देश में चल रही कोविड-19 महामारी से भारतीय अर्थव्यवस्था का कोई भी सेक्टर अछूता नहीं रहा है। इस महामारी के कारण देश के छोटे कारोबारियों (रिटेल ट्रेड) को 100 दिन में 15.5 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। यह दावा कन्फेडरेशन ऑफ ऑलइंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने किया है।
गहरे तनाव में छोटे कारोबारी
कैट ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि उपभोक्ताओं का कम से कम फुटफॉल, कर्मचारियों की अनुपलब्धता, आर्थिक तंगी और वित्तीय दायित्वों को पूरा करने की जिम्मेदारी के कारण छोटे कारोबारी गहरे तनाव में हैं। केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से अभी तक कोई समर्थन नीति नहीं बनाने की वजह भी व्यापारियों को परेशान कर रही है।
इस सदी के खराब दौर से गुजर रहा है देश
कैट के महामंत्री प्रवीण खंडेवलाव का कहना है कि देश में घरेलू व्यापार इस सदी के सबसे खराब दौर से गुजर रहा है। इससे यह प्रतीत होता है कि जल्द ही उचित उपाय नहीं किए गए तो देश की करीब 20 फीसदी खुदरा दुकानें बंद हो जाएंगी। देश के विभिन्न हिस्सों से मिले इनपुट के आधार पर कैट का कहना है कि पिछली अनलॉक अवधि में उपभोक्ताओं का फुटफॉल केवल 10 फीसदी रहा है। इससे व्यापारियों का रोजाना का टर्नओवर बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।
व्यापारियों का हाथ थामने की जरूरत
व्यापारिक संगठन के मुताबिक, इस महत्वपूर्ण समय में सबसे ज्यादा जरूरत व्यापारियों का हाथ थामने की है। व्यापारियों का सहायता के लिए एक वित्तीय मैकेनिज्म बनाने की आवश्यकता है। इसमें व्यापारियों को बिजनेस लोन देना, टैक्स के भुगतान में राहत, बैंक लोन के पुनर्भुगतान का विस्तार, बिना ब्याज और पेनाल्टी ईएमआई का भुगतान और कुछ अन्य उपाय शामिल हैं। इससे व्यापारियों को वित्तीय लिक्विडिटी मुहैया होगी और उन्हें कारोबारी गतिविधियों को फिर से रिवाइव करने में मदद मिलेगी।