हरियाणा चुनाव के बीच BJP ने 8 नेताओं को पार्टी से निकाल दिया है। ये सभी बगावत कर पार्टी उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले कांग्रेस भी 24 बागियों को पार्टी से निकाल चुकी है। हरियाणा BJP की ओर से जिन 8 बागियों के खिलाफ कार्रवाई की है, उनमें नायब सैनी के ऊर्जा मंत्री रहे रणजीत सिंह चौटाला, गन्नौर विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे देवेंद्र कादियान, लाडवा से संदीप गर्ग, असंध से जिलेराम शर्मा, सफीदों से बच्चन सिंह आर्य, महम से राधा अहलावत, गुरुग्राम से नवीन गोयल और हथीन से केहर सिंह रावत शामिल हैं। इन सभी को 6 साल के लिए पार्टी से निकाला गया है। पार्टी अध्यक्ष की तरफ से जारी आदेश… रणजीत चौटाला बागी हुए, निर्दलीय लड़ रहे
पूर्व मंत्री रणजीत सिंह चौटाला के विधानसभा टिकट को लेकर BJP और RSS के सर्वे में अच्छी रिपोर्ट नहीं आई थी। इसके बाद यह माना जा रहा था कि उनका टिकट कट जाएगा। हालांकि, इसी बीच BJP ने गोपाल कांडा की पार्टी हलोपा से गठबंधन का ऐलान कर दिया और रानियां विधानसभा सीट से हलोपा ने अपने प्रत्याशी धवल कांडा को खड़ा कर दिया। BJP ने जो उम्मीदवारों की पहली 67 नामों की लिस्ट जारी की, उसमें रणजीत सिंह चौटाला की जगह पार्टी के जिलाध्यक्ष शीशपाल कंबोज को उम्मीदवार बना दिया गया। इसके बाद रणजीत सिंह नाराज हुए और उन्होंने रानियां सीट से निर्दलीय लड़ने की घोषणा कर दी। 2019 में भी बागी हुए थे कादियान
वहीं, मन्नत ग्रुप होटल्स के चेयरमैन देवेंद्र कादियान गन्नौर से भाजपा का टिकट चाह रहे थे, लेकिन पार्टी ने देवेंद्र कौशिक को अपना उम्मीदवार बना दिया। इससे नाराज कादियान बागी हो गए और उन्होंने निर्दलीय नॉमिनेशन कर दिया। कादियान ने राजनीति की शुरुआत युवा कांग्रेस से की थी। वह राहुल गांधी के करीबी रहे। युवा कांग्रेस में राष्ट्रीय महासचिव भी रह चुके। 2018 में उन्होंने भाजपा जॉइन कर ली। 2019 में मनोहर लाल खट्टर ने जब रथ यात्रा निकली थी, तब कादियान ने गन्नौर में उसका स्वागत किया था। इस दौरान भी वह गन्नौर से भाजपा के टिकट के प्रबल दावेदार थे, लेकिन टिकट निर्मल चौधरी को दे दिया। इसके बाद कादियान बागी हो गए। तब भी खट्टर ने उन्हें मनाया था। अहलावत के पति दो बार हार चुके
उधर, महम हलके से भाजपा का टिकट न मिलने से नाराज राधा अहलावत पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं। नामांकन के अंतिम दिन अहलावत ने अपना नामांकन दाखिल किया था। उन्होंने अपने चुनाव कार्यालय से भाजपा के होर्डिंग और पोस्टर उतार दिए थे। राधा अहलावत के पति शमशेर खरकड़ा वर्ष 2014 में इनेलो छोड़कर भाजपा में शामिल हुए। भाजपा ने साल 2014 व 2019 में हलके से शमशेर खरकड़ा को टिकट दिया था, लेकिन वह जीत नहीं पाए। खरकड़ा ने इस बार पत्नी राधा अहलावत के लिए टिकट मांगा था, जो लंबे समय से हलके में सक्रिय रहीं, लेकिन पार्टी ने भारतीय कबड्डी टीम के पूर्व कप्तान दीपक हुड्डा को टिकट दिया है। कांग्रेस 24 नेताओं पर कार्रवाई कर चुकी
हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस ने 24 बागियों को बाहर का रास्ता दिखाया है। पार्टी ने 8 नेताओं को हाल में निकाला। उससे पहले एक साथ 13 नेताओं को बाहर किया था। वहीं, 3 नेताओं पर शुरुआत में ही कार्रवाई की थी। कारण बताया गया कि ये सभी नेता अपने-अपने क्षेत्रों में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे। बताया जा रहा है कि ये सभी नेता हरियाणा विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने और पार्टी की ओर से उनकी अनदेखी किए जाने से नाराज थे। इसलिए, कुछ नेता निर्दलीय ही कांग्रेस उम्मीदवार के सामने चुनावी मैदान में उतर गए थे, और कुछ नेता पार्टी उम्मीदवार को सपोर्ट नहीं कर रहे थे। कांग्रेस से निकाले गए नेताओं में ये शामिल
पार्टी अध्यक्ष चौधरी उदयभान की सिफारिश पर 13 नेताओं को एक साथ निकाला गया। उनमें कलायत विधानसभा सीट से टिकट कटने से निर्दलीय चुनाव लड़ रहीं अनीता ढुल, पानीपत ग्रामीण से विजय जैन, आरक्षित सीट गुहला से नरेश ढांडे, जींद से प्रदीप गिल, पुंडरी से सज्जन सिंह ढुुल और सुनीता बट्टन शामिल थे। वहीं, आरक्षित विधानसभा सीट निलोखेरी से राजीव गोंदर और दयाल सिंह सिरोही, उचानां कलां से दिलबाग संडील, दादरी से अजीत फोगाट, भिवानी से अभिजीत सिंह, आरक्षित सीट बवानी खेड़ा से सतवीर रतेड़ा और पृथला विधानसभा से नीत मान को पार्टी से 6 सालों के लिए निष्कासित किया गया। वहीं, 3 नेताओं को सबसे पहले निकाला, उनमें फरीदाबाद की तिगांव विधानसभा से विधायक रहे ललित नागर, अंबाला कैंट से निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरीं चित्रा सरवारा और बहादुरगढ़ सीट से टिकट कटने पर नाराज हुए राजेश जून शामिल हैं।
पूर्व मंत्री रणजीत सिंह चौटाला के विधानसभा टिकट को लेकर BJP और RSS के सर्वे में अच्छी रिपोर्ट नहीं आई थी। इसके बाद यह माना जा रहा था कि उनका टिकट कट जाएगा। हालांकि, इसी बीच BJP ने गोपाल कांडा की पार्टी हलोपा से गठबंधन का ऐलान कर दिया और रानियां विधानसभा सीट से हलोपा ने अपने प्रत्याशी धवल कांडा को खड़ा कर दिया। BJP ने जो उम्मीदवारों की पहली 67 नामों की लिस्ट जारी की, उसमें रणजीत सिंह चौटाला की जगह पार्टी के जिलाध्यक्ष शीशपाल कंबोज को उम्मीदवार बना दिया गया। इसके बाद रणजीत सिंह नाराज हुए और उन्होंने रानियां सीट से निर्दलीय लड़ने की घोषणा कर दी। 2019 में भी बागी हुए थे कादियान
