दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने झारखंड से 9 वर्ष की उम्र में दिल्ली बेची गई लड़की को रेस्क्यू करवाया। पीड़ित लड़की ने बताया कि उसको गांव का एक व्यक्ति बहला फुसलाकर गांव से दिल्ली ले आया था। यहां पर अलग-अलग जगह रखा गया। इस बीच उससे घरेलू सहायिका का काम कराया गया। पीड़िता ने बताया कि उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। पीड़िता की मेडिकल जांच करवाई गई। जिसके बाद उसे सुरक्षित शेल्टर होम में रखवा दिया गया। इस मामले में राजेन्द्र नगर थाने में सामूहिक दुष्कर्म, दुष्कर्म समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
आयोग की तरफ से बताया गया कि पीड़िता का पिता बता एक शख्स ने नीलम नाम की महिला के पास उसकी बेटी के होने की शिकायत की। टीम ने लड़की के पिता को लेकर बताए गए पते पर पहुंची तो नीलम ने बताया कि कुछ दिन पहले वो लड़की को रोहिणी सेक्टर-11 से लेकर आई थी, लेकिन उसने अब उसे मोती नगर स्थित एक एनजीओ में सुरक्षित रखने की बात कही। वकील ने बताया कि उसने लड़की की काउंसलिंग की है और उसके लिखित बयान भी लिए है। उसके अनुसार लड़की ने अपने बयान में दुष्कर्म की बात बताई थी।
जब टीम ने उससे पूछा कि उसने ये जानकारी पुलिस या महिला आयोग को क्यों नहीं दी तो वो जवाब नहीं दे पायी। न्यू राजेन्द्र नगर के पते से लड़की को रेस्क्यू किया गया। वहां लड़की को घरेलू सहायिका का कार्य करवाया जा रहा था। लड़की को अपनी उम्र भी ठीक से नहीं पता और उसने अपने पिता को भी पहचानने से इंकार कर दिया।
पीड़िता ने बताई आपबीती
आयोग की तरफ से बताया गया कि लड़की ने काउंसलिंग मे बताया कि उसको गांव का ही एक व्यक्ति बहला फुसलाकर दिल्ली ले आया था। और चंपा नाम की महिला के यहां रखवा दिया। पीड़िता ने बताया कि चंपा के यहां उसके साथ कई लड़कों ने दुष्कर्म किया। जिनमें से कुछ का नाम उसने अपने बयान में भी बताए। पीड़िता के अनुसार रोहिणी सेक्टर-11 में भी 1 साल पहले उसके साथ एक शुभम नाम के व्यक्ति और उस घर में रखवाने वाले व्यक्ति जोसेफ ने भी उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया।