नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के दंगों में गंभीर रुप से जख्मी हुए एक शख्स को मुआवजा मिलने में देरी को दिल्ली हाई कोर्ट ने गंभीरता से लिया। हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह पीड़ित के आवेदन पर विचार करते हुए 10 दिनों के भीतर उसे मुआवजा दे। कोर्ट ने पाया कि दिल्ली सरकार की ओर से ऐसे दंगा पीड़ितों के लिए 2 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की गई थी।
जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने अपने आदेश में कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि याचिकाकर्ता को गंभीर चोटें आईं। उसे मुआवजा देने में देरी की कोई वजह नहीं है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता शान मोहम्मद के आवेदन पर जरूरी प्रक्रिया के तहत तुरंत विचार किया जाए और संतुष्ट होने पर आज से 10 दिनों के भीतर योजना के मुताबिक मुआवजे की रकम रिलीज कर दी जाए। इसके लिए हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता के आवेदन को संबंधित एसडीएम के दफ्तर तक अगले ही दिन विचार के लिए भिजवा दिया।
हाई कोर्ट ने गौर किया कि दिल्ली सरकार की ओर से दिल्ली दंगा पीडितों की मदद के लिए जो योजना लागू की गई थी, उससे गंभीर रूप से घायल पीड़ितों के लिए 2 लाख के मुआवजे की बात जाहिर हो रही है। कोर्ट को बताया गया कि संबंधित योजना के तहत याचिकाकर्ता जैसे दंगा पीड़ित अंतरिम राहत के तौर पर 25,000 रुपये तुरंत पाने का हक भी रखते हैं। अगली सुनवाई 30 जुलाई को होगी। शान मोहम्मद की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि वह फरवरी महीने में हुए दंगों के पीड़ित हैं। उन्हें पैर में गोली लगी थी, जिसका शास्त्री पार्क स्थित जगप्रवेश हॉस्पिटल में इलाज करवाया गया।
आरोप लगाया कि वह मेडिको लीगल सर्टिफिकेट(एमएलसी) के साथ मुआवजे के लिए तीन बार आवेदन कर चुके हैं, पर उस पर विचार ही नहीं हो रहा है। दिल्ली सरकार के वकील ने कोर्ट से कहा कि याचिकाकर्ता का आवेदन मिल गया है और अगर वह पूरा है तो वह अथॉरिटी से उसे मंजूर करने और मुआवजा देने के लिए कहेंगे।
आईबी कर्मी हत्या केस आरोपी ताहिर की जमानत खारिज
दिल्ली में कड़कड़डूमा की अदालत ने गत फरवरी में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान सीएए के विरोध में उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में भड़के दंगों के समय सतर्कता ब्यूरो (आईबी) के कर्मी अंकित शर्मा की हत्या के मुख्य आरोपी आम आदमी पार्टी (आप) के निष्कासित पार्षद ताहिर हुसैन की जमानत याचिका सोमवार को खारिज कर दी। अदालत ने मामले में मुख्य आरोपी होने के कारण ताहिर की जमानत याचिका को मंजूरी देने से इंकार कर दिया। पुलिस ने अदालत के समक्ष ताहिर की जमानत याचिका का विरोध किया था। इससे पहले अदालत ने नौ जुलाई को ताहिर हुसैन की जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद अपना आदेश सोमवार के लिये सुरक्षित रख लिया था।