पिछले महीने भी भारतीय बाजार विदेशी निवेशकों के लिए आकर्षक बने रहे। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) जुलाई महीने में लगातार दूसरे महीने भारतीय पूंजी बाजार (शेयर और डेट बाजार) में शुद्ध खरीदार बने रहे। उन्होंने कोरोनावायरस के टीके बनने की उम्मीद के बीच जुलाई में भारतीय बाजारों में कुल 3,301 करोड़ रुपए का निवेश किया।
डिपॉजिटरीज के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई महीने में एफपीआई ने शेयर और डेट बाजारों में 7,563 करोड़ रुपए का निवेश किया। इस दौरान उन्होंने 4,262 करोड़ रुपए बाजार से निकाल लिए। इस प्रकार उन्होंने शेयर और डेट बाजारों में 3,301 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया।
कोरोनावायरस के टीके बनने की उम्मीद में विदेशी निवेशक बने रहे खरीदार
इससे पिछले महीने में एफपीआई ने भारतीय बाजारों में 24,053 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया था। सलाहकार कंपनी मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट प्रबंध शोध निदेशक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोनावायरस के टीके को लेकर उम्मीदें बढ़ी हैं। जुलाई में एफपीआई का निवेश बढ़ने की प्रमुख वजह यही है।
निवेशक सावधानी बरत रहे, इसलिए जून के मुकाबले जुलाई में हुआ कम निवेश
हालांकि जुलाई में एफपीआई का निवेश जून से कम रहने के बारे में श्रीवास्तव ने कहा कि निवेशक सावधानी बरत रहे हैं, क्योंकि भारत में अभी भी कोरोना वायरस संक्रमण लगातार फैल रहा है। वहीं कोटक सिक्युरिटीज के कार्यकारी उपाध्यक्ष एवं मौलिक शोध प्रमुख रुसमिक ओझा ने कहा कि जुलाई के आखिरी सप्ताह में उभरते बाजारों में एफपीआई निवेश का रुख मिश्रित रहा। भारत और दक्षिण कोरिया में वह खरीदार बने नजर आए, तो वहीं अन्य बाजारों में मुख्य तौर पर उन्होंने बिक्री की।