नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग( NCERT) ने 12वीं के पाठ्यक्रम में एक बड़ा बदलाव किया है। 12वीं कक्षा की राजनीतिक विज्ञान ( Political Science) की किताब से जम्मू कश्मीर में ‘अलगाववादी की राजनीति’ से जुड़ा पैराग्राफ हटा लिया गयाहै। वहीं इसके स्थान परजम्मू- कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने का चैप्टर जोड़ा है।
5 अगस्त, 2019 को लोकसभा ने जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाली धारा 370 हटाए जाने के अध्यादेश को अनुमति दी थी। अध्यादेश पर राष्ट्रपति की मुहर के बाद दो नए केंद्र शासित प्रदेशों का गठन हुआ। पहला जम्मू- कश्मीर और दूसरा लद्दाख।
अलगाववाद से जुड़ा चैप्टर हटा
12वीं की किताब में Politics in India since Independence से Separatism and Beyond ( अलगावबाद से जुड़ा चैप्टर) हटा दिया गया है। वहीं Regional Aspirations ( क्षेत्रीय आकांक्षाओं) नाम का एक नया चैप्टर जोड़ा गया है। जिसमें जम्मू- कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देती धारा 370 हटने के बारे में बताया जाएगा।
राष्ट्रपति शासन लगने से लेकर 370 हटने तक की पूरी कहानी
जून 2018 में जब बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर की महबूबा मुफ्ती सरकार से गठबंधन तोड़ा था। तब राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया था। इसके ठीक 14 महीनों बाद धारा 370 हटा ली गई। नए चैप्टर में यह पूरा घटनाक्रम होगा।
इस माह CBSE हटा चुका है राष्ट्रवाद और संविधान से जुड़े चैप्टर
कोविड-19 से उपजी परिस्थितियों का हवाला देते हुए सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन ( CBSE) भी 9वीं से 12वीं के सिलेबस में कई बड़े बदलाव कर चुका है। इसके तहत सिलेबस से राष्ट्रवाद, संवैधानिक ढांचा, लोकतांत्रिक अधिकार जैसे कई चैप्टर पूरी तरह हटा लिए गए हैं। CBSE पर यह बदलाव विशेष विचारधारा के प्रचार के तहत किए जाने का आरोप भी लगा था। हालांकिएमएचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल निशंक ने सामने आकर कहा था कि बदलाव सिर्फ एक साल के लिए किए गए हैं।