सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (CBSE) ने बड़ा फैसला करते हुए अब स्टूडेंट्स को 10वीं में स्टैंडर्ड मैथ्स नहीं होने पर भी 11वीं में मैथ्स सब्जेक्ट का विकल्प चुनने का मौका दिया है। इस बारे में बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह छूट सिर्फ इस साल के लिए दी जा रही है।
इसके लिए CBSE ने स्कूल प्रमुखों को निर्देश दिए गए हैं कि, वह इस बात की जांच करें कि 11वीं में मैथ्स सब्जेक्ट का विकल्प चुनने वाले स्टूडेंट्स में उसे आगे बढ़ाने की योग्यता हो और क्षमता हो। दरअसल, यह फैसला कोविड-19 संक्रमण के दौरान पड़ रहे प्रभाव की वजह से लिया गया है।
साल 2019 से शुरू हुआ नियम
अभी तक सीबीएसई के नियमानुसार 11वीं और 12वीं में वहीं स्टूडेंट्स मैथ्स विषय ले सकते थे, जिन्होंने 10वीं में स्टैंडर्ड गणित पढ़ा हो। वहीं जो परीक्षार्थी हायर स्टडीज में गणित नहीं पढ़ना चाहते हैं, वे बेसिक मैथ्स पढ़ते हैं। यह नियम साल 2019 में जारी किया गया था, जिससे जो स्टूडेंट्स गणित का विषय नहीं पढ़ना चाहते हैं, उन पर ज्यादा बोझ न पड़े।
कोरोना के चलते लिया फैसला
साथ ही अगर 10वीं के बाद अगर स्टूडेंट का मूड बदलता है और वह 11वीं में मैथ्स चुनना चाहता है तो वह 10वीं में कंपार्टमेंट परीक्षा देकर 11वीं में गणित का विषय चुन सकता था। लेकिन इस बार कोविड-19 संक्रमण की वजह से पहले ही परीक्षाओं पर संकट गहराया हुआ है। ऐसे में स्टूडेंट्स को नए सत्र में पढ़ाई में परेशानी न हो इसके लिए बोर्ड ने यह फैसला लिया है।
जल्द होगी कंपार्टमेंट परीक्षा
वहीं, कोरोना के कारण CBSE ने 10वीं-12वीं की बची परीक्षाएं रद्द कर आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर रिजल्ट की घोषणा की। हालांकि, बोर्ड ने कंपार्टमेंट परीक्षाएं रद्द करने से इंकार कर दिया है। बोर्ड ने कहा कि परीक्षा रद्द करने से हजारों छात्रों का भविष्य दांव पर लग जाएगा। लेकिन परीक्षाएं कब हो पाएंगी यह साफ नहीं हुआ है।