बैंक तनावग्रस्त लोन को बिना एनपीए घोषित किए उसकी रीस्ट्र्रक्चरिंग कर सकेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते समय गुरुवार को बैंकों का यह सुविधा दे दी। बैंक इस सुविधा का इस्तेमाल 31 दिसंबर 2020 तक कभी भी कर सकेंगे।
स्ट्रेस्ड असेट्स की रीस्ट्रक्चरिंग करने के लिए हालांकि बैंकों को ऐसे लोन पर 10 फीसदी ज्यादा प्रोविजनिंग करनी होगी। आरबीआई ने पर्सनल लोन और लघु उद्यमों को दिए गए लोन को रीस्ट्रक्चर किए जाने की भी सुविधा दे दी। लोन रीस्ट्रक्चरिंग का फैसला होने के बाद बैंकों को 180 दिनों के भीतर रीस्ट्र्रक्चरिंग की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
कॉरपोरेट लोन के मामले में स्टैंडर्ड श्रेणी वाले अकाउंट की हो सकेगी रीस्ट्र्रक्चरिंग
कॉरपोरेट लोन के मामले में इस डेट रीकास्ट सुविधा का लाभ उन्हीं अकाउंट में मिलेगा, जो अकाउंट स्टैंडर्ड कैटेगरी में हैं। इसके अलावा इनमें एक मार्च 2020 तक किसी भी बैंक के साथ 30 दिनों से ज्यादा का डिफॉल्ट नहीं होना चाहिए। आरबीआई ने साथ ही कहा कि जिस दिन लोन अकाउंट के रीकास्ट के लिए आवेदन किया जाएगा, उस दिन तक उस अकाउंट का स्टैंडर्ड श्रेणी में होना भी जरूरी है।
180 दिनों के भीतर खत्म करनी होगी प्रक्रिया
आरबीआई ने कहा कि लोन को रीस्ट्र्रक्चर करने का फैसला हो जाने के बाद बैंकों को 180 दिनों के भीतर इसकी प्रक्रिया पूरी करनी होगी। प्रक्रिया पूरी होने के बाद लोन की स्टैंडर्ड कैटेगरी को बरकरार रखा जाएगा। रीस्ट्रक्चरिंग का आवेदन किया जाने के बाद और रीस्ट्र्रक्चरिंग की प्रक्रिया पूरी होने के पहले यदि लोन एनपीए हो जाता है, तो ऐसे लोन को भी रीस्ट्रक्चरिंग की प्रक्रिया पूरी होने के बाद स्टैंडर्ड श्रेणी में डाल दिया जाएगा।
केवी कामत की एक्सपर्ट कमेटी लोन रीकास्ट विंडो पर देगी सिफारिश
लोन रीकास्ट विंडो पर सलाह देने के लिए आरबीआई एक एक्सपर्ट कमेटी गठित करेगी। केवी कामत इस कमेटी के चेयरमैन होंगे। एक्सपर्ट कमेटी इस विंडो के लिए वित्तीय शर्तों और किसी खास सेक्टर के लिए खास मानक पर अपनी सिफारिश देगी।
एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिश पर आरबीआई फाइनल नोटिफिकेशन जारी करेगा
एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिश पर विचार करने के बाद आरबीआई इस लोन रीकास्ट विंडो पर फाइनल नोटिफिकेशन जारी करेगा। इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) ने तनावग्रस्त लोन पर आरबीआई के 7 जून 2019 के एक सर्कुलर के आधार पर वन-टाइम लोन रीकास्ट की सुविधा दिए जाने के लिए आरबीआई से अनुरोध किया था।