सुख और समृद्धि के लिए घर के मेन गेट पर स्थापित की जाती है गणेशजी की मूर्ति, वास्तुशास्त्र में बताया है इसका महत्व

वास्तुशास्त्र के रूपमंडन और विष्णुधर्मोत्तर पुराण में बताया गया है कि गणेश जी की मूर्ति को घर में रखना शुभ होता है। मत्स्य पुराण का कहना है कि घर के मेनगेट पर बंदनवार के साथ ही गणेश जी की मूर्ति स्थापित करने से घर में सुख और समृद्धि बढ़ती है। काशी के ज्योतिषाचार्य और वास्तु विशेषज्ञ पं. मिश्र के अनुसार ऐसे घर में लक्ष्मीजी का वास माना गया है। वास्तु के ग्रंथों के अनुसार ऐसी मूर्ति जिसमें गणेश जी की सूंड दाईं ओर घूमी हुई हो, उसे घर में रखने से वहां रहने वाले लोग आर्थिक रूप से मजबूत होते हैं।

गणेशजी की मूर्ति से जुड़ी खास बातें और उनका महत्व

  • मत्स्य पुराण के अनुसार घर के मेन गेट पर बंदनवार बांधनी चाहिए। इसके साथ ही गणेश जी की छोटी सी मूर्ति भी मेनगेट के ऊपर स्थापित करने से घर में सुख और समृद्धि बढ़ती है।
  • घर में बैठे हुए गणेश जी तथा कार्यस्थल पर खड़े गणपति जी का चित्र लगाना चाहिए, ध्यान रखें कि खड़े गणेश जी के दोनों पैर जमीन का स्पर्श करते हुए हों। इससे कार्य में स्थिरता आती है।
  • घर या कार्यस्थल के किसी भी भाग में वक्रतुण्ड की प्रतिमा अथवा चित्र लगाए जा सकते हैं। यह ध्यान रखना चाहिए कि गणेश जी की मूर्ति का मुंह उत्तर या पूर्व दिशा में ना हो।
  • सुख, शांति, समृद्धि की चाह रखने वालों के लिए सफेद रंग के विनायक की मूर्ति, चित्र लगाना चाहिए। सर्वमंगल की कामना करने वालों के लिए सिन्दूरी रंग के गणपति की आराधना अनुकूल रहती है।
  • गणेश जी की जिस मूर्ति की सूंड दाईं ओर घूमी हुई हो ऐसी मूर्ति की पूजा करने से भौतिक सुख और समृद्धि बढ़ती है। इसके अलावा मोक्ष चाहने वाले लोगों को बाईं और मूडी सूंड वाले गणपति जी की मूर्ति घर में रखनी चाहिए।

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Vastu Shastra: The importance of Ganesha idol has been told in Vastu Shastra And Puranas