सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को सिटीजनशिप एक्ट की धारा 6A की वैधता पर फैसला सुनाएगा। इस धारा को 1985 में असम समझौते को आगे बढ़ाने के लिए संशोधन के बाद जोड़ा गया था। CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 जजों की कॉन्स्टीट्यूशन बेंच ने 12 दिसंबर 2023 को 17 याचिकाओं पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। बेंच में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस एमएम सुंदरेश, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल थे। दिसंबर 2023 में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा था कि वह भारत में अवैध प्रवास की सीमा के बारे में सटीक डेटा नहीं दे पाएगी क्योंकि इस वे चोरी-छिपे आए हैं। क्या कहती है सिटीजनशिप एक्ट की धारा 6A
असम समझौते के तहत भारत आने वाले लोगों की नागरिकता से निपटने के लिए एक विशेष प्रावधान के रूप में नागरिकता अधिनियम में धारा 6ए जोड़ी गई थी। जिसमें कहा गया है कि जो लोग 1985 में बांग्लादेश समेत क्षेत्रों से 1 जनवरी 1966 या उसके बाद लेकिन 25 मार्च 1971 से पहले असम आए हैं और तब से वहां रह रहे हैं, उन्हें भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए धारा 18 के तहत अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। नतीजतन, इस प्रावधान ने असम में बांग्लादेशी प्रवासियों को नागरिकता देने की अंतिम तारीख 25 मार्च 1971 तय कर दी। दिसंबर 2023 में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की महत्वपूर्ण टिप्पणियां मामले से जुड़ी क्रोनोलॉजी
असम समझौते के तहत भारत आने वाले लोगों की नागरिकता से निपटने के लिए एक विशेष प्रावधान के रूप में नागरिकता अधिनियम में धारा 6ए जोड़ी गई थी। जिसमें कहा गया है कि जो लोग 1985 में बांग्लादेश समेत क्षेत्रों से 1 जनवरी 1966 या उसके बाद लेकिन 25 मार्च 1971 से पहले असम आए हैं और तब से वहां रह रहे हैं, उन्हें भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए धारा 18 के तहत अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। नतीजतन, इस प्रावधान ने असम में बांग्लादेशी प्रवासियों को नागरिकता देने की अंतिम तारीख 25 मार्च 1971 तय कर दी। दिसंबर 2023 में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की महत्वपूर्ण टिप्पणियां मामले से जुड़ी क्रोनोलॉजी