दुबई से 190 लोगों को लेकर भारत आ रहा बोइंग 737-800 विमान शुक्रवार को कोझीकोड (केरल) में उतरते समय टेबल टॉप रनवे पर ओवरशूट कर गया। विमान 35 फीट गहरी खाई में जा गिरा और उसके दो टुकड़े हो गए। इस हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई घायल हो गए। इस हादसे के बाद कई ऐसी कहानियां सामने आई हैं, जो भावुक कर देने वाली हैं। इस विमान में करीब 26 यात्री ऐसे थे, जिनकी नौकरी चली गई थी। 28 ऐसे थे, जिनका वीजा एक्सपायर हो गया था। 54 ऐसे लोग थे, जो घूमने के लिए दुबई गए थे, लेकिन कोरोना के चलते वहां फंस गए। इनमें तीन ऐसे थे, जिनकी शादी होने वाली थी।
1. मां के जन्मदिन पर सरप्राइज देने आ रहे थे, एक दिन पहले ही हादसे का शिकार हो गए
कोझीकोड विमान हादसे में मारे गए मुख्य पायलट के. दीपक साठे अपनी मां के जन्मदिन पर सरप्राइज विजिट करने वाले थे। उन्होंने कुछ रिश्तेदारों को बताया भी था कि वे नागपुर पहुंचकर मां को सरप्राइज देना चाहते हैं, लेकिन ऐसा हो नहीं सका। नियति को कुछ और ही मंजूर था। उनकी मां का जन्मदिन शनिवार को था और उससे पहले ही शुक्रवार को दीपक साठे हादसे का शिकार हो गए।
दीपक की मां नीला साठे कहती हैं, काश! भगवान उनकी जगह मुझे उठा लेता, मेरा बेटा महान था, उसने देश के लिए बलिदान दिया है। वह हमेशा दूसरों की मदद करता था। नीला साठे अपने पति के साथ नागपुर में रहती हैं। कहती हैं कि कोरोना के चलते बेटे ने मुझे घर से निकलने से मना किया था, कहता था कि आपको कुछ हो गया तो मेरा क्या होगा…लेकिन अब भगवान की इच्छा के आगे हम कर भी क्या सकते हैं?
कैप्टन साठे अपनी पत्नी के साथ मुंबई में रहते थे। वे एयरफोर्स से रिटायर हुए थे। उन्हें एनडीए में गोल्ड मेडल और सोर्ड ऑफ ऑनर मिला था। उनकी पहली पोस्टिंग 17 स्क्वॉड्रन में थी, जो वर्तमान में राफेल उड़ा रही है। दीपक को 36 साल का एक्सपीरियंस था। 2005 में उन्होंने एयर इंडिया जॉइन किया।
दीपक साठे के दोस्त नीलेश साठे ने फेसबुक पर पोस्ट कर उनकी बहादुरी को सलाम किया है। उन्होंने लिखा है कि 1990 के दशक में दीपक एक प्लेन क्रैश में बच गए थे। उन्हें गंभीर चोटें आईं थीं, 6 महीने अस्पताल में रहे। किसी ने सोचा नहीं था कि अब वे दोबारा प्लेन उड़ा पाएंगे, लेकिन उनकी स्ट्रॉन्ग विल पावर की वजह से यह संभव हो पाया, जो एक चमत्कार जैसा था।
2. 18 महीने पहले शादी हुई थी, 10 दिन बाद घर आने वाला है नन्हा मेहमान
मथुरा के रहने वाले एयर इंडिया विमान के को-पायलट अखिलेश कुमार भारद्वाज की शादी दिसंबर 2018 में हुई थी। उनकी पत्नी प्रेग्नेंट हैं। 10 दिन बाद घर में नन्हा मेहमान आने वाला है। इसको लेकर उन्होंने कई ख्वाब भी पाले थे। 21 अगस्त को वे छुट्टी पर घर भी आने वाले थे। लेकिन, किसको पता था कि ऐसी अनहोनी होगी और घर में किलकारी गूंजने से पहले मातम पसर जाएगा।
मथुरा के मोहनपुर गांव के रहने वाले अखिलेश 2017 में एयर इंडिया में भर्ती हुए थे। वे अपने तीन भाइयों में सबसे बड़े थे। आखिरी बार उन्होंने उड़ान भरने से पहले अपनी मां को फोन किया था और छुट्टी लेकर घर आने की जानकारी दी थी। लॉकडाउन लगने के बाद से ही वे घर नहीं आ सके थे।
