PN गाडगिल ज्वेलर्स का शेयर 73.75% ऊपर ₹834 पर लिस्ट:इश्यू प्राइस ₹480 था; सोने, चांदी, हीरे सहित कीमती ज्वेलरी बेचती है कंपनी

PN गाडगिल ज्वेलर्स लिमिटेड का शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर इश्यू प्राइस से 73.75% ऊपर ₹834 पर लिस्ट हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर शेयर इश्यू प्राइस से 72.91% ऊपर ₹830 पर लिस्ट हुआ। इस इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग का इश्यू प्राइस ₹480 था। यह IPO 10 सितंबर से 12 सितंबर तक बिडिंग के लिए ओपन था। तीन कारोबारी दिनों में IPO टोटल 59.41 गुना सब्सक्राइब हुआ था। रिटेल कैटेगरी में 16.58 गुना, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) में 136.85 गुना और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) कैटगरी में 56.08 गुना सब्सक्राइब हुआ था। ₹1,100 करोड़ का था PN गाडगिल ज्वेलर्स का इश्यू PN गाडगिल ज्वेलर्स का ये इश्यू टोटल ₹1,100 करोड़ का था। इसके लिए कंपनी ₹850 करोड़ के 17,708,334 फ्रेश शेयर इश्यू किए। जबकि, कंपनी के मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए ₹250 करोड़ के 5,208,333 शेयर बेचे। मैक्सिमम 403 शेयर के लिए बिडिंग कर सकते थे रिटेल निवेशक PN गाडगिल ज्वेलर्स ने इश्यू का प्राइस बैंड ₹456 से ₹480 तय किया था। रिटेल निवेशक कम से कम एक लॉट यानी 31 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते थे। यदि आप IPO के अपर प्राइस बैंड ₹480 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते, तो इसके लिए ₹14,880 इन्वेस्ट करने होते। वहीं, रिटेल निवेशक मैक्सिमम 13 लॉट यानी 403 शेयर्स के लिए अप्लाय कर सकते थे। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से ₹193,440 इन्वेस्ट करने होते। इश्यू का 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व था कंपनी ने इश्यू का 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा है। इसके अलावा 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है। PN गाडगिल ज्वेलर्स लिमिटेड की स्थापना 2013 में हुई थी PN गाडगिल ज्वेलर्स लिमिटेड की स्थापना 2013 में हुई थी। कंपनी PNG ब्रांड के नाम से सोने, चांदी, प्लेटिनम और हीरे सहित कीमती ज्वेलरी बेचती है। 31 दिसंबर 2023 तक कंपनी के टोटल 33 स्टोर थे, इसमें महाराष्ट्र और गोवा के 18 शहरों में 32 स्टोर और अमेरिका में एक स्टोर शामिल है। IPO क्या होता है? जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।