हिंदू कैलेंडर का छठा महीना भाद्रपद 4 अगस्त से शुरू हो गया है और 2 सितंबर तक रहेगा। इस दिन भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि है, जो कि इस महीने का आखिरी दिन होता है। काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र का कहना है कि इस महीने की पूर्णिमा पर आकाश में पूर्वा या उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र का योग बनने से इस माह का नाम भाद्रपद है। ये चातुर्मास के चार पवित्र महीनों का दूसरा महीना भी है। पवित्र चातुर्मास के अंतर्गत आने से ग्रंथों के अनुसार इस महीने में कुछ खास नियमों का पालन करना जरूरी है। इसके साथ ही ये भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय महीना है। इसी महीने में श्रीकृष्ण का जन्म हुआ है। इसके साथ ही इस महीने में कई बड़े और खास व्रत त्योहार भी आएंगे।
भाद्रपद महीने के तीज-त्योहार
- कज्जली तीज – भाद्रपद महीने के कृष्णपक्ष की तीसरी तिथि ये व्रत किया जाता है। ये व्रत 6 अगस्त को रहेगा।
- बहुला चतुर्थी – 7 अगस्त यानी भाद्रपद कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को बहुला चौथ का व्रत किया जाएगा। पुत्र की रक्षा के लिए ये व्रत किया जाता है।
- हलषष्ठी – 9 अगस्त को भाद्रपद महीने के कृष्णपक्ष की षष्ठी तिथि को बलराम जी का जन्मदिवस यानी हलषष्ठी का व्रत किया जाता है।
- कृष्ण जन्माष्टमी – 11 अगस्त को शैव और 12 को वैष्णव संप्रदाय के लोग भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाएंगे।
- जया एकादशी – शनिवार, 15 अगस्त को भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी रहेगी। इसे जया और अजा एकादशी कहा जाता है।
- भाद्रपद अमावस्या – मंगलवार, 18 अगस्त को भाद्रपद मास की अमावस्या है। इस तिथि पर पितर देवताओं के लिए धूप-ध्यान करना चाहिए। अमावस्या तिथि पर पितरों के श्राद्ध और तर्पण करना चाहिए।
- हरतालिका तीज – शुक्रवार, 21 अगस्त को हरितालिका तीज है। इस तिथि पर विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सौभाग्य के लिए देवी पार्वती की पूजा करती हैं। इसी दिन से दस दिवसीय गणेश उत्सव शुरू जाएगा और घर-घर में गणेशजी की प्रतिमा स्थापित की जाती है।
- तेजा दशमी – शुक्रवार, 28 अगस्त को तेजा दशमी है। इस दिन तेजाजी महाराज की विशेष पूजा की जाती है।
- जलझूलनी एकादशी – शनिवार, 29 अगस्त को डोल ग्यारस है। इस तिथि पर भगवान विष्णु के लिए व्रत-उपवास किए जाते हैं।
- अनंत चतुर्दशी – मंगलवार, 1 सितंबर को अनंत चतुर्दशी है। इस दिन गणेश जी की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है।
- भाद्रपद पूर्णिमा – बुधवार, 2 सितंबर को भाद्रपद माह का अंतिम पूर्णिमा है। इस तिथि श्राद्ध पक्ष शुरू हो जाएंगे। श्राद्ध पक्ष में पितरों की विशेष पूजा की जाती है और श्राद्ध तर्पण आदि कर्म किए जाते हैं।