वहीं, मन्नत ग्रुप होटल्स के चेयरमैन देवेंद्र कादियान गन्नौर से भाजपा का टिकट चाह रहे थे, लेकिन पार्टी ने देवेंद्र कौशिक को अपना उम्मीदवार बना दिया। इससे नाराज कादियान बागी हो गए और उन्होंने निर्दलीय नॉमिनेशन कर दिया। कादियान ने राजनीति की शुरुआत युवा कांग्रेस से की थी। वह राहुल गांधी के करीबी रहे। युवा कांग्रेस में राष्ट्रीय महासचिव भी रह चुके। 2018 में उन्होंने भाजपा जॉइन कर ली। 2019 में मनोहर लाल खट्टर ने जब रथ यात्रा निकली थी, तब कादियान ने गन्नौर में उसका स्वागत किया था। इस दौरान भी वह गन्नौर से भाजपा के टिकट के प्रबल दावेदार थे, लेकिन टिकट निर्मल चौधरी को दे दिया। इसके बाद कादियान बागी हो गए। तब भी खट्टर ने उन्हें मनाया था। अहलावत के पति दो बार हार चुके
उधर, महम हलके से भाजपा का टिकट न मिलने से नाराज राधा अहलावत पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं। नामांकन के अंतिम दिन अहलावत ने अपना नामांकन दाखिल किया था। उन्होंने अपने चुनाव कार्यालय से भाजपा के होर्डिंग और पोस्टर उतार दिए थे। राधा अहलावत के पति शमशेर खरकड़ा वर्ष 2014 में इनेलो छोड़कर भाजपा में शामिल हुए। भाजपा ने साल 2014 व 2019 में हलके से शमशेर खरकड़ा को टिकट दिया था, लेकिन वह जीत नहीं पाए। खरकड़ा ने इस बार पत्नी राधा अहलावत के लिए टिकट मांगा था, जो लंबे समय से हलके में सक्रिय रहीं, लेकिन पार्टी ने भारतीय कबड्डी टीम के पूर्व कप्तान दीपक हुड्डा को टिकट दिया है। कांग्रेस 24 नेताओं पर कार्रवाई कर चुकी
हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस ने 24 बागियों को बाहर का रास्ता दिखाया है। पार्टी ने 8 नेताओं को हाल में निकाला। उससे पहले एक साथ 13 नेताओं को बाहर किया था। वहीं, 3 नेताओं पर शुरुआत में ही कार्रवाई की थी। कारण बताया गया कि ये सभी नेता अपने-अपने क्षेत्रों में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे। बताया जा रहा है कि ये सभी नेता हरियाणा विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने और पार्टी की ओर से उनकी अनदेखी किए जाने से नाराज थे। इसलिए, कुछ नेता निर्दलीय ही कांग्रेस उम्मीदवार के सामने चुनावी मैदान में उतर गए थे, और कुछ नेता पार्टी उम्मीदवार को सपोर्ट नहीं कर रहे थे। कांग्रेस से निकाले गए नेताओं में ये शामिल
पार्टी अध्यक्ष चौधरी उदयभान की सिफारिश पर 13 नेताओं को एक साथ निकाला गया। उनमें कलायत विधानसभा सीट से टिकट कटने से निर्दलीय चुनाव लड़ रहीं अनीता ढुल, पानीपत ग्रामीण से विजय जैन, आरक्षित सीट गुहला से नरेश ढांडे, जींद से प्रदीप गिल, पुंडरी से सज्जन सिंह ढुुल और सुनीता बट्टन शामिल थे। वहीं, आरक्षित विधानसभा सीट निलोखेरी से राजीव गोंदर और दयाल सिंह सिरोही, उचानां कलां से दिलबाग संडील, दादरी से अजीत फोगाट, भिवानी से अभिजीत सिंह, आरक्षित सीट बवानी खेड़ा से सतवीर रतेड़ा और पृथला विधानसभा से नीत मान को पार्टी से 6 सालों के लिए निष्कासित किया गया। वहीं, 3 नेताओं को सबसे पहले निकाला, उनमें फरीदाबाद की तिगांव विधानसभा से विधायक रहे ललित नागर, अंबाला कैंट से निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरीं चित्रा सरवारा और बहादुरगढ़ सीट से टिकट कटने पर नाराज हुए राजेश जून शामिल हैं।