जरूरत की खबर- घर बैठे सोने-चांदी की रियलिटी चेक करें:हॉलमार्किंग देखना सीखें, असली-नकली की तुरंत होगी पहचान

सोना बेहद महंगी और सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली धातुओं में से एक है, इसे रॉयल्टी का प्रतीक भी माना जाता है। भारत में सोने के आभूषणों के प्रति लोगों में एक खास तरह की दीवानगी है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में भारतीय महिलाएं सबसे ज्यादा सोना पहनती हैं। भारतीय महिलाओं के पास करीब 24,000 टन सोना है। यह दुनिया के कुल सोने के भंडार का 11% है। भारतीयों में सोने-चांदी के गहनों के प्रति दीवानगी कोई नई नहीं है, बल्कि सदियों से सोने-चांदी की ज्वेलरी का क्रेज रहा है। मई 2022 में हड़प्पाई स्थल राखीगढ़ी में खुदाई के दौरान सोने के कड़े, चूड़ियां, अंगूठी झुमके समेत कई गोल्ड ज्वेलरी मिलीं। आज भी निवेश के लिए लोग सोना खरीदना सबसे बेहतर मानते हैं, लेकिन इसकी शुद्धता का भी ध्यान रखना जरूरी होता है। कभी-कभी धोखेबाज लोगों के साथ धोखाधड़ी करके सोने-चांदी के गहनों में मिलावट कर देते हैं और इसे असली सोने-चांदी के रेट में बेच देते हैं। आपके साथ ऐसा फ्रॉड न हो, इसके लिए सोने-चांदी की शुद्धता की जांच करना बहुत जरूरी है। इसलिए आज जरूरत की खबर में बात करेंगे असली सोने-चांदी के गहनों की जांच कैसे करें। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: अभिषेक सोनी, जौहरी (गोंडा, उत्तर प्रदेश) सवाल- शुद्ध सोना कितने कैरेट का होता है? जवाब- सोने का सबसे शुद्ध रूप 24 कैरेट का होता है। यह बहुत मुलायम होता है। यही कारण है कि इससे गोल्ड ज्वेलरी नहीं बन सकती है। इसलिए अगर कोई जौहरी यह दावा कर रहा है कि वह 24 कैरेट के खरे सोने की ज्वेलरी दे रहा है तो वह आपके साथ फ्रॉड कर रहा है। आमतौर पर गोल्ड ज्वेलरी आइटम्स को बनाने के लिए 14 से 22 कैरेट सोने का इस्तेमाल होता है। जिसमें अधिकतम 91.6% सोना होता है। इसके अलावा गोल्ड ज्वेलरी आइटम्स को मजबूती देने के लिए उसमें चांदी, तांबा और जिंक जैसी धातुओं को मिलाया जाता है। इसलिए सोना खरीदने से पहले हमेशा कैरेट की जांच करें। नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि कितने कैरेट ज्वेलरी में कितना गोल्ड होता है। सवाल- घर पर सोने की शुद्धता की जांच कैसे कर सकते हैं? जवाब- सोने की ज्वेलरी की शुद्धता की पहचान हॉलमार्क स्टाम्प के जरिए की जाती है, लेकिन अगर आपके घर में मौजूद सोने पर कोई हॉलमार्क नहीं है तो कुछ घरेलू तरीकों से भी इसकी जांच कर सकते हैं। नीचे दिए ग्राफिक से इसे समझिए। सवाल- हॉलमार्क क्या होता है? जवाब- यह एक विशेष तरह का मार्क होता है, जो सोने की शुद्धता और क्वालिटी की गारंटी देता है। इसे ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) द्वारा प्रदान किया जाता है। यह संस्था सोने को तय मापदंडों पर प्रमाणित करती है। हॉलमार्क से पता चलता है कि BIS की लाइसेंस वाली लैब में सोने की शुद्धता की जांच की गई है। यह उपभोक्ताओं को किसी भी तरह की धोखाधड़ी से बचाता है। सवाल- क्या नकली हॉलमार्क भी हो सकता है? जवाब- जी हां, सोने पर नकली हॉलमार्क भी हो सकता है। नकली हॉलमार्क चिह्न का इस्तेमाल करके 18 या 14 कैरेट के सोने को 22 कैरेट के दामों में बेचा जा सकता है। इसके अलावा नकली हॉलमार्क वाले सोने में अन्य धातुओं की मिलावट अधिक की जा सकती है। वहीं असली हॉलमार्क में कैरेट और जौहरी का आइडेंटिटी चिह्न जैसी चीजें शामिल होती हैं। सवाल- घर पर ज्वेलरी का हॉलमार्क कैसे चेक कर सकते हैं? जवाब- हॉलमार्क को आप घर बैठे दो तरीकों से चेक कर सकते हैं। विजुअल टेस्ट मोबाइल ऐप के जरिए टेस्ट सवाल- असली सिल्वर ज्वेलरी की घर पर कैसे जांच कर सकते हैं? जवाब- चांदी जैसा दिखने वाला कोई भी आभूषण वास्तव में 100% शुद्ध चांदी से नहीं बना होता है। चांदी भी सोने की तरह अपने आप में बहुत नरम धातु है, इसलिए आभूषण बनाने के लिए शुद्ध चांदी का इस्तेमाल करना कठिन है। चांदी के गहनों में अक्सर अन्य धातुओं जैसे तांबा, जिंक को मिलाया जाता है। ज्वेलरी बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली सबसे आम धातु स्टर्लिंग चांदी है। स्टर्लिंग चांदी भी एक प्रकार की चांदी होती है, जिसमें 92.5% चांदी और 7.5% अन्य धातु जैसेकि तांबा, जिंक मिलाया जाता है। यह मिश्रण चांदी को मजबूत और टिकाऊ बनाता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपके गहने असली चांदी से बनाए गए है या नहीं, नीचे ग्राफिक में दिए कुछ आसान घरेलू टेस्ट कर सकते हैं। सवाल- सोने-चांदी की ज्वेलरी का बिल लेना क्यों जरूरी है? जवाब- सोने-चांदी की ज्वेलरी खरीदते समय हमेशा रसीद या बिल लेना चाहिए। इससे आपकी ज्वेलरी की खरीद का ऑफिशियल रिकॉर्ड रहता है। यह विक्रेता और ग्राहक दोनों के बीच कानूनी लेनदेन की पुष्टि होती है। इसके अलावा बिल में खरीदार द्वारा भुगतान किए जाने वाले मेकिंग चार्ज, सोने-चांदी की वैल्यू और GST का डिटेल होता है।