रिलेशनशिप- त्योहारों पर बढ़ता घर-ऑफिस का वर्कलोड:सीखें टाइम मैनेजमेंट, हर काम अपने सिर पर न लादें, एक्सपर्ट की 8 सलाह

त्योहारों का सीजन चल रहा है। इस दौरान नौकरीपेशा लोगों पर घर से लेकर दफ्तर तक का वर्कलोड काफी ज्यादा बढ़ जाता है। इस बीच अगर हम दिवाली पर 2-3 दिनों की छुट्टियों की प्लानिंग रहे हैं तो इसके लिए हमें उन दिनों का काम एडवांस में करना पड़ेगा। वहीं घर के कामों की बात करें तो साफ-सफाई से लेकर शॉपिंग तक कामों का अंबार लगा होता है। इतने सारे कामों के बीच अगर हमारा टाइम मैनेजमेंट सही नहीं है तो हमें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। तो आज रिलेशनशिप कॉलम में हम टाइम मैनेजमेंट के बारे में बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- त्योहारों के सीजन में वर्कलोड क्यों बढ़ जाता है? इस समय घर और ऑफिस दोनों जगहों पर काम बढ़ना स्वाभाविक है। घर की बात करें तो यहां पर्व से संबंधित बहुत सारे काम बढ़ जाते हैं। जैसेकि घर में आने वाले मेहमानों के लिए तैयारियां करना, घर की साफ-सफाई करना, बच्चों की डिमांड पूरी करना, घर काे सजाना, कपड़ों की शॉपिंग, घर के जरूरी सामानों की शॉपिंग वगैरह-वगैरह। इसके अलावा ऑफिस के सारे काम एडवांस में निपटाने पड़ते हैं क्योंकि हम उन दो-तीन दिनों में अपने परिवार के साथ रहना चाहते हैं। ऐसे में इतने सारे काम के बोझ से निपटने के लिए हमें टाइम मैनेजमेंट सीखना बहुत जरूरी है। जाने-माने अमेरिकी लेखक और प्रोडक्टिविटी कोच डेविड एलन की एक न्यूयॉर्क टाइम्स बेस्टसेलर किताब है- ‘गेटिंग थिंग्स डन।’ डेविड इस किताब में लिखते हैं कि पूरी दुनिया में सबके पास सिर्फ 24 घंटे ही होते हैं। फिर ऐसा क्यों होता है कि कोई उन 24 घंटों के काम में एंपायर खड़ा कर देता है और कोई अपने रोजमर्रा के बेसिक काम निपटाने में ही हांफने लगता है। इसका बड़ा सिंपल सा जवाब है- टाइम मैनेजमेंट। अपने समय और ऊर्जा को बुद्धिमानी के साथ मैनेज करना ही प्रोडक्टिविटी का मुख्य फैक्टर है। नीचे ग्राफिक में दिए पॉइंट्स में समझिए कि प्रोडक्टिविटी को बढ़ाने के लिए हमें कैसे अपना टाइम मैनेज करना चाहिए। त्योहारों के सीजन में वर्कलोड कैसे कम करें? फेस्टिव सीजन में बढ़े वर्कलोड को कम करने के लिए एक टाइम टेबल बनाकर उसके हिसाब से काम करना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही हमें कुछ और चीजों का विशेष ध्यान रखना होता है। नीचे पॉइंटर्स में इस बारे में जानें- घर के कामों की लिस्ट बनाएं इस लिस्ट को बनाने से हमें ये मदद मिलती है कि कोई भी काम छूटने नहीं पाता। इस लिस्ट में काम करने का टाइम और उसके लिए की जाने वाली जरूरी तैयारियां भी नोट करें। जैसे किन लोगों को फोन करना है, किससे हेल्प लेनी है वगैरह। इसके अलावा शॉपिंग की लिस्ट अलग से बनाएं। इसमें याद करके एक-एक सामान लिख लें। इससे हमें बार-बार मार्केट का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। लिस्ट में प्रिऑरिटी का ध्यान रखें हो सकता है कि हमारे पास 10 काम हों और हम उनमें से एक गैरजरूरी काम निपटाने में अपना पूरा समय लगा दें। इससे हमारा महत्वपूर्ण काम छूट जाएगा। इसलिए लिस्ट में प्रिऑरिटी का ध्यान जरूर रखें। इसमें ये प्राथमिकता तय करें कि हमें कौन सा जरूरी काम पहले