11 साल में 11 गुना बढ़ा कृषि बजट, 2009-10 में 12,000 करोड़ का था, 2020-21 में 1.34 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया : गंगवार

श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने शनिवार को कहा कि कृषि मंत्रालय का बजट 2009-10 के 12,000 करोड़ रुपए से बढ़कर 1.34 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। इससे पता चलता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के कल्याण के लिए कितने प्रतिबद्ध हैं। गौरतलब है कि हाल में बने नए कृषि कानून को लेकर कई पक्ष सरकार की आलोचना कर रहे हैं। उन्होंने हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया कि वे 2009-10 से तुलना क्यों कर रहे हैं, जबकि मोदी 2014 में पीएम बने थे।

उन्होंने कहा कि मोदी के 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से गांवों, किसानों, गरीबों और एग्रीकल्चर का लगातार विकास हुआ है। वह उद्योग संघ पीएचडीसीसीआई के चौथे सालाना सम्मेलन में बोल रहे थे। सम्मेलन का विषय था वर्चुअल ऑन कैपिटल मार्केट एंड कमॉडिटी मार्केट : रोल ऑफ फाइनेंशियल मार्केट्स इन बिल्डिंग आत्मनिर्भर भारत।

नए कृषि कानून से किसानों को भारी लाभ होगा

गंगवार ने कहा कि नए कृषि कानून से किसानों को बहुत लाभ होगा, क्योंकि वे अपनी फसल बेहतर दाम पर दूसरे राज्यों में भी बेच सकेंगे। उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को हटाए जाने के संदेह को भी खारिज किया। उन्होंने कहा कि फसलों के समर्थन मूल्य में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के मुकाबले काफी बढ़ोतरी की गई है।

संसद में पारित हुए 3 लेबर कोड से कारोबारी सहूलियत बढ़ेगी

उन्होंने कहा कि संसद में हाल में पारित तीन श्रम संहिताएं (लेबर कोड) कामगारों को आत्मनिर्भर बनने में मदद करेंगी। इससे देश में कारोबार करने की सहूलियत बढ़ेगी। सामाजिक सुरक्षा, औद्योगिक संबंध और पेशेवर सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं काम के माहौल पर तीनों श्रम संहिताओं पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर भी हो गए हैं।

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श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने पीएचडीसीसीआई के कार्यक्रम में कहा कि मोदी के 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से गांवों, किसानों, गरीबों और एग्रीकल्चर का लगातार विकास हुआ है