अमेरिका की दो तिहाई महिलाओं को अल्जाइमर है। कई रिसर्च ने ये दावा किया था कि महिलाओं में इस बीमारी के बढ़ने की वजह उनका लंबी उम्र तक जीवित रहना है। लेकिन हाल ही में की गई रिसर्च इससे जुड़े अन्य पहलुओं की ओर ध्यान आकर्षित करती है। एक स्टडी के अनुसार 65 साल से अधिक उम्र वाली हर पांच में से एक महिला को अल्जाइमर है।
अल्जाइमर की वजह से ऐसी कई महिलाएं हैं जो एक ही वाक्य के दौरान कहे जाने वाले कई शब्द भूलने लगती हैं। लेकिन इस बीमारी का असर पुरुषों के बजाय महिलाओं को क्यों होता है? एक स्टडी में पाया गया कि बढ़ती उम्र में मेनोपॉज इसकी वजह हो सकती है जिससे महिलाओं के शरीर से एस्ट्रोजन लेवल कम होने लगता है।
यह जानने के लिए वैज्ञानिकों ने महिलाओं और पुरुषों के दिमाग की स्कैनिंग की और यह पता लगाया कि अल्जाइमर का एस्ट्रोजन लेवल से कोई कनेक्शन नहीं होता है।

एक अन्य रिसर्च ने ये दावा किया कि महिलाओं का बैली फैट बढ़ने की वजह से उन्हें पुरुषों की अपेक्षा अल्जाइमर का खतरा अधिक होता है। पिछले 15 सालों के दौरान महिलाओं के पेट या कमर पर जमी चर्बी बढ़ने से उनमें 39% अल्जाइमर बढ़ा है।
हाल ही में रिसर्चर्स ने 1000 बुजुर्ग महिला और पुरुषों पर अध्ययन किया। उन्होंने ये निष्कर्ष निकाला कि महिलाओं में शुगर का मेटाबोलिज्म पुरुषों की अपेक्षा सही तरीके से होता है। इसके चलते इस बीमारी का देर से पता लगने पर भी वे जल्दी ठीक हो जाती हैं।

यूनिवर्सिटी ऑफ मियामी ने 30,000 लोगों पर रिसर्च की। इनमें से आधे वे लोग थे जिन्हें अल्जाइमर नहीं था वहीं, आधे उन लोगों को चुना जो इस बीमारी से ग्रस्त थे। उन्होंने ये पाया कि 4 जींस ऐसे हैं जो इस बीमारी के लिए जिम्मेदार होते हैं। इनमें से तीन जींस की वजह से महिलाओं में अल्जाइमर का खतरा बढ़ता है, वहीं एक जींस पुरुषों में इस बीमारी के लिए जिम्मेदार होता है।