करना है और कौन सा उसके बाद। ऑफिस के कामों की लिस्ट बनाएं त्योहारों में छुट्‌टी के दौरान जब आप ऑफिस में नहीं रहेंगे तो उस दिन किन-किन चीजों की जरूरत पड़ेगी, सीनियर को क्या-क्या बताना है, लोगों को कौन से काम सौंपने हैं, इसकी एक लिस्ट बनाएं। इसके साथ ही ऑफिस के कामों में भी प्रिऑरिटी तय करें। योजना बनाकर काम करें योजना बनाने का मतलब है कि पहले से तय कर लेना कि क्या करना है, कैसे करना है, कब करना है और किस काम को किसे करना चाहिए। इससे काम समय पर पूरा करने में मदद मिलती है। तो अपने दिन के काम की योजना बनाएं। फिर उन्हें पूरा करने के लिए समय-सीमा निर्धारित करें। डेडलाइन तय करें डेडलाइन यानी किसी काम को करने की अंतिम समय सीमा तय करना। ये टाइम मैनेजमेंट की सबसे महत्वपूर्ण चीज है। डेडलाइन तय करते समय हमें ये ध्यान रखना चाहिए कि कोई ऐसी समय सीमा न निर्धारित करें, जिस समय में काम पूरा होने की संभावना ही न हो। कन्फ्यूज न रहें, तुरंत निर्णय लें जब कोई काम अधूरा हाेता है तो वह बार-बार आपका ध्यान खींचता है। इसलिए ये तय करें कि उन कामों का क्या करना है। इसे लेकर भ्रम की स्थिति में न रहें। इसके लिए हमें तत्काल डिसीजन लेने की जरूरत होती है। बहुत ज्यादा काम अपने सिर पर न लें सारा काम खुद अकेले करने की कोशिश न करें। इसके लिए दूसरों से काम करवाना भी सीखें। ऑफिस में और घर पर जिम्मेदारियां आपस में बांटकर काम करें और हर किसी को उसकी योग्यता और क्षमता के मुताबिक टास्क दें। क्षमता से अधिक काम करने से हम थकान और डिप्रेशन का शिकार हाे सकते हैं। इसलिए उतना ही काम अपने सिर पर लें, जितना आसानी से कर सकते हैं। टाइम मैनेजमेंट ठीक होने से कई तरह के लाभ होते हैं अगर हमारा टाइम मैनेजमेंट सही है तो सारे काम समय पर आसानी से बिना स्ट्रेस लिए हो जाते हैं। इसके कई और फायदे हैं, नीचे ग्राफिक में देखें- वर्कलोड बढ़ने के कौन-कौन से कारण हैं? इसका सबसे बड़ा कारण टाइम मैनेजमेंट का खराब होना है। अगर हम अपने सारे काम समय पर करने की आदत नहीं डालते हैं और उसे कल के लिए छोड़ते हैं तो ये वर्कलोड बढ़ने का कारण बनता है। इसके अलावा भी हमारी कुछ और आदतें हैं, जो वर्कलोड बढ़ाती हैं। नीचे ग्राफिक में इस बारे में देखें- काम के साथ-साथ त्योहार मनाना भी जरूरी है त्योहार सदियों से हमारी संस्कृति का हिस्सा हैं। हम उन्हें पूरे उत्साह के साथ मनाते हुए बड़े हुए हैं। ये सिर्फ सांस्कृतिक या धार्मिक कारणों से ही नहीं मनाए जाते। ये लोगों में एकजुटता और दोस्ती व प्यार की भावना पैदा करते हैं। व्यस्त शेड्यूल के कारण हम अपने दोस्तों व परिवार को ज्यादा समय नहीं दे पाते। ऐसे में त्योहार हमें सभी के साथ टाइम स्पेंड करने का मौका देते हैं। त्योहारों में परिवार के सभी सदस्य घर पर साथ मिलकर काम करते हैं, जिससे उनके बीच का रिश्ता और भी गहरा होता है। बच्चे और माता-पिता दोनों के पास घर की सजावट करने, खाना बनाने, खेलने आदि के लिए समय होता है। इससे बच्चों में अपने परिवार के प्रति प्यार की भावना विकसित होती है। हालांकि अगर हम इन समयों में अपनी नौकरी को ज्यादा महत्व देते हैं तो हम न सिर्फ अपने दोस्तों के साथ बल्कि अपने परिवार के साथ भी संबंधों को कमजोर करने का जोखिम उठाते हैं। इसलिए त्योहार मनाना भी बेहद जरूरी है।