दिल्ली यूनिवर्सिटी की तर्ज पर तीन साल पहले शुरू हुई गुरुग्राम यूनिवर्सिटी में नए कोर्स में सीटों के मुकाबले काफी कम आवेदन मिले हैं। ऐसे में मजबूरीवश यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने आवेदन की लास्ट डेट बढ़ा दी है। गुड़गांव में वैसे तो 9 गवर्नमेंट कॉलेज हैं, लेकिन प्रोफेशनल कोर्सेज की कमी के कारण गुरुग्राम यूनिवर्सिटी एक विकल्प बनी है। लेकिन यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने एडमिशन प्रक्रिया के लिए कोई विज्ञापन आदि नहीं किया, ऐसे में कुछ नए कोर्स में सीटों के बराबर भी आवेदन नहीं मिल पाए।
हालांकि यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डा. मार्केंडेय आहूजा का कहना है कि गुरुग्राम यूनिवर्सिटी अपकमिंग यूनिवर्सिटी है। नए कोर्सेज में ही आवेदन कम आए हैं, इसके लिए लास्ट डेट को एक्सटेंड कर दिया गया है। गत 14 जुलाई से गुरुग्राम यूनिवर्सिटी में ऑनलाइन एडमिशन की प्रक्रिया चल रही है। जिसकी अंतिम तारीख पहले 31 जुलाई निर्धारित की गई थी लेकिन आवेदन कम आने की वजह से डेट को बढ़ा दिया गया है। अब आगामी 20 अगस्त तक स्टूडेंट ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
गुड़गांव यूनिवर्सिटी के लिए अभी तक मात्र 4500 आवेदन ही मिले हैं। जिसमें पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा इन लेबर लॉ में 30 सीटों के लिए 11, पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा इन कॉरपोरेट लॉ में 30 सीटों के लिए 9 ही आवेदन अभी तक आए हैं। एमपीटी में मात्र 10, मास्टर इन सोशल वर्क में मात्र 9, मास्टर ऑफ फिजियोथैरेपी के लिए 34, मास्टर ऑफ एजुकेशन 29 आवेदन हुए हैं।
गुरुग्राम यूनिवर्सिटी की अभी दिल्ली यूनिवर्सिटी से तुलना नहीं की जा सकती है। यह अपकमिंग यूनिवर्सिटी है। अभी आवेदन कम आने की बात कहना थोड़ा जल्दबाजी होगा। कुछ नए कोर्स में आवेदन कम आए हैं। यहां हमने कुछ नया करने का प्रयास किया है। ऐसे में धीरे-धीरे आवेदनों की संख्या बढ़ जाएगी। -डा. मार्केंडेय आहूजा, वाइस चांसलर, गुरुग्राम यूनिवर्सिटी।