सेहतनामा- खारा पानी पीने से खराब होती किडनी:जरूरत से दोगुना नमक खा रहे लोग, इस कारण दुनिया में हर साल 18.9 लाख मौतें

सेंट्रल ग्राउंड वाटर अथॉरिटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के ग्राउंड वाटर (भूजल) में नमक की मात्रा सामान्य से अधिक है। एनालिसिस किए गए सैंपल टेस्ट में 25% से अधिक सैंपल्स का पानी खारा मिला है। इस मामले में दिल्ली राजस्थान के बाद दूसरे स्थान पर है, वहां 30% सैंपल्स का पानी खारा है। जाहिर है कि आमतौर पर लोग पीने और खाना पकाने के लिए इसी पानी का इस्तेमाल करते हैं। इसका मतलब ये है कि दिल्ली और राजस्थान के इन इलाकों में रह रहे लोगों के शरीर में जरूरत से अधिक नमक जा रहा है। यह हाल सिर्फ दिल्ली और राजस्थान का नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, पूरी दुनिया में लगभग सभी लोग प्रतिदिन जरूरत से दोगुना नमक खा रहे हैं। नमक के अतिरिक्त सेवन से होने वाली बीमारियों के कारण हर साल लगभग 19 लाख लोगों की मौत हो जाती है। इसलिए आज ‘सेहतनामा’ में बात करेंगे कि ज्यादा नमक खाने से क्या होता है। साथ ही जानेंगे कि- जरूरत से दोगुना नमक खा रहे हैं लोग विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, एक स्वस्थ इंसान को प्रतिदिन 5 ग्राम से कम नमक (2000 मिलीग्राम से कम सोडियम) का सेवन करना चाहिए। जबकि पूरी दुनिया में लगभग सभी लोग प्रतिदिन 10 ग्राम से अधिक नमक खा रहे हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के मुताबिक भारत में एक वयस्क औसतन 8 ग्राम नमक खा रहा है, जो WHO के तय मानक से 3 ग्राम ज्यादा है। इससे हमारी सेहत को नुकसान हो रहा है। ज्यादा नमक खाने से हर साल हो रही लाखों मौतें चुटकी भर नमक से हमारे खाने का स्वाद बदल जाता है। थोड़ा सा ज्यादा नमक खाने के स्वाद को बेमजा कर सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन कह रहा है कि यह नमक सेहत का स्वाद भी बिगाड़ रहा है। ज्यादा नमक खाने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। इससे हार्ट डिजीज, गैस्ट्रिक कैंसर और किडनी डिजीज का जोखिम भी हो सकता है। ये सभी बीमारियां मौत को दावत देती हैं। ज्यादा नमक हार्ट और किडनी का दुश्मन नेचुरोपैथी यानी प्राकृतिक चिकित्सा के मुताबिक हमारा पूरा भोजन पौधों से आना चाहिए। जबकि हम भोजन में जो नमक इस्तेमाल कर रहे हैं, वो पौधों से नहीं आता है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए नमक खाना बंद करना होगा या फिर न के बराबर खाना होगा। भोजन में नमक कम करना जरूरी हम लगातार बात कर रहे हैं कि हमारे भोजन में जरूरत से ज्यादा नमक है। ऐसे में आपके मन में ये सवाल जरूर आ रहा होगा कि भोजन करते समय तो नमक की मात्रा ज्यादा नहीं लगती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारे टेस्ट बड्स बचपन से ही ज्यादा नमक वाले खाने के साथ विकसित हुए हैं। इसलिए यह हमें सामान्य लगता है। जबकि यह शरीर की जरूरत के हिसाब से ज्यादा है और हमें लगातार नुकसान पहुंचा रहा है। अगर डेली डाइट में धीरे-धीरे नमक का इस्तेमाल कम किया जाए तो स्वाद में बहुत फर्क भी नहीं महसूस होगा और उसके स्वाद के मुताबिक आदत भी हो जाएगी। भोजन से कहीं ज्यादा नमक वेफर्स, केचअप और सॉस में होता है। इसके अलावा फास्टफूड में भी जरूरत से बहुत अधिक नमक होता है। इसलिए सबसे पहले इन्हें अवॉइड करना जरूरी है। इसके लिए किन 5 बातों का ध्यान रखना है, ग्राफिक में समझिए। सब्जी और दाल में पहले से होता है नमक