आरबीआई इस बार दरों में 25 बीपीएस की कटौती कर सकता है, ऐसा हुआ तो 1979 के निचले स्तर पर आ जाएगा रेपो रेट

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) एक बार फिर से रेपो रेट में 25 बीपीएस या एक चौथाई की कटौती कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो रेपो रेट 3.75 प्रतिशत के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ सकता है। इस तरह की उम्मीद रॉयटर्स के एक सर्वेक्षण में जताई गई है। आरबीआई की मौद्रिक नीति कमिटी (एमपीसी) की मीटिंग मंगलवार से शुरू होगी। 1979 के बाद यब सबसे कम स्तर पर होगी।

मंगलवार से शुरू होगी मीटिंग, 6 को होगा फैसला

रायटर के एक सर्वेक्षण में लगभग दो तिहाई अर्थशास्त्री यह उम्मीद करते हैं कि आरबीआई 6 अगस्त को रेपो रेट में एक और कटौती कर सकता है। अगर ऐसा होगा तो अगली तिमाही में 3.50 प्रतिशत के रिकॉर्ड निचले स्तर पर रेपो रेट आ सकता है। आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (एमपीसी) का अंतिम फैसला 6 अगस्त को आएगा। बार्कलेज के अर्थशास्त्री राहुल बाजोरिया ने 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की उम्मीद की है।

उन्होंने कहा कि उच्च महंगाई ने रिजर्व बैंक के नीतिगत दृष्टिकोण में भ्रम बढ़ा दिया है, लेकिन मांग की स्थिति को देखते हुए हम अनुमान लगाते हैं कि आरबीआई कोई कठिन फैसला नहीं लेगा।

रिटेल महंगाई जून में बढ़कर 6 प्रतिशत से ऊपर पहुंची

वार्षिक खुदरा मुद्रास्फीति (retail inflation) जून में बढ़कर 6.09 प्रतिशत हो गई। यह मार्च में 5.84% थी। यह आरबीआई के मध्यावधि लक्ष्य सीमा 2-6% से ऊपर है। आरबीआई की हालिया नीतियों में वित्तीय स्थिरता और प्राइस टारगेट के बावजूद ग्रोथ को सपोर्ट करने की जरूरत पर फोकस किया गया है। कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए मार्च के अंत से लेकर मई तक भारत को दुनिया के सबसे सख्त लॉकडाउन में से एक के तहत रखा गया था। सरकार ने जून में प्रतिबंधों में धीरे-धीरे ढील दी।

दिसंबर तक अर्थव्यवस्था निगेटिव रह सकती है

सर्वेक्षण के मुताबिक, ज्यादातर विश्लेषक यह उम्मीद कर रहे हैं कि अर्थव्यवस्था दिसंबर तिमाही तक निगेटिव रह सकती है। 2020-21 में पूरे साल के लिए अर्थव्यवस्था कमजोर होकर 5.1 प्रतिशत तक रह सकती है। यह 1979 के बाद सबसे कमजोर प्रदर्शन होगा। कोटक महिंद्रा बैंक की अर्थशास्त्री उपासना भारद्वाज के मुताबिक, दरों में कटौती के अलावा आरबीआई लिक्विडिटी और रेगुलेटरी कदमों को भी लेकर कुछ घोषणा कर सकता है।

फरवरी से अब तक 1.15 प्रतिशत तक कटौती हुई है

उनका कहना है कि 25 बीपीएस की कटौती वर्तमान माहौल में ज्यादा प्रभाव वाला नहीं होगा। आरबीआई को कम से कम 75 बीपीएस की कटौती करनी चाहिए। बता दें कि आरबीआई फरवरी से लेकर अब तक 1.15 प्रतिशत की कटौती रेपो रेट में कर चुकी है। जबकि पिछले साल से लेकर अब तक 1.35 प्रतिशत की कटौती हो चुकी है। कुछ अर्थशास्त्री यह मानते हैं कि आरबीआई अगस्त में रेपो रेट में कोई कटौती नहीं करेगा।

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दरों में कटौती के अलावा आरबीआई लिक्विडिटी और रेगुलेटरी कदमों को भी लेकर कुछ घोषणा कर सकता है