भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। हेगड़े ने सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल के कर्मचारियों को गद्दार बताया है। भाजपा सांसद का कहना है कि यह कर्मचारी संकट में घिरी कंपनी के विकास के लिए काम नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार बीएसएनएल का निजीकरण करेगी, इसके लिए 88 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जाएगा।
वायरल हुआ वीडियो
कर्नाटक के उत्तर कन्नड जिले के कुमटा में सोमवार को आयोजित एक कार्यक्रम में हेगड़े ने कहा कि बीएसएनएल का पूरा सिस्टम गद्दारों से भरा पड़ा है। मैं उनकी व्याख्या करने के लिए सही शब्दों का प्रयोग कर रहा हूं। उन्होंने आगे कहा कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार भी पीएसयू के सामने आने वाली समस्याओं को दूर करने में असमर्थ थी। भाजपा सांसद के इस बयान का एक वीडियो वायरल हो रहा है।
बीएसएनएल का निजीकरण कर इसकी मरम्मत करेगी सरकार
भाजपा सांसद ने कहा कि सरकार ने पैसा दिया, लोग सेवा चाहते हैं और इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध है। लेकिन बीएसएनएल के कर्मचारी काम नहीं करना चाहते हैं। पीएम डिजिटल इंडिया की बात कहते हैं। टेक्नोलॉजी और फंड उपलब्ध कराते हैं। लेकिन यह काम करने के इच्छुक नहीं हैं। हेगड़े ने कहा कि केंद्र सरकार बीएसएनएल का निजीकरण करके कंपनी की मरम्मत करेगी।
देश के लिए काला धब्बा बनी बीएसएनएल
अनंत कुमार हेगड़े ने कहा कि बीएसएनएल पूरे देश पर काला धब्बा बन गई है और हम इसे समाप्त कर देंगे। केंद्र सरकार विनिवेश पॉलिसी लाएगी और बीएसएनएल को बंद कर देंगे। आने वाले दिनों में बीएसएनएल की बंदी से पैदा होने वाली खाली जगह को प्राइवेट कंपनियां भर देंगी।
कंपनी में कुल 1.53 लाख कर्मचारी
वित्त वर्ष 2018-19 में बीएसएनल का कुल रेवेन्यू 19,321 करोड़ रुपए था, जबकि उसे 14,904 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। तब कंपनी की कुल असेट्स 1.16 लाख करोड़ रुपए के करीब थी। कंपनी के पास पिछले साल के आधार पर कुल 1.53 लाख कर्मचारी थे। इसमें से 78,569 कर्मचारियों ने वीआरएस के लिए आवेदन किया है। यह वीआरएस स्कीम 4 नवंबर से 31 दिसंबर 2019 के बीच थी।