आज नवरात्रि का छठा दिन:कात्यायन ऋषि ने की थी देवी की पहली पूजा, इसलिए नाम पड़ा कात्यायनी; आज लगाएं शहद का भोग

आज (मंगलवार, 8 अक्टूबर) नवरात्रि के छठे दिन देवी कात्यायनी की पूजा करें। मनचाहा जीवन साथी पाने की कामना से भी कात्यायनी को पूजा जाता है। द्वापर युग में श्रीकृष्ण को पति रूप में पाने के लिए गोकुल-वृंदावन की गोपियों ने देवी के इस स्वरूप की पूजा की थी। देवी लाल, हरे, पीले वस्त्रों में दर्शन देती हैं, इसलिए इनकी पूजा में लाल, पीले या हरे कपड़े पहनें और शहद का भोग लगाएं। सुबह स्नान के बाद घर के मंदिर में देवी की पूजा और व्रत करने का संकल्प लें। पूजा करें और दिनभर व्रत रखें। देवी मंत्रों का जप करें। शाम को फिर से देवी की पूजा करने के बाद व्रत खोलें। हमारे शरीर में सप्त (सात) चक्र हैं, इन सात चक्रों में से देवी कात्यायनी आज्ञा चक्र में वास करती हैं। देवी का ध्यान करने से आज्ञा चक्र जागृत होता है। नवरात्रि से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए… दतिया में राजसत्ता की देवी माता पीतांबरा : पीएम-सीएम से लेकर जज, उद्योगपति भी फरियाद लेकर पहुंचते हैं, मुरादें पूरी करती हैं मां मध्यप्रदेश के दतिया में स्थित पीतांबरा माता को सुख-शांति, वैभव और राजसत्ता की देवी कहते हैं। मां पीतांबरा का एक नाम बगुलामुखी भी है। मान्यता है कि देवी भगवान विष्णु और शिव की शक्ति से उत्पन्न हुई हैं। देवी सती की दस महाविद्याओं में मां बगुलामुखी भी शामिल हैं। पढ़िए पूरी खबर…