राम मंदिर आंदोलन के अगुआ, बाबरी मस्जिद तोड़े जाने के मामले में आरोपी, बजरंग दल के संस्थापक और भाजपा नेता विनय कटियार अपने उग्र बयानों और भाषणों के लिए जाने जाते हैं। विनय कटियार अयोध्या (फैजाबाद) से तीन बार लोकसभा सांसद और यूपी से दो बार राज्यसभा सांसद रह चुके हैं। मूल रूप से अयोध्या के रहने वाले कटियार राम जन्मभूमि से थोड़ी दूर पर स्थित कनक भवन के पीछे रहते हैं।
5 अगस्त को अयोध्या में भूमिपूजन होने वाला है, इसको लेकर वे क्या कर रहे हैं, क्या सोचते हैं, साथ ही भविष्य के लिए उनका क्या प्लान है, ऐसे ही कुछ सवालों को लेकर दैनिक भास्कर ने विनय कटियार से बातचीत की।
सवाल: पूरी अयोध्या व्यस्त है। आप आराम से, अपने घर में बैठे हैं। वजह क्या है?
जवाब: (हंसते हुए ) हम विदाउट बिजनेस व्यस्त नहीं होते…
सवाल: अच्छा? क्या इसका मतलब ये हुआ कि एक समय में राममंदिर आंदोलन का चेहरा रहे विनय कटियार को आज कोई जिम्मेदारी नहीं मिली है?
जवाब: नहीं, नहीं। ऐसी बात नहीं है। ट्रस्ट का काम है। ट्रस्ट के लोग लगे हुए हैं। मेरा काम दर्शन करना है। मैं 5 अगस्त को दर्शन करने जाऊंगा।
सवाल: 5 अगस्त को होने वाले कार्यक्रम को लेकर हर स्तर पर तैयारी हो रही है। सबके अपने-अपने रोल हैं, जिम्मेदारियां हैं। इस कार्यक्रम में विनय कटियार जो एक वक्त में आन्दोलन के चेहरा थे का क्या रोल रहने वाला है?
जवाब: मेरा रोल क्या रहा है वो सबको मालूम है। राम जन्मभूमि आंदोलन को मैंने शुरू किया। धीरे-धीरे काफी लोग जुड़ते चले गए। संतों का आशीर्वाद मिलता गया। संगठन के जो बड़े-बुजुर्ग थे उनका आशीर्वाद मिलता गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की बड़ी भूमिका इसमें रही है। इसमें दूसरे कई नेताओं का भी बड़ा भारी योगदान रहा है। इस सब को कैसे नकारा जा सकता है? अगर राज्य स्तर की बात करूं तो कल्याण सिंह और कलराज मिश्रा का बड़ा योगदान रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर राजनाथ सिंह और लालकृष्ण आडवाणी का योगदान रहा है।
सवाल: एक जानकारी आ रही है कि लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो रहे हैं। इसे कैसे देखते हैं?
जवाब: मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं। पता नहीं वो आ रहे हैं या नहीं। मेरे पास इस बारे में कोई सूचना नहीं है।
सवाल: भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा है कि राम मंदिर आंदोलन में मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोई योगदान नहीं रहा है। क्या आप इससे सहमत हैं?
जवाब: नहीं, नहीं। समय-समय पर सबका योगदान रहा है। तब वो गुजरात में सक्रिय थे। गुजरात के अंदर वो जगह-जगह जाकर प्रचार करते थे। लोगों को जोड़ने का काम किया, फिर मुख्यमंत्री बन गए तो दूसरी भूमिका हो गई उनकी।
सवाल: बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आप आरोपी हैं। वो केस अभी भी चल रहा है। क्या भविष्य को लेकर कोई चिंता है? ये सवाल इसलिए महत्वपूर्ण क्योंकि अब पार्टी भी आपसे किनारा करती हुई दिख रही है।
जवाब: सबसे पहले तो मुझे ‘बाबरी’ शब्द के प्रयोग से ऐतराज है। वो एक ढांचा था। जर्जर था। ढाहा नहीं, गिर गया। बाकी केस जो चल रहा है वो तो कांग्रेस की चाल थी। वो तब शासन में थे केस लगा दिया। रही बात, पार्टी के दूर होने की या किनारा करने की तो ऐसा आपको लग रहा है। सच्चाई ये नहीं है। आज भी मैं राष्ट्रीय कार्यसमिति का सदस्य हूं। मैं पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहा हूं। राष्ट्रीय महामंत्री रहा हूं। पार्टी के इतने सारे पदों पर रहा हूं फिर कैसे कह रहे हैं कि पार्टी दूर हो रही है?
सवाल: अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो रहा है। अब आगे विनय कटियार के लिए क्या बचा है? आप क्या करेंगे?
जवाब: आप देखते चलो, अभी मथुरा और काशी बचा है। उधर भी तो आगे बढ़ना है। यहां हमारा रोल यहीं तक था।
सवाल: किस तरह से आगे बढ़ेंगे?
जवाब: सब अभी ही बता दें? तब आगे आप आएंगे बात करने? देखते जाइए कि कैसे आगे बढ़ेंगे।
सवाल: एक बात बताइए। आपने बजरंग दल नामक एक संगठन बनाया था। इस संगठन को कई जगह ऐसे कामों में पाया जाता है जो सही नहीं है। गौ रक्षा के नाम पर बजरंग दल के लोग गुंडागर्दी करते मिलते हैं। क्या सोचकर आपने बनाया था इस संगठन को?
जवाब: नहीं। ये सोचकर नहीं बनाया था। कई बार तो लोग गलत तरीके से संगठन का जाम जोड़ भी देते हैं। मैंने तो बनाया था कि हनुमान के नाम पर युवा राममंदिर आंदोलन से जुड़ें। वो जुड़े भी और इस आंदोलन में बहुत बढ़िया काम किया।
सवाल: कई जगहों पर एक नारा लगता है- देखो, देखो कौन आया? हिंदुओं का शेर आया। मैंने एक बार बिहार में कहीं लोगों से पूछा कि ऐसे तीन नेताओं का नाम बताइए जो हिंदू शेर हैं तो लोगों ने नरेंद्र मोदी, योगी आदित्यनाथ और साध्वी प्रज्ञा का नाम लिया लेकिन किसी ने विनय कटियार का नाम नहीं लिया। क्या आपको नहीं लगता कि आपको इस लिस्ट में रहना चाहिए था या आपको जो मिलना चाहिए था वो नहीं मिला?
जवाब: मुझे मिला, भाई! मिला! क्या नहीं मिला? मैं पांच बार सांसद रहा हूं। मुझे जो मिलना चाहिए था वो सब मिला। आप मुझे भड़काइए मत। मैं भड़कने वालों में से नहीं हूं। एक बात और साफ कर दूं। मुझे किसी ने कुछ दिया नहीं है। सब भगवान ने दिया है। मुझ पर किसी इंसान की कोई कृपा नहीं है। किसी की दया नहीं है। मुझे जो मिला वो भगवान ने दिया। ठीक है?
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