केंद्र सरकार ने कोरोना आपदा से निपटने के लिए मई में 20.97 लाख करोड़ रुपए के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की गई थी। इसमें माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) के लिए 3 लाख करोड़ रुपए की एमर्जेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ECLGS) शामिल की गई थी। अब केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने कहा है कि इस स्कीम के तहत लोन देने के लिए को-ऑपरेटिव बैंकों को भी शामिल किया जा सकता है।
वित्त मंत्री जल्द लेंगी फैसला
फिक्की की कर्नाटक स्टेट काउंसिल की ओर से आयोजित एमएसएमई कॉन्क्लेव में बोलते हुए केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस संबंध में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जल्द फैसला लेंगी। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वित्त मंत्री को-ऑपरेटिव बैंकों को इस स्कीम में मेंबर लैंडिंग इंस्टीट्यूशन (एमएलआई) नहीं बनाने का कारण बता चुकी हैं। हालांकि, अब शेड्यूल्ड को-ऑपरेटिव बैंक और अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकों की वित्तीय स्थिति को लेकर डाटा मंगाया जा रहा है। गडकरी ने बताया कि डाटा मिलने के बाद आरबीआई की सलाह के आधार पर इन बैंकों को एमएलआई में शामिल किया जाएगा।
अभी सभी शेड्यूल्ड बैंक दे रहे हैं लोन
ECLGS स्कीम के तहत अभी सभी शेड्यूल्ड बैंक एमएसएमई को लोन दे रही हैं। इसमें सार्वजनिक क्षेत्र और निजी क्षेत्र दोनों के बैंक शामिल हैं। इसके अलावा नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनीज (एनबीएफसी) भी इस स्कीम के तहत लोन दे रही हैं। इस स्कीम के तहत लोन की 100 फीसदी गारंटी जीईसीएल की ओर से दी जा रही है। यदि कोई एमएसएमई लोन लौटाने में विफल रहती है तो इसकी भरपाई जीईसीएल करेगी।
अब तक 1.2 लाख रुपए का लोन दिया
इस स्कीम के तहत एमएसएमई को कुल तीन लाख करोड़ रुपए का लोन दिया जाना है। केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, इसमें से अब तक 1.2 लाख करोड़ रुप का लोन दिया जा चुका है। आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक 31 मार्च 2018 तक देश में 1551 अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक थे। वहीं 31 मार्च 2017 तक 96612 रूरल को-ऑपरेटिव बैंक थे।
45 दिन में हो एमएसएमई का भुगतान
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एमएसएमई को भुगतान में देरी के मुद्दे को भी गंभीरता से लिया जा रहा है। उन्होंने सभी मंत्रालयों, विभागों और सरकारी कंपनियों से एमएसएमई को 45 दिन में पूरा भुगतान करने का आग्रह किया है। एमएसएमई मंत्रालय इस मुद्दे पर लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है।