स्मार्ट इंडिया हैकथॉन बीते वर्षों में देश में विभिन्न समस्याओं को सुलझाने चुनौती को स्वीकारते हुए नवाचार को बढ़ावा देने में बड़ी भूमिका निभा रहा है। ये विद्यार्थियों को नई चुनौतियों के माध्यम से उनके प्रतिभा को निखारने में मदद कर रहा है। ये अत्यंत हर्ष का विषय है मानव संसाधन विकास मंत्रालय एवं अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् ने सेज विश्वविद्यालय को नोडल सेंटर बनाते हुए स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2020 के सॉफ्टवेयर संस्करण के ग्रैंड फिनाले का आयोजन कराने की ज़िम्मेदारी सौंपी। कार्यक्रम का उद्घाटन नई दिल्ली से मानव संसाधन विकास मंत्री और मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री ने किया । प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 अगस्त, 2020 को छात्रों से वर्चुअल कांफ्रेंस के द्वारा छात्रों , शिक्षकों से स्मार्ट इंडिया हैकथॉन से जुड़े कई विषयों पर चर्चा की ! कार्यक्रम की अध्यक्षता सेज विश्वविद्यालय के चांसलर इंजीनियर संजीव अग्रवाल ने की। उन्होंने बताया की कोरोना जैसी आपदा के बाद भी इस साल का हैकेथान काफी सफल रहा है उन्होंने बताया कि इस वर्ष हमारे साथ देशभर से करीब 34 टीमें, 250 प्रतिभागी वर्चुअली इस हैकथॉन में जुड़े हैं, इन टीमों के लिए मेंटर्स, हमारे 22 के करीब ज्यूरी मेंबर्स, एमएचआरडी से 4 ज्यूरी मेंबर्स, 18 स्वंयसेवक और आयोजन समिति ने इस हैकथॉन को सफल बनाने में सहयोग दिया । चांसलर इंजीनियर संजीव अग्रवाल ने कहा कि आज की युवा शक्ति की सोच और इनोवेटिव करने का जोश देश को विश्वगुरु बनाने की दिशा में काम रहा है।
सेज यूनिवर्सिटी का इंडस्ट्री रेडी कोर्सेज और इनोवेटिव लर्निंग शिक्षण पद्धति पर जोर
सेज यूनिवर्सिटी इंडस्ट्री रेडी कोर्सेज और इनोवेटिव लर्निंग शिक्षण पद्धति के कारण आज देश में श्रेष्ठ उच्च शिक्षण संस्थान की सूची में प्रमुख स्थान रखता है। सेज विश्वविधालय छात्रों के सम्पूर्ण विकास के लिए नियमित रूप से इस तरह के आयोजन करता है , जिसमे छात्रों को तकनीक के साथ साथ एक सम्पूर्ण व्यक्तित्व बनाने पर जोर दिया जाता है. सेज विश्वविद्यालय इंदौर के प्रो-चांसलर प्रशांत जैन, सेज विश्वविद्यालय कार्यकारी निदेशक सुश्री शिवानी अग्रवाल और सुश्री साक्षी अग्रवाल व वाइस चांसलर डॉ रविंद्र भारद्वाज ने भी कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित थे। प्रो-चांसलर प्रशांत जैन ने बताया कि हैकथॉन के लिए हमारे पास लगभग 18 हज़ार लोगों की देशभर में टीम है। इस वर्ष संपन्न हुए हैकथॉन में प्रतिभागियों के समक्ष सुरक्षा, संचालन से जुड़ी करीब आठ समस्याओं को समाधान के लिए चुनौती के रूप में दिया। लापता विमानों की अंतिम ज्ञात स्थिति से खोज क्षेत्र की गणना और प्लॉटिंग द्वारा खोज और बचाव में सहायता के लिए एक सॉफ्टवेयर टूल विकसित करने, हवाई अड्डे मानचित्र डेटाबेस रेटिंग करने, विभिन्न सीएनएस / एटीएम सुविधाओं के विफलता-मुक्त संचालन के लिए एक वेब आधारित सॉफ्टवेयर की मांग की है, जिसका रखरखाव दैनिक, साप्ताहिक, मासिक, छह-मासिक और वार्षिक आधार पर किया जा सके, इन्वेंटरी मैनेजमेंट सिस्टम के लिए क्यूआर कोड आधारित मोबाइल एप्लिकेशन बनाने, IOT(Internet of Things) प्रौद्योगिकी का उपयोग करके हवाई अड्डे की सुविधाओं और उपयोगिताओं के प्रतिशत उपयोग के लिए डेटा एनालिटिक्स पर आधारित एक दृश्य डैश-बोर्ड, IOT का उपयोग कर एक मोबाइल आधारित समय प्रबंधन प्रणाली, ब्लॉक चेन के माध्यम से ज्ञान प्रबंधन प्रणाली एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का उपयोग करके मोबाइल एप्लिकेशन आधारित यात्री सुविधा प्रणाली बनाने की चुनौतियां दी हैं। इस वर्ष हैकथॉन में भाग ले रहे प्रतिभागियों ने इन चुनौतियों के कुछ बेहतर समाधान ढूढ़े। कार्यकारी निदेशक सुश्री साक्षी अग्रवाल ने सभी छात्रों को उनके प्रदर्शन के लिए बधाई दी , उन्होंने कहा इस तरह के आयोजन युवा वर्ग को अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने का अवसर देते हैं।