मंगलवार की देर शाम मनी लॉन्ड्रिंग के बड़े रैकेट का खुलासा किया गया है। इसमें करीब 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा के हवाला ट्रांजेक्शन का पता चला है। भारत में शेल (मुखौटा) कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग हो रही थी। इसमें कई चीनी नागरिक, उनके भारतीय सहयोगी और बैंक कर्मचारी शामिल थे।
खबर है कि आईटी डिपार्टमेंट द्वारा अलग-अलग ठिकानों पर इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। बहुत बड़ा रैकेट चल रहा था जो कि फर्जी कंपनियों के आधार पर हवाला का कारोबार कर रहा था।
फर्जी कारोबार के नाम पर ऐंठ रहे थे पैसे
रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी कंपनियों की सब्सिडियरी कंपनियां और संबंधित लोगों ने शेल कंपनियों के जरिए भारत में फर्जी कारोबार के नाम पर करीब 1000 करोड़ रुपए की क्रेडिट ली है। इस काम में कई भारतीय बैंक कर्मचारी और चार्टर्ड अकाउंटेंट भी शामिल पाए गए। चीनी व्यक्तियों के कहने पर करीब 40 बैंक अकाउंट डमी कंपनियों के नाम पर खुलवाए गए। इन अकाउंट्स में करीब 1000 करोड़ रुपए क्रेडिट किया गया है।
हॉन्ग कॉन्ग में ट्रांजैक्शन किए गए हैं
हवाला कारोबार के जांच में पता चला है कि अमेरिकी डॉलर और हॉन्ग कॉन्ग में ट्रांजैक्शन किए गए हैं। फिलहाल तमाम पहलुओं की गंभीरता से जांच की जा रही है। एक चाइनीज कंपनी की सब्सिडियरी ने मुखौटा कंपनियों से एक हजार करोड़ रुपए की एडवांस राशि ली है। यह पैसा रिटेल शो रूम और बिजनेस खोलने के नाम पर लिया गया था।