बिजनेस डीलिंग में एक कंपनी को तकरीबन 22 लाख की चपत लगाने के आरोप में एक शख्स को अरेस्ट किया गया है। आरोपी की पहचान जितेन्द्र कुमार के तौर पर हुई। चार साल से वह मामले में फरार चल रहा था। आरोपी के पास से कुछ दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं। डीसीपी साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक आरपी मीणा ने बताया एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की मैनेजर मीनाक्षी ने इस मामले में शिकायत दर्ज करायी थी।
उन्होंने बताया वजीराबाद हरियाणा में एमएस केसी ट्रेडर्स के मालिक जितेन्द्र कुमार ने उनके साथ एक बिजनेस डील की थी। आर्डर के आधार पर उनकी कंपनी ने आरोपी को पूरा माल भेजा। उनकी कंपनी फर्नीचर, फिटिंग आदि उपकरण में डील करती है। 16 मई 2013 को आरोपी पर चौदह लाख से ज्यादा की रकम बकाया हो गई। उसने पेयमेंट नहीं की। इसके बाद आरोपी ने फिर आर्डर देकर माल मंगवाया। जिसे देने से इंकार कर दिया गया।
हालांकि उसके बार बार आग्रह करने पर माल भेज दिया, जिसने इसके बदले पीड़ित कंपनी के नाम पर साढ़े सात लाख से ज्यादा के पीडीसी चेक जारी किए। इसके अलावा चार ओर चेक उन्हें दिए। लेकिन सभी चेक बाउंस हो गए। इस तरह उन पर करीब बाइस लाख रुपए की बकाया राशि हो गई। रकम मांगने पर उसने देने से इंकार कर दिया। सरिता विहार थाने में इस धोखाधड़ी की बाबत साल 2016 में केस दर्ज कर लिया।
जांच के दौरान पुलिस ने रेवाड़ी हरियाणा निवासी जितेन्द्र कुमार को इनवेस्टीगेशन ज्वाइन करने के लिए कहा लेकिन वहीं शामिल नहीं हुआ। इसके बाद वह अंडरग्राउंड हो गया। साल 2018 में आरोपी के खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी कर दिया। आखिरकार तेरह सितंबर को आरोपी को विकास नगर एरिया में दबिश डाल पकड़ लिया गया। आरोपी ने पूछताछ में खुलासा किया शुरु में उसने पीड़ित कंपनी से खरीदे गए माल के बदले लगातार पेमेंट की थी। लेकिन मार्केट में रुपए फंस जाने की वजह से उसे काफी नुकसान हो गया था।