बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने रविवार को एक कार्यक्रम करने वाली थी। ये कार्यक्रम 1990 में मारे गए पार्टी के एक कार्यकर्ता नूर हुसैन के बलिदान दिवस के तौर पर आयोजित होना था। हालांकि कार्यक्रम की शुरुआत से पहले इसके खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। प्रदर्शनकारियों ने ढाका में अवामी लीग के हेडक्वार्टर और जीरो पाइंट का घेराव किया। अवामी लीग ने जीरो पाइंट पर नूर हुसैन की पुण्यतिथि का कार्यक्रम रखा था। इन प्रदर्शनकारियों में छात्र आंदोलन, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी, जमात-ए-इस्लामी और अन्य विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता और कार्यकर्ता शामिल है। ये प्रदर्शनकारी शनिवार की आधी रात को सड़कों पर उतरे। यूनुस सरकार का आरोप- अवामी लीग एक फासिस्ट पार्टी अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस के प्रेस सेक्रेटरी शफीकुल आलम ने प्रदर्शन को लेकर फेसबुक पर एक पोस्ट की है। इस पोस्ट में आलम ने लिखा कि अवामी लीग एक फासिस्ट (कट्टरपंथी) पार्टी है। आलम ने लिखा कि इस फासिस्ट पार्टी को विरोध प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी जाएगी। जो भी हसीना की पार्टी के प्रदर्शनों में शामिल होगा, उसे सरकारी एजेंसियों का सामना पड़ेगा। आलम ने कहा कि अंतरिम सरकार देश में किसी भी हिंसा या कानून व्यवस्था को भंग करने नही देगी। अवामी लीग ने ट्रम्प के पोस्टर लाने को कहा था शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी ने 1990 में जनरल इरशाद के खिलाफ हुए आंदोलन में मारे गए कार्यकर्ता नूर हुसैन की पुण्यतिथि मनाने के कार्यक्रम की घोषणा की। पार्टी ने कहा था कि वह ढाका के जीरो पाइंट पर इकट्ठा होगी। कार्यक्रम के दौरान अवामी लीग ने सभी लोगों से अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की तस्वीर लाने के लिए कहा था। दरअसल, अवामी लीग का मानना है कि शेख हसीना को पद से हटाने में बाइडेन प्रशासन की भी भूमिका थी। अवामी लीग ने फेसबुक पेज से जारी बयान में कहा था कि तानाशाही ताकतो को जड़ उखाड़ने के लिए और लोकतंत्र की बहाली के लिए विरोध मार्च किया जाएगा। हसीना के देश छोड़ने के बाद पार्टी का पहला कार्यक्रम छात्र आंदोलन के बाद 5 अगस्त को शेख हसीना ने देश छोड़ दिया था और भारत आ गई थीं। तब से वे भारत में ही रह रही हैं। हसीना के देश छोड़ने के बाद अवामी लीग का ये पहला कार्यक्रम है, जिसमें लोगों से सड़क पर उतरने के लिए कहा गया था। शेख हसीना के विरोध में बांग्लादेश में 2 महीने तक हिंसक विरोध प्रदर्शन और झड़प हुई थीं। इस दौरान 700 से अधिक लोग मारे गए थे। हसीना के देश छोड़ने के बाद नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश का चीफ एडवाइजर बनाया गया था। यूनुस के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिमिनल कोर्ट में शिकायत दर्ज मोहम्मद यूनुस के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिमिनल कोर्ट (ICC) में शिकायत दर्ज कराई गई है। नीदरलैंड स्थित ICC में ये शिकायत अवामी लीग के नेता और सिलहट के पूर्व मेयर अनवरुज्जमान चौधरी ने दायर की है। इसमें यूनुस के अलावा 61 अन्य लोगों के नाम भी शामिल हैं। पूर्व मेयर चौधरी ने फेसबुक पर एक वीडियो जारी कहा कि 5 से 8 अगस्त के बीच बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के नाम पर अवामी लीग के कार्यकर्ताओं और अल्पसंख्यकों के खिलाफ नरसंहार हुआ है। नरसंहार से जुड़े सबूतों को ICC को सौंप दिया गया है। चौधरी ने कहा कि वो जल्द ऐसी ही 15 हजार और शिकायतें दर्ज कराएंगे। —————————— बांग्लादेश से जड़ी ये खबर भी पढ़ें… बांग्लादेश में कट्टरपंथियों ने इस्कॉन पर बैन की मांग की:रैली में भक्तों के कत्लेआम की धमकी दी, ISKCON ने सुरक्षा मांगी बांग्लादेश के चिटगांव में कट्टर इस्लामिक संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम ने शुक्रवार की नमाज के बाद इस्कॉन के खिलाफ रैली निकाली। इसमें इस्कॉन भक्तों को पकड़ने और उनका कत्ल करने के नारे लगाए गए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इस्कॉन पर बैन नहीं लगाया गया तो वे आंदोलन करेंगे। पूरी खबर यहां पढ़ें…