धर्म, ज्योतिष और खगोल विज्ञान के नजरिए से 14 मार्च का दिन बहुत खास है, क्योंकि इस दिन होली खेली जाएगी, चंद्र ग्रहण और सूर्य का राशि परिवर्तन भी होगा। 2025 का ये पहला चंद्र ग्रहण है, हालांकि ये ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। इस कारण देश में ग्रहण का सूतक भी नहीं रहेगा। जिन जगहों पर ग्रहण दिखेगा, सिर्फ उन्हीं जगहों पर 9 घंटे पहले से ग्रहण का सूतक शुरू हो जाएगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, 14 मार्च को सूर्य मीन राशि में प्रवेश करेगा, इसके साथ ही खरमास शुरू हो जाएगा। खरमास में विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, जनेऊ संस्कार जैसे मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त नहीं रहते हैं। खरमास में पूजा-पाठ के साथ ही दान-पुण्य करने की परंपरा है। खरमास 13 अप्रैल तक रहेगा, इस दिन सूर्य मीन से मेष राशि में प्रवेश करेगा। 14 मार्च को चंद्र ग्रहण के समय चंद्र कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में रहेगा। कन्या राशि में पहले से ही केतु भी है। ऐसे में चंद्र-केतु की युति होगी, इसी वजह से ग्रहण योग बन रहा है। ज्योतिष के मुताबिक समय-समय पर ग्रह राशि बदलते हैं, इस कारण राशियों में कई बार एक से अधिक ग्रहों की युति बन जाती है। सूर्य गुरु के स्वामित्व वाली राशि मीन में एक महीने रहेगा। ऐसी मान्यता है कि मीन राशि गुरु ग्रह का घर है। देवगुरु बृहस्पति सूर्य देव के गुरु हैं और एक माह तक वे अपने गुरु की सेवा करेंगे। एक साल में दो बार खरमास आता है। एक खरमास तब आता है, जब सूर्य धनु राशि में रहता है और दूसरा तब आता है जब सूर्य मीन राशि में रहता है। होली पर कर सकते हैं शुभ काम