2009 में कानपुर एसएसपी ने मंच पर फाड़ दी थी विकास की हिस्ट्रीशीट, बसपा सरकार पर क्लीन चिट देने का आरोप लगा था

कानपुर के बिकरु गांव में 8पुलिसवालोंकीहत्या करने वाला गैंगस्टरविकास दुबे घटना के 8वें दिन शुक्रवार कोएनकाउंटर में मारा गया। 5 लाख के इनामी विकास केएनकाउंटर कीपुलिस की कहानी पर अबसवाल उठाए जा रहे हैं। इस बीच, इससे जुड़ेकुछ किस्से और राजनीतिक कनेक्शनभी सामने आ रहे हैं।

एक मामलाउसकी हिस्ट्रीशीट से जुड़ा है।2009 में कानपुर के तत्कालीन एसएसपी ने ही विकास की हिस्ट्रीशीट फाड़ते हुए कहा था कि ऐसे लोगों को भी जीने का हक है, जो काफी समय पहले अपराध छोड़ चुके हैं।

क्या था पूरा मामला
साल 2009 में उत्तरप्रदेश में बसपा की सरकार थी। वरिष्ठ पत्रकार अनूप बाजपेयी बताते हैं कि उस समय केकानपुर के तत्कालीन एसएसपी आनंद स्वरूप ने अपराध छोड़ चुके हिस्ट्रीशीटरों की लिस्ट बनवाई थी। इसमें ऐसे लोगों के नाम थे, जिनकी हिस्ट्रीशीट खुली थी, लेकिन उन्होंने लंबे समय से कोई अपराध नहीं किया था और अपने किए अपराधों की सजा काट चुके थे। इस कवायद की वजह यह बताई गई थी कि कई बार जिले में कोई अपराध होने पर पुलिस उन पुराने हिस्ट्रीशीटरों को भी तंग करती है, जिनका अब अपराध से कोई वास्ता नहीं है। इस सूची में ज्यादातर हिस्ट्रीशीटर 60 से 80 साल की उम्र के लोग थे।उस समय विकास दुबे 40-45 साल का था। विकास को भी इस कार्यक्रम में बुलाया गया था। यहां तत्कालीन एसएसपी ने विकास की हिस्ट्रीशीट फाड़ दी थी।

हिस्ट्रीशीट फाड़ने पर राजनीति खूब हुई थी
इस कार्यक्रम को कवर करने वाले सीनियर जर्नलिस्ट मनीष निगम बताते हैं कि हिस्ट्रीशीट फाड़े जाने के घटनाक्रम पर कानपुर में जमकर राजनीति हुई थी। विकास के विरोधियों ने तत्कालीन बसपा सरकार पर निशाना साधा था। विपक्ष ने आरोप लगाए गए थे कि बसपा से जुड़े आपराधिक लोगों कोक्लीन चिट दी जा रही है।

क्या है विकास की हिस्ट्रीशीट?

  • विकास की हिस्ट्रीशीट के मुताबिक,उसके खिलाफ60 केस दर्ज हैं। 2007 में विकास पर चौबेपुर थाने में क्राइम नम्बर 265/07 में 3(1) गैंगस्टर एक्ट के तहतकेस दर्ज हुआ था। इसके बाद 2012 तक जब तक बसपा सरकार रही, कोई केस दर्ज नहीं हुआ।
  • पत्रकारअनूप बाजपेयीकहते हैं कि उस समय बसपा सरकार में ब्राह्मण नेताओं का दबदबा था।कानपुर की घटना के बाद एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें विकास भी कह रहा है कि मायावती उसे सीधे नाम से जानती हैं। शायद यही वजह रही कि 2007 में जिस पर गैंगस्टर एक्ट लगा, उसके बाद 5 साल तक उस पर कोई केस दर्ज नहीं किया गया। बसपा के बाद सपा सरकार आई। विकास के खिलाफ साल 2015 में 2 केस दर्ज हुए।

बिकरुशूटआउट से पहले 2017 में हत्या का केस दर्ज हुआ था
ऐसा नहीं है कि विकास दुबे प्रदेश मेंभाजपा की सरकार बनने के बाद शांत बैठ गया था। हिस्ट्रीशीट के मुताबिक विकास दुबे पर 2017 में 4 मुकदमे दर्ज हैं। इनमेंएक हत्या का मुकदमा भी है।2018 में 1 और 2020 में 2 मुकदमे दर्ज हैं। इसके बावजूद विकास दुबे खुला घूम रहा था। विकास ने 1992 में पहली हत्या की थी।

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गैंगस्टर विकास दुबे को गुरुवार सुबह उज्जैन में गिरफ्तार किया गया था। शुक्रवार सुबह कानपुर के भौंती में एनकाउंटर में मार गिराया गया।