवार का गढ़ मानी जाती है। 1967 से लेकर अब तक 9 विधानसभा चुनावों में 6 बार मुफ्ती परिवार या PDP कैंडिडेट की जीत हुई है। 3. रवींद्र रैना ने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया नतीजे आने के बाद जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रवींद्र रैना ने पद से इस्तीफा दे दिया है। वे नौशेरा सीट से उम्मीदवार थे और अपनी सीट भी हार गए। काउंटिंग शुरू होने से पहले उन्होंने हवन किया था। कहा था- भरोसा है कि भाजपा और उसके समर्थक दल बहुमत से चुनाव जीतेंगे। भाजपा जम्मू में भारी पर कश्मीर में सारी सीटें हारी
1. 90 सीटों में से 43 जम्मू और 47 कश्मीर में हैं। भाजपा ने जम्मू रीजन में 29 सीटें जीतीं। कश्मीर रीजन में भाजपा ने 20 कैंडिडेट उतारे थे। यहां भाजपा का खाता नहीं खुल पाया।
2. नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस का गठबंधन कश्मीर में पहले से मजबूत था। नेशनल कॉन्फ्रेंस की 42 सीटों में 35 से ज्यादा सीटें कश्मीर रीजन से मिली हैं। कांग्रेस ने यहां 6 सीटें जीतीं। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इस चुनाव में 51 और कांग्रेस ने 32 सीटों पर चुनाव लड़ा था। वोटिंग कम, 50% एग्जिट पोल में हंग असेंबली का अनुमान था
जम्मू-कश्मीर में 18 सितंबर से 1 अक्टूबर तक 3 फेज में 63.88% वोटिंग हुई थी। 10 साल पहले 2014 में हुए चुनाव में 65% वोटिंग हुई थी। इस बार 1.12% कम वोटिंग हुई। 5 अक्टूबर को आए एग्जिट पोल में 5 सर्वे ने NC-कांग्रेस सरकार का अनुमान जताया था, जबकि 5 ने हंग असेंबली का दावा किया था। जम्मू-कश्मीर की हॉट सीट्स… हरियाणा चुनाव से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… भास्कर एक्सप्लेनर-केजरीवाल फिर फेल, लेकिन 5 सीटों पर किया खेल:हरियाणा में AAP से गठबंधन न करना क्या कांग्रेस की बड़ी गलती हरियाणा में आम आदमी पार्टी अपनी तीसरी कोशिश में भी फेल हो गई है। पार्टी ने 88 सीटों पर कैंडिडेट्स उतारे थे, लेकिन कोई नहीं जीत सका। हालांकि AAP ने 5 सीटों पर कांग्रेस के साथ खेल कर दिया। भास्कर एक्सप्लेनर में जानेंगे हरियाणा में AAP की तीसरी कोशिश भी क्यों फेल हुई, कांग्रेस और AAP के गठबंधन का क्या असर होता। यहां पढ़ें… हरियाणा में BJP की हैट्रिक के पीछे की स्ट्रैटजी:विधायकों-मंत्रियों के टिकट काटकर एंटी इनकम्बेंसी से निपटा; 23 सीटों पर चेहरे बदलने समेत 5 वजहें भाजपा हरियाणा के इतिहास में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने वाली पार्टी बन गई है। पार्टी ने 2014 के 10 साल बाद, इस बार फिर से अपने बूते पूर्ण बहुमत हासिल किया है। मंगलवार को आए चुनावी नतीजों में वह राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 48 पर जीत दर्ज कर चुकी है। भाजपा की इस हैट्रिक के पीछे कई फैक्टर रहे। यहां पढ़ें…