2 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण:भारत में नहीं दिखेगा ग्रहण, इस कारण यहां नहीं रहेगा सूतक, जानिए राहु-केतु से जुड़ी ग्रहण की कथा

पितृ पक्ष की अमावस्या तिथि (2 अक्टूबर) पर सूर्य ग्रहण होगा, लेकिन ये ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इस कारण देश में ग्रहण का सूतक नहीं रहेगा। भारतीय समय के अनुसार सूर्य ग्रहण रात 9.13 बजे शुरू होगा और रात में 3.17 बजे खत्म होगा। ग्रहण, अर्जेंटिना, अमेरिका, ब्राजिल, मेक्सिको, न्यूजीलेंड, पेरू, सहित कई देशों में दिखाई देगा। भारत के आसपास के देशों में ग्रहण के समय रात रहेगी, यहां सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, ग्रहण से जुड़ी धार्मिक मान्यताएं आधुनिक विज्ञान से एकदम अलग है। धार्मिक मान्यता है कि सूर्य और चंद्र ग्रहण राहु-केतु की वजह से होते हैं। जानिए ये कथा… अब जानिए विज्ञान के अनुसार कैसे होता है ग्रहण सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है। जब पृथ्वी पर चंद्र की छाया पड़ती है, तब सूर्य ग्रहण होता है। इस दौरान सूर्य, चंद्र और पृथ्वी तीनों ग्रह एक लाइन में आ जाते हैं। पृथ्वी के जिन क्षेत्रों में चंद्र की छाया पड़ती है, वहां सूर्य दिखाई नहीं देता है, इसे ही सूर्य ग्रहण कहा जाता है। सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या पर करें ये शुभ काम सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, इस कारण यहां सूतक भी नहीं रहेगा। इसलिए पूरे दिन पितृ पक्ष की अमावस्या से जुड़े सभी शुभ काम किए जा सकेंगे। सुबह देवी-देवताओं की पूजा करें, दोपहर में पितरों के लिए धूप-ध्यान करें और शाम को भी पूजा-पाठ करें। भगवान विष्णु के मंत्र ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय का जप करें। जरूरतमंद लोगों को धन, अनाज, जूते-चप्पल और कपड़ों का दान करें। गाय, कुत्ते, कौए के लिए घर के बाहर खाना रखें।