बीएसई के कुल मार्केट कैप का 9% अकेले रिलायंस के पास, टॉप-10 कंपनियों के हिस्से में मार्केट का एक तिहाई से ज्यादा कैपिटल

कोरोना के चलते पूरी दुनिया के शेयर मार्केट फरवरी से ही गिरने लगे थे। 11 मार्च को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना को महामारी घोषित किया। अगले ही दिन 12 मार्च को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) कोलैप्स हो गया। बीएसई में लिस्टेड सभी कंपनियों की कुल मार्केट वैल्यू 10 लाख 89 हजार करोड़ घटकर 126 लाख करोड़ हो गई।

करीब 5 महीने बाद 31 जुलाई शुक्रवार को बीएसई के बंद होने के बाद उसका टोटल मार्केट कैप 147 लाख करोड़ से ज्यादा था। रिलायंस के पास अकेले टोटल मार्केट कैप का 9% है।

12 मार्च को लगभग 3 सालों में सबसे ज्यादा गिरा बीएसई

बीएसई में लिस्टेड सभी कंपनियों का टोटल मार्केट कैप 11 मार्च को 137 लाख करोड़ हो गया था। 12 मार्च को ये करीब 11 लाख करोड़ घटकर 126 लाख करोड़ हो गया। पिछले 33 महीने में मार्केट की ये सबसे बड़ी गिरावट थी। इससे पहले 30 जून 2017 को बीएसई का टोटल मार्केट कैप 125 लाख करोड़ था। हालांकि, 23 मार्च को मार्केट में इससे भी नीचे आ गया था।

अब तक मार्केट काफी हद तक रिवाइव हो चुका है। 31 जुलाई को मार्केट बंद होने के बाद उसके कुल कैपिटलाइजेशन का 35% लार्ज कैप टॉप-10 कंपनियों के पास है। रिलायंस के पास अकेले टोटल मार्केट कैप का 9% है।

31 जुलाई को मार्केट बंद होने के बाद उसके टोटल मार्केट कैप साइज का कितना हिस्सा लार्ज कैप टॉप-10 कंपनियों के पास है? 12 मार्च को टोटल मार्केट कैप में इन कंपनियों का कितना हिस्सा था?अभी के टॉप-10 लार्ज कैप कंपनियों में वो कौन सी कंपनियां हैं जिनका शेयर प्राइस ग्रोथ 12 मार्च से अब तक सबसे ज्यादा है? इस रिपोर्ट में हम इन्हीं सवालों का जवाब देंगे।

31 जुलाई को टॉप-10 कंपनियां 12 मार्च को भी टॉप इंडेक्स का हिस्सा थीं

अभी टॉप-10 में मौजूद कंपनियों का मार्केट कैप मार्च में सबसे ज्यादा गिरा। रिलायंस का मार्केट कैप सबसे ज्यादा 2 लाख 60 हजार करोड़ कम हुआ था, टीसीएस का मार्केट कैप 1 लाख 50 हजार करोड़, एचडीएफसी बैंक का 1 लाख 24 हजार करोड़, इन्फोसिस और आईटीसी का मार्केट कैप 50 हजार से 88 हजार 8 सौ करोड़ तक कम हुआ था। आज जब बीएसई रिकवरी मोड में है तो यही कंपनियां टॉप-10 लार्ज मार्केट कैप कंपनियां हैं। आईटी, बैंकिंग और ऑटो सेक्टर पटरी पर आ रहे हैं।

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More than one-third of the total market capitalization of BSE is held by top-10 high-cap companies, 15% with Reliance and TCS