देशभर में दीपावली कब मनाई जाएगी? इस पर आज (मंगलवार) निर्णय होगा। इसके लिए जयपुर के केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के सभागार में ‘दीपावली निर्णय’ विषय पर एक विशेष धर्मसभा होने जा रही है। इसमें देशभर के प्रमुख ज्योतिषाचार्य, धर्मशास्त्री और संस्कृत विद्वान शामिल हो रहे हैं। सभा में इस साल दीपावली को लेकर फैले भ्रम और शास्त्र अनुसार तारीख को लेकर विचार-विमर्श कर निर्णय लिया जाएगा। सभा के संयोजक प्रो. मोहनलाल शर्मा ने कहा- यह धर्मसभा हमारी धार्मिक परंपराओं और धार्मिक एकता को सहेजने का महत्वपूर्ण प्रयास साबित होगी। सभा दोपहर 2 बजे से शुरू होगी। विचार-विमर्श के बाद विद्वान सामूहिक रूप से तिथि तय करेंगे। 100 से ज्यादा विद्वान हिस्सा लेंगे
कार्यक्रम की अध्यक्षता जयपुर के वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य प्रो. रामपाल शास्त्री करेंगे। इसके अतिरिक्त केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय निदेशक प्रो. सुदेश शर्मा, जगद्गुरु संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रामसेवक दुबे, प्रो. अर्कनाथ चौधरी, प्रो. भास्कर श्रोत्रिय, प्रो. ईश्वर भट्ट, प्रो. कैलाश शर्मा सहित देश के करीब 100 प्रख्यात विद्वान इस सभा में हिस्सा लेंगे। पंचांगों, और शास्त्रीय प्रमाणों के आधार पर होगी चर्चा
इस धर्मसभा में विभिन्न ज्योतिषीय गणनाओं, पंचांगों और शास्त्रीय प्रमाणों के आधार पर गहन चर्चा की जाएगी। सभा का उद्देश्य एक सर्वसम्मत निर्णय करके समाज में व्याप्त संशय को दूर करना है। ताकि पूरे देश में दीपावली पर्व एक साथ शुभ मुहूर्त में मनाया जा सके। जयपुर के विद्वान अभी एक राय नहीं 31 अक्टूबर को दीपावली मनाने के तर्क
जगदगुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राम सेवक दुबे कहते हैं- दीपावली को लेकर मतभेद पंचांगों की स्थितियों को लेकर है। पंचांगों के अनुसार, मुख्य रूप से अमावस्या कब होगी, इस पर दीपावली का त्योहार निर्भर करता है। 31 अक्टूबर की शाम 4 बजे के बाद सायंकाल अमावस्या मिल रही है और इस दिन पूरी रात अमावस्या तिथि है। गृहस्थों और तंत्र साधना वालों को 31 अक्टूबर को प्रदोष काल में अमावस्या मिल रही है। इस तर्क के आधार पर 31 अक्टूबर को दीपावली मनाने की बात कही जा रही है। 1 नवंबर को दीपावली मनाने के तर्क
एक तर्क ये भी है कि दीपावली प्रदोष काल का पूजन है। प्राय: पर्व में उदया तिथि और सायंकाल में कौन सी तिथि रहेगी इसे देख कर विचार करते हैं। ऐसे में 1 नवंबर को दोनों समय में अमावस्या की तिथि मिल रही है। इसी दिन शाम 6 बजकर कुछ मिनट तक अमावस्या मिल रही है। यानी उदय काल से लेकर सायं काल तक अमावस्या तिथि है। गोविंददेवजी में 31 अक्टूबर को दीपावली
जयपुर के गोविंददेवजी समेत अन्य प्रमुख मंदिरों में 31 अक्टूबर को दीपावली मनाई जाएगी। वहीं अयोध्या में 1 नवंबर को दीप पर्व मनाया जाएगा। ये भी पढ़ें
कार्यक्रम की अध्यक्षता जयपुर के वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य प्रो. रामपाल शास्त्री करेंगे। इसके अतिरिक्त केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय निदेशक प्रो. सुदेश शर्मा, जगद्गुरु संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रामसेवक दुबे, प्रो. अर्कनाथ चौधरी, प्रो. भास्कर श्रोत्रिय, प्रो. ईश्वर भट्ट, प्रो. कैलाश शर्मा सहित देश के करीब 100 प्रख्यात विद्वान इस सभा में हिस्सा लेंगे। पंचांगों, और शास्त्रीय प्रमाणों के आधार पर होगी चर्चा
इस धर्मसभा में विभिन्न ज्योतिषीय गणनाओं, पंचांगों और शास्त्रीय प्रमाणों के आधार पर गहन चर्चा की जाएगी। सभा का उद्देश्य एक सर्वसम्मत निर्णय करके समाज में व्याप्त संशय को दूर करना है। ताकि पूरे देश में दीपावली पर्व एक साथ शुभ मुहूर्त में मनाया जा सके। जयपुर के विद्वान अभी एक राय नहीं 31 अक्टूबर को दीपावली मनाने के तर्क
जगदगुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राम सेवक दुबे कहते हैं- दीपावली को लेकर मतभेद पंचांगों की स्थितियों को लेकर है। पंचांगों के अनुसार, मुख्य रूप से अमावस्या कब होगी, इस पर दीपावली का त्योहार निर्भर करता है। 31 अक्टूबर की शाम 4 बजे के बाद सायंकाल अमावस्या मिल रही है और इस दिन पूरी रात अमावस्या तिथि है। गृहस्थों और तंत्र साधना वालों को 31 अक्टूबर को प्रदोष काल में अमावस्या मिल रही है। इस तर्क के आधार पर 31 अक्टूबर को दीपावली मनाने की बात कही जा रही है। 1 नवंबर को दीपावली मनाने के तर्क
एक तर्क ये भी है कि दीपावली प्रदोष काल का पूजन है। प्राय: पर्व में उदया तिथि और सायंकाल में कौन सी तिथि रहेगी इसे देख कर विचार करते हैं। ऐसे में 1 नवंबर को दोनों समय में अमावस्या की तिथि मिल रही है। इसी दिन शाम 6 बजकर कुछ मिनट तक अमावस्या मिल रही है। यानी उदय काल से लेकर सायं काल तक अमावस्या तिथि है। गोविंददेवजी में 31 अक्टूबर को दीपावली
जयपुर के गोविंददेवजी समेत अन्य प्रमुख मंदिरों में 31 अक्टूबर को दीपावली मनाई जाएगी। वहीं अयोध्या में 1 नवंबर को दीप पर्व मनाया जाएगा। ये भी पढ़ें