जम्मू-कश्मीर को दो महीने में पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। एडवोकेट गोपाल शंकर नारायण ने जहूर अहमद भट और खुर्शीद अहमद मलिक की ओर से यह याचिका लगाई है। CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वे इस पर सुनवाई करेंगे। याचिका में कहा गया है कि अनुच्छेद 370 पर सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जम्मू-कश्मीर को जल्द ही पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का आश्वासन दिया था। हालांकि, मामले में फैसला आने के 10 महीने बाद भी केंद्र सरकार ने अब तक इस पर कोई कदम नहीं उठाया। अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला 11 अगस्त, 2023 को आया था। याचिका में कहा गया है कि यह संघवाद की मूल विशेषता का उल्लंघन है। यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकारों को प्रभावित करता है। इसलिए कोर्ट केंद्र सरकार को जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के निर्देश दें। पिछले साल केंद्र ने कहा था- UT बनाने का कदम अस्थायी है 29 अगस्त, 2023 को आर्टिकल 370 खत्म करने के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि राज्य को दो अलग यूनियन टेरिटरी (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांटने का कदम अस्थायी है। लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश ही रहेगा, लेकिन जम्मू-कश्मीर को जल्द ही फिर से राज्य बना दिया जाएगा। इस पर कोर्ट ने कहा कि वह राष्ट्रीय हित में जम्मू-कश्मीर को दो अलग यूनियन टेरिटरी में बांटने के केंद्र के फैसले को स्वीकृति देने की इच्छुक है। कोर्ट ने केंद्र से सवाल किया कि जम्मू-कश्मीर को यूनियन टेरिटरी बनाने का कदम कितना अस्थायी है और उसे वापस फिर से राज्य का दर्जा कब तक मिलेगा, इसकी जानकारी दें। पूरी खबर पढ़ें… 16 अक्टूबर को उमर ने CM पद की शपथ ली, कांग्रेस बोली- पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने 16 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके साथ ही वे इस केंद्र शासित राज्य के पहले CM बन गए। कार्यक्रम श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर (SKICC) में हुआ। नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस सरकार में शामिल नहीं हुई है। हालांकि, राहुल और प्रियंका गांधी कार्यक्रम में मौजूद रहे। कांग्रेस ने सरकार को बाहर से समर्थन दिया है। पार्टी का कहना है कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिलने तक उसकी लड़ाई जारी रहेगी। पूरी खबर पढ़ें… सितंबर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद राज्य में पहला विधानसभा चुनाव हुआ
अनुच्छेद 370 हटने के बाद पिछले महीन राज्य में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए थे। तीन फेज में हुए चुनाव का रिजल्ट 8 अक्टूबर को आया था। इसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। पार्टी को 42 सीटें मिली थीं। NC की सहयोगी कांग्रेस को 6 और CPI(M) ने एक सीट जीती थी। भाजपा 29 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। वहीं, 2014 के विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनी PDP को सिर्फ 3 सीट मिलीं। पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती भी बिजबेहरा सीट से हार गईं। पिछले चुनाव में पार्टी ने 28 सीटें जीती थीं। ……………………………………… जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिए जाने से जुड़ी से खबर भी पढ़ें… जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिलना कितना मुश्किल, उमर अब्दुल्ला के पास क्या रास्ते ‘नहीं, मैं चुनाव नहीं लड़ रहा हूं। मैं सबसे सशक्त राज्य का मुख्यमंत्री रहा हूं। मैं खुद को ऐसी स्थिति में नहीं देख सकता जहां मुझे अपने चपरासी की नियुक्ति के लिए LG (उपराज्यपाल) से पूछना पड़े। मैं LG के वेटिंग रूम के बाहर बैठकर उनसे यह नहीं कहूंगा कि, ‘सर, प्लीज फाइल पर साइन कर दीजिए।’ पूरी खबर पढ़ें…
अनुच्छेद 370 हटने के बाद पिछले महीन राज्य में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए थे। तीन फेज में हुए चुनाव का रिजल्ट 8 अक्टूबर को आया था। इसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। पार्टी को 42 सीटें मिली थीं। NC की सहयोगी कांग्रेस को 6 और CPI(M) ने एक सीट जीती थी। भाजपा 29 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। वहीं, 2014 के विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनी PDP को सिर्फ 3 सीट मिलीं। पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती भी बिजबेहरा सीट से हार गईं। पिछले चुनाव में पार्टी ने 28 सीटें जीती थीं। ……………………………………… जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिए जाने से जुड़ी से खबर भी पढ़ें… जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिलना कितना मुश्किल, उमर अब्दुल्ला के पास क्या रास्ते ‘नहीं, मैं चुनाव नहीं लड़ रहा हूं। मैं सबसे सशक्त राज्य का मुख्यमंत्री रहा हूं। मैं खुद को ऐसी स्थिति में नहीं देख सकता जहां मुझे अपने चपरासी की नियुक्ति के लिए LG (उपराज्यपाल) से पूछना पड़े। मैं LG के वेटिंग रूम के बाहर बैठकर उनसे यह नहीं कहूंगा कि, ‘सर, प्लीज फाइल पर साइन कर दीजिए।’ पूरी खबर पढ़ें…