3. विमान में सवार थी चार प्रेग्नेंट महिलाएं, एक की मौत, दो अस्पताल में भर्ती
26 साल की मनल अहमद गर्भवती थीं, उनका वीजा एक्सपायर होने वाला था। इसलिए उन्होंने सरकार से गुहार लगाई कि उन्हें वंदे भारत मिशन के तहत भारत बुलाया जाए। उन्हें टिकट भी मिला और स्वदेश लौटने के लिए उन्होंने उड़ान भी भरी। अपने देश तो मनल पहुंचीं, लेकिन तब तक उनकी सांसें थम चुकी थीं। केरल में हुए विमान हादसे में जिन 18 लोगों की जान गई है, उसमें एक मनल भी थीं। कोरोना से पहले वह अपने पति के पास दुबई गई थीं, लेकिन लॉकडाउन के चलते फंस गईं।
इस विमान में 4 प्रेग्नेंट महिलाएं भी थीं। इनमें से एक की मौत हो गई, जबकि दो घायल हैं। थजीना कोट्टायिल अस्पताल में भर्ती हैं। वे भी अपने पति के पास दुबई गई थी। कोरोना के चलते फंस गईं, वीजा भी खत्म होने वाला था इसलिए घर लौट रहीं थीं। उनके साथ दो बच्चे भी थे। अभी दोनों की हालत नाजुक हैं। थजीना के गर्भ में पल रहे बच्चे को लेकर अभी तक कुछ साफ नहीं हो पाया है कि उसका क्या होगा। इसी तरह 5 महीने की गर्भवती आयशा की भी कहानी है। वो भी अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें एक नाफला नाम की भी गर्भवती महिला भी थी, जिन्हें हल्की चोट आई थी। रातभर उन्हें अस्पताल में रखा गया और सुबह डिस्चार्ज कर दिया गया।
4. आखिरी समय में फ्लाइट मिस हो गई, तब दुख हुआ, लेकिन अब लग रहा है खुदा ने बचा लिया
दो ऐसे शख्स हैं जो बार – बार भगवान का शुक्रिया अदा कर रहे हैं। नौफल मोइन और अफजल। ये दोनों उसी विमान से भारत आने वाले थे, लेकिन आखिरी वक्त में इनकी फ्लाइट मिस हो गई। मोइन मल्लपुरम के रहने वाले हैं। वे दुबई में एक स्कूल में काम करते थे। हाल ही में उनका वीजा कैंसिल हुआ था। उन्होंने मीडिया को बताया कि वे तय समय पर एयरपोर्ट पहुंचे और चेक इन किया। लेकिन वीजा नहीं होने के कारण उनसे करीब 20 हजार रुपए फाइन भरने को कहा गया, उनके पास उस वक्त 10 हजार रुपए ही थे। इसलिए वे उड़ान नहीं भर सके।
अफजल की कहानी भी ऐसी ही है। उनका भी वीजा कैंसिल हो गया था और उनसे फाइन भरने को कहा गया, लेकिन उनके पास उस वक्त उतने पैसे नहीं थे। इसलिए उन्हें उड़ान भरने से रोक दिया गया। तब दोनों को निराशा हुई कि वे फ्लाइट में सवार नहीं हो सके। लेकिन जब उन्हें हादसे के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने भगवान का शुक्रिया अदा किया। उनके लिए फ्लाइट मिस होना लकी रहा।
5. शुक्र है ! परिवार के सभी सात सदस्य सुरक्षित
दुबई में रहने वाले शेमिर वडक्कन बार – बार भगवान का शुक्रिया अदा कर रहे हैं। उनके परिवार के सात लोग इस विमान में सवार थे। ये चमत्कार ही कहा जा सकता है कि सातों सुरक्षित हैं। किसी की जान नहीं गई है। उन्होंने मीडिया को बताया कि जब मुझे हादसे की खबर मिली तो मेरी सांसें अटक गईं, मैंने तत्काल पत्नी को फोन किया। पत्नी ने बताया कि हम सभी सुरक्षित हैं, हमें यहां के स्थानीय लोगों ने बचा लिया है। विमान में शेमिर की पत्नी, उनका बेटा और दो बेटी, उनके भाई की पत्नी और उसका एक बेटा और बेटी सवार थे। सभी सुरक्षित बचा लिए गए हैं।
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