59 ऐप्स पर बैन के बाद चीन की पहली प्रतिक्रिया / चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा- यह गंभीर चिंता की बात; कांग्रेस सांसद ने पेटीएम को भी बैन करने की मांग की

टिक टॉक इंडिया के सीईओ निखिल गांधी ने बताया कि हमने यूजर्स की प्राइवेसी का ध्यान रखा है, हम यूजर की निजता की अहमियत को समझते हैंसरकार ने कहा- पिछले कुछ दिनों से 130 करोड़ भारतीयों की प्राइवेसी और डेटा की सुरक्षा को लेकर शिकायतें मिल रही थीं, इसलिए बैन लगाया

दैनिक भास्कर

Jun 30, 2020, 03:24 PM IST

नई दिल्ली. सरकार ने टिक टॉक समेत चीन के 59 ऐप पर बैन लगा दिया है। भारत के इस फैसले के बाद बुधवार को चीन की तरफ से पहली प्रतिक्रिया आई। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह गंभीर चिंता की बात है। हम मामले पर नजर रखे हुए हैं। इससे पहले, टिक टॉक इंडिया ने कहा कि हम भारतीय कानून का पालन कर रहे हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, एपल के ऐप स्टोर और गूगल प्ले स्टोर से टिक टॉक ऐप को हटा दिया गया है।

उधर, टिक टॉक इंडिया के सीईओ निखिल गांधी ने बताया कि हम भारतीय कानून के तहत डेटा प्राइवेसी और सुरक्षा के सभी नियमों का पालन कर रहे हैं। हमने चीन समेत किसी भी विदेशी सरकार के साथ भारतीय यूजर्स की जानकारी शेयर नहीं की है। अगर भविष्य में भी हमसे अनुरोध किया जाता है तो हम ऐसा नहीं करेंगे। हम यूजर की निजता की अहमियत समझते हैं।

गांधी ने कहा- टिक टॉक 14 भाषाओं में है

निखिल गांधी ने बताया कि सरकार ने हमें जवाब देने और अपना पक्ष रखने के लिए आमंत्रित किया गया था। टिकटॉक 14 भाषाओं में उपलब्ध है। इससे लाखों ऑर्टिस्ट, कहानीकार, शिक्षक और परफॉर्मर्स जुड़े हैं। यह उनके जीने का जरिया बना। इनमें से कई ने पहली बार इंटरनेट का इस्तेमाल किया।  

कांग्रेस सांसद ने पेटीएम को भी बैन करने की मांग की
तमिलनाडु के विरुदुनगर से सांसद मनिकम टैगोर ने मोबाइल पेमेंट ऐप पेटीएम को भी बैन करने की मांग की। ट्वीट किया, ‘चीनी ऐप्स को बैन करने सरकार के फैसले का स्वागत करता हूं। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पेटीएम को बैन कर बताना चाहिए कि उनका सीना 56 इंच का है। पेटीएम में भी चीन ने भारी निवेश किया है।’ मनिकम ने ट्वीट में पेटीएम का डिटेल भी दिया है।

सरकार ने कहा- भारतीयों की प्राइवेसी और डेटा की सुरक्षा को लेकर चिंताएं थीं 

59 ऐप्स की लिस्ट में टिक टॉक, यूसी ब्राउजर, हेलो और शेयर इट जैसे ऐप्स शामिल हैं। सरकार ने सोमवार को कहा था कि इन चाइनीज ऐप्स के सर्वर भारत से बाहर मौजूद हैं। इनके जरिए यूजर्स का डेटा चुराया जा रहा था। इनसे देश की सुरक्षा और एकता को भी खतरा था।  सरकार ने इन्फर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट के सेक्शन 69 ए के तहत इन चीनी ऐप्स को बैन किया है। सरकार के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों से 130 करोड़ भारतीयों की प्राइवेसी और डेटा की सुरक्षा को लेकर चिंताएं जाहिर की जा रही थीं।

चीन में भारतीय न्यूज चैनल और वेबसाइट्स बैन
चीन ने भी भारतीय समाचार चैनलों और मीडिया समूहों से जुड़ी सभी वेबसाइट्स बैन कर दी हैं। चीन में इन वेबसाइट्स को देखने के लिए या भारतीय लाइव टीवी देखने के लिए अब वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) के जरिए ही एक्सेस किया जा सकता है। हालांकि, बीते 2 दिनों से डेस्कटॉप और आईफोन पर वीपीएन भी ब्लॉक है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजिंग सरकार के आदेश पर ही भारतीय न्यूज वेबसाइट्स पर पाबंदी लगाई गई है।

इन ऐप्स पर बैन लगाया गया

  • TikTok, Shareit, Kwai, UC Browser, Baidu map, Shein, Clash of Kings, DU battery saver, Helo, Likee, YouCam makeup,Mi Community, CM Browers, Virus Cleaner, APUS Browser, ROMWE,Club Factory, Newsdog, Beutry Plus, WeChat, UC News, QQ Mail, Weibo, Xender, QQ Music, QQ Newsfeed, Bigo Live, SelfieCity, Mail Master, Parallel Space, Mi Video Call – , Xiaomi, WeSync, ES File Explorer,
  • Viva Video – QU Video Inc, Meitu, Vigo Video, New Video Status, DU Recorder, Vault- Hide, Cache Cleaner DU App studio, DU Cleaner, DU Browser, Hago Play With New Friends, Cam Scanner, Clean Master – Cheetah Mobile, Wonder Camera, Photo Wonder, QQ Player, We Meet, Sweet Selfie, Baidu Translate, Vmate, QQ International, QQ Security Center, QQ Launcher, U Video, V fly Status Video, Mobile Legends, DU Privacy

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