पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार ने करतारपुर साहिब आने वाले भारतीय सिखों से रूपए की जगह अमेरिकी डॉलर लाने के लिए कहा है। इस फैसले के पीछे भारतीय नागरिकों के साथ हो रही धोखाधड़ी को वजह बताया गया है। दरअसल भारतीयों को इंडियन करेंसी नोट के बदले तय कीमत से कम कीमत के पाकिस्तानी करेंसी नोट दिए जा रहे थे। पाकिस्तान की पंजाब सरकार में मंत्री रमेश सिंह अरोड़ा ने बताया कि, भारतीय सिखों को उनके पैसों के बदले, तय कीमत से कम के करेंसी नोट मिलने की शिकायतें सामने आई हैं। शिकायतों के चलते ये फैसला लिया गया है। उन्होंने ये भी कहा कि भारतीय सिखों को यहां की सुविधाओं के लिए अतिरिक्त कीमत चुकाने की जरूरत नहीं है। इस साल 14 नवंबर को सिखों के पहले गुरु, गुरु नानक देवजी की 555वीं जन्म जयंती के अवसर पर हजारों सिख श्रद्धालु पाकिस्तान में स्थित करतारपुर साहिब जा सकते हैं। पिछले साल लगभग 3 हजार सिख श्रद्धालुओं ने इस अवसर पर करतारपुर साहिब का दौरा किया था। गुरुनानक ने जीवन के आखिरी दिन यही बिताए
करतारपुर साहिब पाकिस्तान के नारोवाल जिले में रावी नदी के पास स्थित है। इसका इतिहास 500 साल से भी ज्यादा पुराना है। माना जाता है कि 1522 में सिखों के गुरु नानक देव ने इसकी स्थापना की थी। उन्होंने अपने जीवन के आखिरी साल यहीं बिताए थे और यही पर अपनी देह त्यागी थी। इसलिए, यह शहर सिखों के लिए विशेष महत्व रखता है। सिखों का प्रमुख धार्मिक स्थल है करतारपुर
करतारपुर कॉरिडोर 9 नवंबर 2019 को खोला गया था। भारत की तरफ से पीएम नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के तरफ से तत्कालीन पीएम इमरान खान ने इसका उद्घाटन किया था। यह पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक मंदिर को पाकिस्तान के गुरुद्वारा दरबार साहिब से जोड़ता है। 4 किलोमीटर का गलियारा भारतीय तीर्थ-यात्रियों को बिना वीजा के गुरुद्वारा दरबार साहिब में प्रवेश करने की अनुमति देता है। इससे पहले लोगों को वीजा लेकर लाहौर के रास्ते वहां जाना पड़ता था, जो कि एक लंबा रास्ता था। फिलहाल यहां जाने की फीस 20 डॉलर है, जिसे पाकिस्तान सरकार वसूलती है। ये खबर भी पढ़ें…
PAK पूर्व डिप्लौमेट बोले-करतारपुर साहिब के बदले कश्मीर दे भारत:सिखों से कहा- खालिस्तानी मूवमेंट जारी रहना चाहिए, पाकिस्तान में शामिल होने का दिया प्रस्ताव भारत में पाकिस्तान के हाई कमिश्नर रह चुके अब्दुल बासित ने एक विवादित बयान दिया है। बासित ने एक पाकिस्तानी टीवी चैनल पर बात करते हुए कहा कि भारत को सिखों का पवित्र तीर्थस्थल करतारपुर साहिब ले लेना चाहिए और पाकिस्तान को पूरा कश्मीर दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में रहने वाले सिख अकसर करतारपुर साहिब को वापस लेने की मांग करते हैं मगर ये अब नहीं हो सकता। लेकिन अगर वे कश्मीर के बदले हमसे करतारपुर साहिब मांगे तो इस पर विचार किया जा सकता है। उनका ये बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पूरी खबर यहां पढ़ें…
करतारपुर साहिब पाकिस्तान के नारोवाल जिले में रावी नदी के पास स्थित है। इसका इतिहास 500 साल से भी ज्यादा पुराना है। माना जाता है कि 1522 में सिखों के गुरु नानक देव ने इसकी स्थापना की थी। उन्होंने अपने जीवन के आखिरी साल यहीं बिताए थे और यही पर अपनी देह त्यागी थी। इसलिए, यह शहर सिखों के लिए विशेष महत्व रखता है। सिखों का प्रमुख धार्मिक स्थल है करतारपुर
करतारपुर कॉरिडोर 9 नवंबर 2019 को खोला गया था। भारत की तरफ से पीएम नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के तरफ से तत्कालीन पीएम इमरान खान ने इसका उद्घाटन किया था। यह पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक मंदिर को पाकिस्तान के गुरुद्वारा दरबार साहिब से जोड़ता है। 4 किलोमीटर का गलियारा भारतीय तीर्थ-यात्रियों को बिना वीजा के गुरुद्वारा दरबार साहिब में प्रवेश करने की अनुमति देता है। इससे पहले लोगों को वीजा लेकर लाहौर के रास्ते वहां जाना पड़ता था, जो कि एक लंबा रास्ता था। फिलहाल यहां जाने की फीस 20 डॉलर है, जिसे पाकिस्तान सरकार वसूलती है। ये खबर भी पढ़ें…
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