खुशियां जब मिलती हैं तो छप्पर फाड़कर, एक ही साल में पहले आईएफएस आई इसके बाद आईएएस बने भोपाल के अनमोल

संघ लोक सेवा आयोग की इंडियन फॉरेस्ट सर्विसेज (आईएफएस) 2019 का लॉकडाउन शुरू होने के पहले रिजल्ट आया था, जिसमें भोपाल के अनमोल जैन की ऑल इंडिया लेवल पर तीसरी रैंक आई थी। पर अनमोल जैन इससे खुश होकर बैठने वालों में से नहीं थे। उन्हें उम्मीद कुछ और ज्यादा पाने की थी, बस उसी का इंतजार कर रहे थे। जो कोरोना की वजह से बढ़ता ही जा रहा था। लेकिन मंगलवार को जब रिजल्ट आया तो अनमोल और उनका परिवार के लिए खुशियां लेकर आया। अनमोल को ऑल इंडिया 14वीं रैंक मिली थी। आईआईटी दिल्ली से बीटेक अनमोल को ये सफलता पांचवें अटेम्ट में मिली है, वह बेहद खुश हैं। अनमोल कहते हैं, आईएएस बनना मेरा ख्वाब था, देर से ही सही अब पूरा हो गया।

अनमोल जैन ने सिविल सर्विसेज की तैयारी के दौरान कोचिंग का सहारा नहीं लिया। वह ऑनलाइन टेस्ट सीरीज और अपने दोस्तों से डिस्कशन करके ही तैयारी करते थे। उनके माता-पिता दोनों पेशे से डॉक्टर हैं। पिता डॉ. संजय जैन भोपाल के कमला नेहरू टीबी अस्पताल में डिप्टी डायरेक्टर हैं और मां संगीता जैन गवर्नर हाउस में पदस्थ हैं। आईएएस अनमोल जैन ने दैनिक भास्कर ने खास बातचीत की…

निराश हुए तो परिवार ने मोटिवेट किया
अनमोल जैन ने 2014 में आईआईटी दिल्ली से बीटेक किया था। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही मन बना लिया था कि सिविल सर्विसेज में जाना है। पहली बार परीक्षा में बैठे तो प्रारंभिक परीक्षा ही नहीं पास कर पाए। अनमोल कहते हैं कि “पहली बार प्रारंभिक परीक्षा में पास नहीं हुआ तो थोड़ी निराशा हुई, लेकिन तभी से मन को मजबूत कर लिया कि अब मैं यहां से पीछे नहीं हटूंगा, चाहे जितनी मेहनत करनी पड़े। दूसरे और तीसरे अटेम्ट में इंटरव्यू तक पहुंचा, लेकिन फाइनल सेलेक्शन नहीं हुआ। थोड़ी निराशा हुई, लेकिन मम्मी-पापा ने मोटिवेट किया तो मैं फिर से 2018 की परीक्षा में बैठा, एक बार फिर से नहीं हुआ। मैं एक बार फिर से परीक्षा में बैठा और इस बार नतीजा सबके सामने है।”

गुरु ग्राम में एक स्टार्टअप में नौकरी भी करते थे
अनमोल जैन आईएएस में सेलेक्ट होने के पहले बतौर इंजीनियर गुरुग्राम की एक स्टार्टअप एग्रोटेक में काम करते थे। हालांकि जब उनकी सिविल सर्विसेज की परीक्षा आती थी तो वह इसे छोड़ देते थे। अनमोल ने बताया कि “सिविल सर्विसेज की मेरी ज्यादातर तैयारी भोपाल में हुई है और मैंने इसके लिए कोई कोचिंग नहीं की। मेरी पूरी तैयारी ऑनलाइन टेस्ट सीरीज और अपने दोस्तों से लगातार डिस्कशन पर हुई है। इसके लिए दिल्ली भी नहीं जाना पड़ा। आईएएस की तैयारी के लिए ये बिलकुल जरूरी नहीं है कि आप दिल्ली ही जाएं।”

अनमोल आईएएस के पहले बन गए आईएफएस
अनमोल का सेलेक्शन यूपीएससी में आईएएस से पहले भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के लिए हो गया था। आईएफएस में उनकी ऑल इंडिया तीसरी रैंक आई थी। लेकिन अनमोल इतने से कहां खुश होने वाले थे, उन्हें और बड़े रिजल्ट का इंतजार था। अनमोल कहते हैं, ‘आईएफएस में सेलेक्ट होने के बाद दिल्ली मेरा मेडिकल होना था, इसके लिए 15 अगस्त को जाने वाला था, लेकिन ये रिजल्ट आ गया तो अब नहीं जाऊंगा।’

युवाओं को संदेश- फोकस्ड रहें, ऑप्शनल सब्जेक्ट सही चुनें
फुटबाल खेलना पसंद करने वाले अनमोल ने कहा कि युवाओं को अपनी तैयारी में ऑप्शनल सब्जेक्ट पर जोर देना चाहिए। उसे सही चुन लें तो वह मेंस काफी काम आता है।
आईएएस बनने के लिए ऐसा भी नहीं है कि आपको दिन-रात पढ़ना ही पढ़ता है। वक्त निकालिए, थोड़ा खेलिए, कुछ पसंद की नॉवेल, स्टोरी पढ़िए, टाइम वेस्ट न करें और फोकस्ड रहें। सफलता जल्दी मिलेगी। घर से बाहर तभी निकलते हैं, जब फुटबाल खेलना हो या लेक व्यू जाना हो। ये उनके पसंदीदा शगल हैं।

पिता ने कहा- हमें बेटे पर गर्व है
अनमोल के पिता डॉ. संजय जैन ने कहा कि मुझे हमेशा लगता था कि बेटा एक दिन आईएएस अधिकारी बनेगा। वह बेहद शार्प है और उसकी याददाश्त बहुत अच्छी है। वह जल्दी कुछ नहीं भूलता है। हमें अपने बेटे पर गर्व है। अनमोल के छोटे भाई अक्षय जैन ने मैनिट से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पढ़ाई की है। उन्होंने बीटेक के बाद वड़ोदरा में एलएंडटी में कुछ दिन काम किया, लेकिन जमा नहीं। अब वह भी सिविल की तैयारी में जुट गए हैं।

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भोपाल में आईएएस में 14वीं रैक लाने वाले अनमोल जैन (बाएं से पहले) अपने परिवार के साथ। उनका छोटा भाई अक्षय जैन भी सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहा है।