5 फरवरी को गुप्त नवरात्रि की अष्टमी, 6 को नवमी:देवी दुर्गा को चढ़ाएं सुहाग का सामान, छोटी कन्याओं की भी करें पूजा और दान में दें पढ़ाई से जुड़ी चीजें

अभी माघ मास की गुप्त नवरात्रि चल रही है और देवी पूजा के इस उत्सव की अष्टमी 5 फरवरी और नवमी 6 फरवरी को है। नवरात्रि की इन दोनों तिथियों का महत्व काफी होता है। जो लोग नवरात्रि के शुरुआती सात तिथियों में देवी पूजा नहीं कर पाते हैं, वे अगर अष्टमी-नवमी पर देवी पूजा कर लेते हैं तो उन्हें पूरी नवरात्रि में पूजा-पाठ करने का पुण्य मिल सकता है, ऐसी मान्यता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, गुप्त नवरात्रि में देवी सती की दस महाविद्याओं के लिए साधना की जाती है, ये साधनाएं विशेष साधक करते हैं। सामान्य और गृहस्थ देवी भक्तों को गुप्त नवरात्रि में देवी दुर्गा की सामान्य पूजा ही करनी चाहिए और किसी पौराणिक देवी मंदिर में दर्शन भी करना चाहिए। एक साल में चार बार आती हैं नवरात्र हिन्दी पंचांग में एक साल में चार बार नवरात्र आती है- माघ, चैत्र, आषाढ़ और आश्विन माह के शुक्ल पक्ष में। इनमें से माघ और आषाढ़ माह की नवरात्र गुप्त होती है। गुप्त साधनाओं की साधना के लिए गुप्त नवरात्र श्रेष्ठ होते हैं।